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अम्बेडकर के न कारात्मक सोच ने हिन्दुओं को बांटा है |
Mahender Pal Arya
06 Dec 16
[post-views]
अम्बेडकर की नकारात्मक सोचने हिन्दुओं को बांटा |
हम भारतियों ने सत्य को जानने का प्रयास ही नही किया, सत्य को अपनाना तो बहुत दूर की बात है | हम थोडा विचार करें, कुछ बिन्दुओं पर विचार करने से ही सत्य को समझना, सत्य का पाया जाना संभव है, बिना विचारे सत्य के नज़दीक हम नही जा सकते | विचार करने के लिये चाहिए दिमाग,और विचारों के बगैर निर्णय करना निर्णय लेना सम्भव ही नहीं है |
आज बिगड़ी है डगर, उस बिगड़ी डगर को बदलो, गाँव को और नगर को बदलो |
टोपी को बदलने से न बदलती है निज़ाम,गर बदलना है इन्सान के सर को बदलो ||
इन्सान के सर को बदलने का तरीका मात्र विचार ही है, इन्ही विचारों से ही कोई राष्ट्र भक्त बनता है, और कोई राष्ट्र द्रोही बनजाता है | आये दिन हम सभी लोग यही सब देखते और सुनते रहते हैं | कोई ISI से जा मिल रहा है, कोई नक्शालियों से जा मिल रहा है | कोई, कोई वहां से निकलकर राष्ट्र के मुख्य धरा से भी जुड़ रहा है |
इन्हीं विचारों से कोई गाय को मा ता री कहता है, और इन्हीं विचारों से कोई उसे तरकारी समझता है | अनेक प्रमाण है देने के लिये, इतिहास भरे पड़े हैं हम ने जाना नही जानने का प्रयास भी नही किया,सत्य को अपना ना तो दूर की बात है |
आज हमारे भारत में और अन्य देशों में लगभग 4 स्थानों में अम्बेडकर के नाम से लोग अनुष्ठान मनाया हैं, उनके जीवन से जुड़े बहुत सी बातों को लोग सुन और सुना रहे हैं | उनकी महानता बता रहे हैं, उनकी श्रेष्टता सुना रहे हैंआदी |
किन्तु अम्बेडकर ने सत्य को छोड़ असत्य को धारण किया धर्म को छोड़ एक मत व पंथ कोअपना कर हिन्दुओं को हिन्दुओं से ही गाली दिलवा दिया | तिलक, तराजू, और तलवार इनके मारो जुते चार |
अम्बेडकर यदि बौद्धमत को ना अपना कर इस्लाम स्वीकार कर लेता तो भी हिन्दुओं को यह गाली देने वाला कोई नही था |
मुस्लमान पहले भी थे अब भी हैं, अगरअम्बेडकर मुस्लमान बन जाता तो उनके साथी एक्का दुक्का ही मुसलमान बनते | मुस्लमान हिन्दुओं को अपना दुश्मन मानते हैं, मुसलमानों को हिन्दुओं से दोस्ती तक रखने को अल्लाह ने मना किया है इतना सब कुछ हो कर भी मुसलमानों को कत्ल किया है | चाहे हकिकत राय का कत्ल किया हो | गुरु तेगबहादुर का कत्ल हो, गुरु गोबिन्द सिंह से लेकर उनके चार लड़कों का कत्ल किया गया हो | भाई मोती दास व सती दास का कत्ल हुवा हो एक लम्बी लिष्ट है जिन गुरुओं ने अपना सर मुसलमानों के हाथ कटवाकर हिन्दू और हिंदुत्व की रक्षा की है |
उसमें भी हिन्दुओं को कोई गाली नही दिया पर आज हिन्दुओं की अ दूरदर्शिता के कारण, ब्राह्मण, क्षत्रीय वैश्य, को खुले आम गाली एक अम्बेडकर के कारण ही सुनाया जा रहा है | हिन्दू सत्य को आज भी जानने का प्रयास नही किया और करना भी नहीं चाहता है | कहीं हाथी के नाम से राजनीति यह भी अम्बेडकर से हुवा है |
जब की हमारी वैदिक संस्कृति में मानव मात्र का एक ही जाती बताया गया प्रसव होने का तरीका जिनका एक है, वह सभी एक ही जाती के हैं | जिन मनु महाराज ने हमें आचार संहिता {कानून } व्यवस्था दी है उन्ही मनु को यह अम्बेडकरवादी गाली दे रहे हैं उसे पढ़े बिना, जाने बिना ही मनुवादी कह कर बदनाम किया जा रहा है यह सब अम्बेडकर की महरबानी है | अम्बेडकर के इस नादानी और अज्ञानता को लोगों ने जानने का प्रयास नही किया | आज अगर जरूरत है तो हमें सत्य क्या है उसे जानने की जरूरत है लोगों के दिल और दिमाग में इस सत्य को भर ने की जरूरत है | जिसे लोगों ने जाना तक नही जाती के नाम से आरक्षण जो अन्यों के साथ सरासर अन्याय है |
महेन्द्रपाल आर्य =वैदिकप्रवक्ता =दिल्ली =6/12/16=