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अल्लाह का कौन सा कहना सही है ? इसे अमरीकी राष्ट्रपति को सुनाने का क्या मतलब ??

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IMAM MOHAMED ON AMERICAN MUSLIMS AND TRUMP ADMINISTRATION -https://www.youtube.com/watch?v=CXJcdyjX1uw
अभी मैं लैपटॉप खोला youtube,पर बंगला देश का चेनल में यह सुनाया गया की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रोनल किसी धर्म सम्मेलन में गयेथे, जहाँ अनेक धर्मों के जानकर अपने अपने विचार दिया है | इसमें एक मस्जिद के इमाम ने कुरान की दो आयात अमरीकी राष्ट्रपति को सुनाया जो निम्न प्रकार है |
यह है सूरा रूम का आयत22 का और
सूरा हुजरात =आयत 13 का है ||

इस आयात से इमाम साहब क्या बताना चाहते हैं उसकी जानकारी नही दी गई मैंने इसे कुरान से उठा कर दुनिया वालों के सामने रख रहा हूँ | जो कुरानी अरबी. उर्दू अनुवाद मौदूदी साहब का | हिन्दी अनुवाद फारुख खान का,english अनुवाद अब्दुल्लाह यूसुफ़ अलि का ,और बंगला अनुवाद जहुरुल हक़ का है |

इस आयात से अमरिकी राष्ट्रपति ट्रैम्प को सुनाकर इमाम ने क्या सन्देश दिया ? और दुनिया वालों को इस कुरानी आयात से क्या मिल रहा है आप लोग भी इसे गौर से पढ़ें |

यह है सूरा रूम का आयत22
ومَنْ آيَاتِهِ خَلْقُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَاخْتِلَافُ أَلْسِنَتِكُمْ وَأَلْوَانِكُمْ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ
لِّلْعَالِمِينَ [٣٠:٢٢]
اور اس کی نشانیوں میں سے آسمانوں اور زمین کی پیدائش، اور تمہاری زبانوں اور تمہارے رنگوں کا اختلاف ہے یقیناً اس میں بہت سی نشانیاں ہیں دانشمند لوگوں کے لیے
﴿٢٢﴾

और उस (की कुदरत) की निशानियों में आसमानो और ज़मीन का पैदा करना और तुम्हारी ज़बानो और रंगतो का एख़तेलाफ भी है यकीनन इसमें वाक़िफकारों के लिए बहुत सी निशानियाँ हैं |
And among His Signs is the creation of the heavens and the earth, and the variations in your languages and your colours: verily in that are Signs for those who know.
﴿٢٢﴾

আর তাঁর নিদর্শনাবলীর মধ্যে হচ্ছে মহাকাশমন্ডলী ও পৃথিবীর সৃষ্টি, আর তোমাদের ভাষা ও তোমাদের বর্ণের বৈচিত্র। নিঃসন্দেহ এতে তো নিদর্শনাবলী রয়েছে জ্ঞানী লোকদের জন্য।
यह है सूरा हुजरात,आयत 13
يَا أَيُّهَا النَّاسُ إِنَّا خَلَقْنَاكُم مِّن ذَكَرٍ وَأُنثَىٰ وَجَعَلْنَاكُمْ شُعُوبًا وَقَبَائِلَ لِتَعَارَفُوا ۚ إِنَّ أَكْرَمَكُمْ عِندَ اللَّهِ أَتْقَاكُمْ ۚ إِنَّ اللَّهَ عَلِيمٌ خَبِيرٌ [٤٩:١٣]
لوگو، ہم نے تم کو ایک مرد اور ایک عورت سے پیدا کیا اور پھر تمہاری قومیں اور برادریاں بنا دیں تاکہ تم ایک دوسرے کو پہچانو در حقیقت اللہ کے نزدیک تم میں سب سے زیادہ عزت والا وہ ہے جو تمہارے اندر سب سے زیادہ پرہیز گار ہے یقیناً اللہ سب کچھ جاننے والا اور باخبر ہے
﴿١٣﴾

लोगों हमने तो तुम सबको एक मर्द और एक औरत से पैदा किया और हम ही ने तुम्हारे कबीले और बिरादरियाँ बनायीं ताकि एक दूसरे की शिनाख्त करे इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा के नज़दीक तुम सबमें बड़ा इज्ज़तदार वही है जो बड़ा परहेज़गार हो बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफ़कार ख़बरदार है
O mankind! We created you from a single (pair) of a male and a female, and made you into nations and tribes, that ye may know each other (not that ye may despise (each other). Verily the most honoured of you in the sight of Allah is (he who is) the most righteous of you. And Allah has full knowledge and is well acquainted (with all things).
ওহে মানবজাতি! নিঃসন্দেহ আমরা তোমাদের সৃষ্টি করেছি পুরুষ ও নারী থেকে, আর আমরা তোমাদের বানিয়েছি নানান জাতি ও গোত্র যেন তোমরা চিনতে পার। নিশ্চয় আল্লাহ্‌র কাছে তোমাদের মধ্যে সব-চাইতে সম্মানিত সেইজন যে তোমাদের মধ্যে সব- চাইতে বেশি ধর্মভীরু। নিঃসন্দেহ আল্লাহ্ সর্বজ্ঞাতা, পূর্ণ-ওয়াকিফহাল।
कुरान के इन आयात को दुनिया वालों अगर आप गौर से पढ़ेंगे तो अल्लाह ने कहा हमारी निशानियों में,आसमानों और ज़मीन का पैदा करना | सभी दुनिया वालों मिलकर इन अल्लाह वालों से यह पूछें की आसमानों का क्या मतलब आसमान एक है अथवा अनेक ? किसे कहते हैं आसमान जिस को अल्लाह ने अनेक बताया है ? फिर जमीन को पैदा किया, पैदा होने के कितने प्रकार हैं ? पैदा किस प्रकार से की जाती है जमीं को अल्लाह ने किस चीज से पैदा किया ? कारन पैदा शब्द में ही तीन के संकेत है ? एक से पैदा होना, एक के द्वारा पैदा होना ? एक के लिए पैदा होना |
वैदिक मान्यता में जिसे ईश्वर= प्रकृति =और जीव= बताया इन तिनों के बिना किसी चीज का बनना संभव नही तो अल्लाह ने जमीं को किस चीज से बनाया ?
आगे की आयात में एक स्त्री और एक पुरुष से बनाया बताया | किन्तु कुरान की दूसरी जगहों में अल्लाह ने कहा खन खनाती, मिट्टी से इन्सान को बनाया,फिर कहा गारेसे इन्सान को बनाया |
देखें उसी कुरान में सूरा =21 का आयत 91 को +सूरा =4 =आयत =1 को +सूरा 76 =आयत 2 + सूरा =96 = आयत 2 को देखें | सब जगह अलग अलग ही है कहीं पर एक बात नहीं है न मालूम अल्लाह की कौन सी बात सही है ? इसे दुनिया वालों को क्या समझाना चाहते हैं अल्लाह, और अल्लाह के बन्दे मुसलमानों ने क्या समझकर औरों को जन करी देना छह रहे हैं ?
महेन्द्रपाल आर्य =वैदिक प्रवक्ता =दिल्ली =29 जनवरी = 017

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