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अल्लाह का पक्षपात

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||अल्लाह का पक्षपात ||
وَعَلَّمَ آدَمَ الْأَسْمَاءَ كُلَّهَا ثُمَّ عَرَضَهُمْ عَلَى الْمَلَائِكَةِ فَقَالَ أَنبِئُونِي بِأَسْمَاءِ هَٰؤُلَاءِ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ [٢:٣١]
और (आदम की हक़ीक़म ज़ाहिर करने की ग़रज़ से) आदम को सब चीज़ों के नाम सिखा दिए फिर उनको फरिश्तों के सामने पेश किया और फ़रमाया कि अगर तुम अपने दावे में कि हम मुस्तहके ख़िलाफ़त हैं। सच्चे हो तो मुझे इन चीज़ों के नाम बताओ सूरा बकर =2 =आयत 31
देखें आदम को हर चीजों का नाम सिखा दिया या बतादिया, और फरिश्तों को अबतक बताया भी नहीं, की जिन्होंने अल्लाह की इबादत करने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ी | उन्हें अर्थात उन फरिश्तों को नाम नहीं बताया अल्लाह ने किन्तु फरिश्तों से बताया जा रहा है की अगर तुम सत्य बोलने वाले हो तो इन सब चीजों का नाम बताव अगर सत्यवादी हो तो |
 
قَالُوا سُبْحَانَكَ لَا عِلْمَ لَنَا إِلَّا مَا عَلَّمْتَنَا ۖ إِنَّكَ أَنتَ الْعَلِيمُ الْحَكِيمُ [٢:٣٢]
तब फ़रिश्तों ने (आजिज़ी से) अर्ज़ की तू (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है हम तो जो कुछ तूने बताया है उसके सिवा कुछ नहीं जानते तू बड़ा जानने वाला, मसलहतों का पहचानने वाला है सूरा बकर =आयत 32
 
फ़रिश्ते बिलकुल सत्य बोलने वाले थे, और साफ कहा हे अल्लह हमें कहाँ इसकी जान करी होगी ? जिनता ज्ञान तूने हमें दिया है हम तो उतना ही जानते है उससे ज्यादा नहीं | यह बात बिलकुल सत्य है |
قَالَ يَا آدَمُ أَنبِئْهُم بِأَسْمَائِهِمْ ۖ فَلَمَّا أَنبَأَهُم بِأَسْمَائِهِمْ قَالَ أَلَمْ أَقُل لَّكُمْ إِنِّي أَعْلَمُ غَيْبَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَأَعْلَمُ مَا تُبْدُونَ وَمَا كُنتُمْ تَكْتُمُونَ [٢:٣٣]
(उस वक्त ख़ुदा ने आदम को) हुक्म दिया कि ऐ आदम तुम इन फ़रिश्तों को उन सब चीज़ों के नाम बता दो बस जब आदम ने फ़रिश्तों को उन चीज़ों के नाम बता दिए तो खुदा ने फरिश्तों की तरफ ख़िताब करके फरमाया क्यों, मैं तुमसे न कहता था कि मैं आसमानों और ज़मीनों के छिपे हुए राज़ को जानता हूँ, और जो कुछ तुम अब ज़ाहिर करते हो और जो कुछ तुम छिपाते थे (वह सब) जानता हूँ | सूरा बकर =आयत 33
 
अब खुदा ने आदम को हुक्म दिया उन सभी चीजों के नाम बताने को कहा | और अदामने उन सभी चीजों का नाम फरिश्तों बताया | फिर खुदा फरिश्तों से कहा नाम बताने के लिए | जब आदम ने बताया सभी चीजों का नाम |””””
फिर अल्लाह ने कहा मैंने नहीं बताया था क्या तुम्हें जो तुम नहीं जानते हो वह मैं जानता हूँ |
यही है अल्लाह का पक्षपात क्या अल्लाह पर यह पक्षपात का दोष जग रहा है या नहीं ? इसी प्रकार का दोष कुरान भरा पड़ा है | जो सवाल ऋषि दयानंद जी ने उठाया है अपने सत्यार्थ प्रकाश में | यही मैं विडिओ में भी बोला है उसे लिखकर देना मैं उचित समझा | की आप लोग भी इसपर चिंतन करें | महेन्द्रपाल आर्य = 20 /9 /18 =

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