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अल्लाह के विचारों में पक्ष पात
Mahender Pal Arya
अल्लाह की संकीर्ण, विचार धारा |
मानव समाज को यह बातें जरुर याद रखना चाहिए, की अल्लाह गुनाहों को माफ़ करते हैं जो मुसलमान है | किसी भी गैर मुस्लिम की गुनाह अल्लाह कभी भी माफ़ नहीं करते, भले ही कोई कितना ही सदाचारी हों, दानी हों,किसी प्रकार का कोई भी अच्छा काम करने वाला क्यों ना हो अल्लाह उनकी गुनाह माफ़ नहीं करते, अल्लाह के पास सिर्फऔर सिर्फ मुसलमानों की गुनाहों की माफी होगी अन्यों की नहीं अथवा किसी भी गैर मुस्लिमों की नहीं | इस में एक बात और भी है की अल्लाह किस मुस्लमान की गुनाह कब माफ़ करेंगे इसकी भी जानकारी किसी को नहीं एक अल्लाह को छोड़ कर |
अब सवाल उठता है की किसी मुसलमान ने अनजान में राम और रहीम दोनों को एक मानता हूँ कहदिया, जैसा बिहार का नेता खुर्शीद अहमद | इतना कहने के बाद उन्हें किसी ने कहा यह इस्लाम में वर्जित है, यह जानकारी मिलने पर मियां खुर्शीद जी ने अपनी गलती मानी और फिर सच्चे ह्रदय से अल्लाह से माफ़ी मांगी, तो क्या अल्लाह उनकी इस गलती को माफ़ नहीं करेंगे ? अब अल्लाह ने उन खुर्शीद अहमद की गलती माफ़ करदी, इधर इसलाम के पैरो कारों ने फतवा दिया खुर्शीद की बीबी का तलाक हो गया, वे इस्लाम से ख़ारिज हो गये उन्हें इस्लाम से निकाल दिया गया वह मूर्तिद होगये आदि |
इधर अल्लाह ने उन्हें माफ़ करदिया और मुफ्तियों ने उन्हें मुस्लिम समाज से निकाल दिया, फिर तो भाई खुर्शीद जी के लिए ठीक ऐसा हुवा जैसा, ना खुदा ही मिला ना वेसाले सनम ना इधर के रहे और ना उधरके | यह है इस्लाम और इस्लाम की संकीर्ण,विचारधारा जो मानवको मानवता से हटा देती है, मुस्लिम समाज ने उन्हें निकाल दिया पत्नी भी गवां बैठे | अपने बच्चों को भी शरियते इस्लाम खुर्शीद के साथ रहने की अनुमति नहीं देने वाले, बच्चे भी अपने माँ के साथ जाने को मजबूर होंगे पिता का साया उन बच्चों से हटेगा, यह है इस्लाम |`
अभी एक मुस्लिम महिला का मसला भी सामने आया जो कांग्रेस की नेत्री है और गेरुवा साडी पहनने पर मुफ्तियों ने उनपर फतवा जारी किया | यह है शरियते इस्लाम, जो अपने को छोड़ किसी की भी परम्परा को स्वीकारने को तैयार नहीं यह कैसी विचारधारा है ?
गेरुवा वस्त्र भारतीयता की निशानी है, सन्यास आश्रम वालों के लिए चयन किया ऋषियों ने यह ऋषि और मुनियों का देश है, हमारे चार आश्रम वालों के वस्त्र का चयन ऋषियों ने किया है यह गेरुवा वस्त्र सन्यासी का पहनावा है जो इस्लाम को पसंद नहीं | तो जिस देश के पताका में वही गेरुवा रंग हो, फिर उस देश में इसलाम का रहना किस लिए उचित है ?
अब मानव कहलाने वाले विचार करें जो अरबी इस्लाम भारत के महापुरषों का अनादर करें सन्यासीयों के वस्त्र से भी नफरत करें ऐसे इर्शालू और अमानवीय इस्लामिक विचारधारा का भारत में रहना किसलिए उचित होगा ?
अब जो महिला नूरी ने गेरुवा साडी पहनी और वह भी अल्लाह से माफ़ी चाहेगी तो क्या अल्लाह बेचारी नूरी की दुवा कुबूल नहीं करेंगे ?
जब अल्लाह ने हज़रत आदम को मना किया था, की जन्नत के बीच जो पेड़ लगे हैं उसका फल मत खाना | देखें कुरान सूरा ताहा =117
فَقُلْنَا يَا آدَمُ إِنَّ هَٰذَا عَدُوٌّ لَّكَ وَلِزَوْجِكَ فَلَا يُخْرِجَنَّكُمَا مِنَ الْجَنَّةِ فَتَشْقَىٰ [٢٠:١١٧]
तो मैंने (आदम से कहा) कि ऐ आदम ये यक़ीनी तुम्हारा और तुम्हारी बीवी का दुशमन है तो कहीं तुम दोनों को बेहिश्त से निकलवा न छोड़े तो तुम (दुनिया की) मुसीबत में फँस जाओ |
अब अल्लाह के मना करने पर भी जब अदम पत्नी, और आदम दोनों ने उसी फल को खाया तो अल्लाह ने आदम पति पत्नी दोनों को जन्नत से निकाल दिया और धरती पर आगये, अथवा पृथ्वी पर पटक दिया दोनों को अल्लाह ने |
अब हज़रत आदम अपनी गलती का अहसास किया, और 40 साल तक यही फरियाद करते रहेअल्लाह ने फिर उनकी दुवा कुबूल करली | यह अल्लाह का ही फरमान है देखें कुरान सूरा 7 =आयत 23
قَالَا رَبَّنَا ظَلَمْنَا أَنفُسَنَا وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ الْخَاسِرِينَ [٧:٢٣]
ये दोनों अर्ज क़रने लगे ऐ हमारे पालने वाले हमने अपना आप नुकसान किया और अगर तू हमें माफ न फरमाएगा और हम पर रहम न करेगा तो हम बिल्कुल घाटे में ही रहेगें |
अब किनका कहना सही है अल्लाह का अथवा अल्लाह के बन्दे उन मुफ्तियों का ? इस पर इस्लाम के जानकारों का क्या कहना है इसे जानने के लिए ईच्छुक भारत वासी |
महेन्द्रपाल आर्य =11 / 2 / 18 =