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आतंकी फौज पाकिस्तान ही नहीं अल्लाह भी भेजता
Mahender Pal Arya
|| फौज पाकिस्तान ही नहीं अल्लाह भी भेजता है ||
आज सम्पूर्ण भारत ही नहीं पूरी दुनिया आज आतंकवादीयों से परेशान,आभि अभी भारत में जो ताज़ा घटना पुलवामा में घटी, उसके बदले में भारत ने अपना जलवा दिखाया, हमारे जांबाजों ने अपनी शौर्यता,और पराक्रम दिखाया, जिसे लोकाचार में कहा जाता है साँप को मारो लाठी न टूटे को चरितार्थ किया पूरी दिनिया ने इस वीरता को देखा है |
यह तो दुनिया जानती है की इस्लामी देश अनेक है, किन्तु अल्लाह के उपदेश को चरितार्थ किया है पाकिस्तान लड़ रहा हैं भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए जिसे गजवाये हिन्द कहकर पुकारा जा रहा है, और सम्पूर्ण पाकिस्तान में इसे प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है, इस्लामी आतंक्वावियों के द्वारा और यह आतंकवादी सरकारी श्रेय व सहयोग से पनप रहा हैं | इसमें इसलामिक देश का भीतर खाने से समर्थन है, हथियार खरीदने का धन उपलव्ध अरब देश ही करा रही हैं |
दरअसल बात जहाँ तक इस्लामिक आतंकवाद की है, तो यह सत्य है की आतंकवाद का जन्म दाता इस्लाम का अल्लाह खुद है, और अल्लाह का उपदेश कुरान है | भले ही कुछ जाहिलों के द्वारा यह कहा जा रहा है की आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, यह कोरा झूठ है | प्रमाण इसका कुरान है इस्लाम वाले जिस कुरान को क्लामुल्लाह {ईश्वरी, दैवीय } मानते है, और इस्लाम का सारा दारोमदार यही कुरान है |
इस्लाम जन्म काल से गैर इस्लामियों से लड़ता आया अल्लाह के हुक्म से, और अल्लाह ने उसी कुरान में मुसलमानों को प्रोत्साहित किया गैर मुस्लिमों से लड़ने के लिए | इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद अपने जीवन में अनेक लड़ियाँ लड़ी दो लड़ाई उनके जीवनमें उल्लेखनीय है,एक उहुद, दूसरा बदर की लड़ाई, इसमें एक में दुश्मनों ने मार कर मुहम्मद के दांत भी तोड़ दिया था, यह उल्लेखनीय लड़ाई थी | इस लड़ाई में अल्लाह ने इस्लाम फ़ैलाने के लिए तो मुहम्मद के पक्षमें अपना लड़ाकू फ़रिश्ता भी भेज दिया जिससे इसलाम फ़ैलाने में,मुहम्मद को मदद मिले | देखें प्रमाण कुरान से जो नीचे दे रहा हूँ |
إِذْ تَقُولُ لِلْمُؤْمِنِينَ أَلَن يَكْفِيَكُمْ أَن يُمِدَّكُمْ رَبُّكُم بِثَلَاثَةِ آلَافٍ مِّنَ الْمَلَائِكَةِ مُنزَلِينَ [٣:١٢٤]
पस तुम ख़ुदा से डरते रहो ताकि (उनके) शुक्रगुज़ार बनो (ऐ रसूल) उस वक्त तुम मोमिनीन से कह रहे थे कि क्या तुम्हारे लिए काफ़ी नहीं है कि तुम्हारा परवरदिगार तीन हज़ार फ़रिश्ते आसमान से भेजकर तुम्हारी मदद करे हॉ (ज़रूर काफ़ी है)
بَلَىٰ ۚ إِن تَصْبِرُوا وَتَتَّقُوا وَيَأْتُوكُم مِّن فَوْرِهِمْ هَٰذَا يُمْدِدْكُمْ رَبُّكُم بِخَمْسَةِ آلَافٍ مِّنَ الْمَلَائِكَةِ مُسَوِّمِينَ [٣:١٢٥]
बल्कि अगर तुम साबित क़दम रहो और (रसूल की मुख़ालेफ़त से) बचो और कुफ्फ़ार अपने (जोश में) तुमपर चढ़ भी आये तो तुम्हारा परवरदिगार ऐसे पॉच हज़ार फ़रिश्तों से तुम्हारी मदद करेगा जो निशाने जंग लगाए हुए डटे होंगे और ख़ुदा ने ये मदद सिर्फ तुम्हारी ख़ुशी के लिए की है
وَمَا جَعَلَهُ اللَّهُ إِلَّا بُشْرَىٰ لَكُمْ وَلِتَطْمَئِنَّ قُلُوبُكُم بِهِ ۗ وَمَا النَّصْرُ إِلَّا مِنْ عِندِ اللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ [٣:١٢٦]
और ताकि इससे तुम्हारे दिल की ढारस हो और (ये तो ज़ाहिर है कि) मदद जब होती है तो ख़ुदा ही की तरफ़ से जो सब पर ग़ालिब (और) हिकमत वाला है
لِيَقْطَعَ طَرَفًا مِّنَ الَّذِينَ كَفَرُوا أَوْ يَكْبِتَهُمْ فَيَنقَلِبُوا خَائِبِينَ [٣:١٢٧]
(और यह मदद की भी तो) इसलिए कि काफ़िरों के एक गिरोह को कम कर दे या ऐसा चौपट कर दे कि (अपना सा) मुंह लेकर नामुराद अपने घर वापस चले जायें
لَيْسَ لَكَ مِنَ الْأَمْرِ شَيْءٌ أَوْ يَتُوبَ عَلَيْهِمْ أَوْ يُعَذِّبَهُمْ فَإِنَّهُمْ ظَالِمُونَ [٣:١٢٨]
(ऐ रसूल) तुम्हारा तो इसमें कुछ बस नहीं चाहे ख़ुदा उनकी तौबा कुबूल करे या उनको सज़ा दे क्योंकि वह ज़ालिम तो ज़रूर हैं
وَلِلَّهِ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۚ يَغْفِرُ لِمَن يَشَاءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشَاءُ ۚ وَاللَّهُ غَفُورٌ رَّحِيمٌ [٣:١٢٩]
और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब ख़ुदा ही का है जिसको चाहे बख्शे और जिसको चाहे सज़ा करे और ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबार है |
यह आयात है सूरा 3 अलइमरान का =आयत 124 से 129 तक है इसे मिलाकर देखें | अब सवाल यह है की पाकिस्तानी आतंकवादी भेजता है भारत में काफिरों को मारने के लिए, इसके सरगना हाफिज सयीद हो, मसूद अजहर हो या कोई और | किन्तु उन्ही इस्लामियों के पक्ष में काफिरों से लड़ने के लिए जहाँ अल्लाह खुद अपना फौज भेज रहे हों तो भारत सरकार इसे कैसे रोक पायेगी ?
सरकार हाफिज सयीद को मसूद अजहर को पकड़ तो सकती है पर अल्लाह को कहाँ पड़ने जाएगी यह भारत सरकार ? यह आतंकवादी इस्लामिक राष्र्ा बनाने के लिए लड़ रहा है और लडाने वाले अल्लाह खुद है इस भारत को इस्लामिक देश बनाने का ही नाम गजवाये हिन्द है जिसे यह चरितार्थ करना चाते हैं | इन्हें भले ही भारत हो अमेरिका इन आतंकवादियों को मार तो सकते हैं,पर इन आतंकवादी विचार जो कुरान में है उसे कौन और कैसा समाप्त करेगा ?
आज मानव कहलाने वालों को इसपर विचार करना चाहिए |
धन्यवाद के साथ = महेंद्र पाल आर्य =3 /3/ 19