Your cart

Smart Watch Series 5
$364.99x

Running Sneakers, Collection
$145.00x

Wireless Bluetooth Headset
$258.00x
Total:$776.99
Checkout
आर्य समाज में बड़े लोगों के टुकड़ों में पलने वाले कुत्ते ||

Mahender Pal Arya
06 Jul 22
334
आर्य समाज में कुछ टुकड़ों में पलने वाले कुत्ते ||
इन कुत्तों को सत्य असत्य का भी ज्ञान नहीं है और न हक़ ही ज्ञान प्रकाश अपने को बताते हैं, जैसे कोई ज्ञान प्रकाश जो आचार्य भी लिखता है अपने नाम से |
इस कुत्तों को सत्य कथन पसंद नहीं, और न यह सत्य को जानते हैं न सुनना चाहते हैं इसका कारण कुत्ते जो ठहरे टुकड़ा मिलना बंद हो जाये कहीं | सत्य न सुनने का मूल कारण यही है |
अभी बंगाल प्रान्त में आर्य प्रति निधि सभा चुनाम की जो घटना यथावत मैंने लिख कर विडिओ में बोल कर बताया वेह इन कुत्तों को पसंद नहीं आया | और खा मखा, मेरे नाम से असत्य लिख कर प्रचार किया |
मैं आर्य समाज में 1983 से काम कर रहा हूँ, सार्वदेशिक में ओम प्रकाश त्यागी जी के द्वारा नियुक्त हुआ 11 वर्ष तक सभा का प्रचारक रहा | उसके बाद स्वतंत्र प्रचार कर रहा हूँ इस 11 वर्षों में 6 वर्ष बंगाल प्रांतीय सभा में भी रहा | यह कारण है बंगाल की स्थिति को जानने और नजदीक से समझने का | प्रचारकी, की जो आयु मेरी है उनदिनों में यह कुत्ता पैदा भी नहीं लिया होगा |
उन दिनों से लेकर अब तक मेरे द्वारा जो, जो, काम किया हुआ है यह तथाकथित आचार्य कुत्ते सात जन्म में भी नहीं कर सकते |
बात वह नहीं है, बात मात्र इतना है की बंगाल प्रान्त में प्रचार क्यों नहीं हो पाया ? इसका कारण और निवारण मैंने अपने लेखनी में और विडिओ में दर्शाया है |
जब आर्य समाज बंगाल में 1885 में बनी तब से लेकर आज तक यह लोग बंगला भाषियों के बीच वैदिक विचार को ऋषि दयानंद जी के मंतव्यों को क्यों नहीं ले जा सके ?
सवाल यही है, आप बंगाल प्रान्त में रहकर जब बंगला भाषा को नहीं जानेंगे तो अपनी बात उन्हें कैसे बता पाएंगे भला ? हिन्दी में तो प्रचार पूरी दुनिया में है |
इसका ज़वाब इन कुत्तों के पास नहीं है और न हक़ बातका बतंगड़ बनाकर या बंगाल की स्थिति को न समझकर मेरे पारिवारिक जीवन के लिए लिखा तीन पत्नी है मैंने तीन शादी कर रखी है |
इस विरोध को पढ़ कर मुझे लगा की शायद इस तथा कथित आचार्य ज्ञान प्रकाश ने अपने बहन को मुझ से शादी कराइ होगी | वरना यह इतने भरोसे से लिखता कैसे ?
मतलब उसे पुरी जानकारी है मेरे परिबार के बारे में, वरना यह लिखना बिना जानकारी के संभव कैसा होता ?
सवाल यह पैदा तोता है की जिन्हें तुमने अपनी बहन से शादी कराइ हो तो उसे जानकार ही तो शादी कराइ होगी ? उस समय क्यों नहीं देख लिया था की इनकी शादी पहले से हो राखी है मैं अपनी बहन को कैसे दूँ ?
जब की यह स्तायता नहीं है मुझे दूसरी शादी क्यों करनी पड़ी इसे कुछ ही लोग जानते हैं ज्यादा जानकारी स्वामी शिवानन्द जी को हैं |
कारण वह जब गाजियाबाद सन्यास आश्रम के आचार्य थे उसी आश्रम में यह घटना घटी थी | उस आश्रम में राष्ट्र रक्षा सम्मलेन में जितने लोग उपस्थित थे उन सभी लोगों को जानकारी है जो 1994 की बात है |
उसके बाद यह ज्ञान प्रकाश ने फिर अपनी बहन को मेरी शादी में दी है तो किसकी गलती है उसकी खुदकी या मेरी ? जब तू जानता है की इनकी दो पत्नी है पहले से फिर मैं अपना बहन क्यों दूँ ? यह समझदारी किसे होनी चाहिए थी ?
इस मुर्ख प्रकाश ने बंगाल सभा की बातों को भुलाने का प्रयास किया इसे लिखकर मैं आज 6/7/ 2022 में लिख कर सम्पूर्ण आर्य जगत को चुनौती दे रहा हूँ की इसे सबके सामने प्रमाणित करें की मेरी तीन शादी है |
अगर इसे सत्य सिद्ध नहीं कर पाया तो वेह लोग क्या सजा लेना चाहेंगे यह भी निर्धारित करें | वरना मैं ऐसों पर मानहानि का दावा कर सकता हूँ | इसे जरुर याद रखना चाहिए | इन पागल कुत्तों को यह मालूम नहीं की अच्छे को काटने पर कुत्ता का भी पागलपन दुरुस्त हो जाता है |
यह मैं आज सबको लिखकर जानकारी दे रहा हूँ की सत्यता को जानें फिर उसके बाद कुछ कहें मैं कहाँ कहां बताता फिरूँगा |
आर्य जन सामने आ कर देखें मैंने क्या क्या काम किया है यह तथा कथित आर्य कहलाने वाले कई जन्मों तक नहीं कर पाएंगे | मेरा किया हुआ काम सबके सामने है जिस किसी को देखना हो उन्हें 1983 से अब तक मेरे काम को खंगालना चाहिए |
ज्यादा न लिखता हुआ, समय आने पर यह भी लिखूंगा की आर्य समाज में आ कर क्या देखा क्या पाया ? आर्य कहलाने वाले कौन हैं यह पुस्तक लिखूंगा | आज यहीं तक समाप्त हैं = महेंद्र पाल आर्य = 6/7/2022