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इसी जन्नती लोभ में बनते है आतंकवादी

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|| इसी जन्नती लोभ में बनते है आतंकवादी ||

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इस्लाम के मानने वाले आतंकवादी किसलिए बनते है, जरा ध्यान से इन इस्लामिक आलिमों को सुनिए जो कुरान और हदीसों के प्रमाण के साथ बोल रहे हैं | और इस्लाम के मानने वालों को प्रेरणा दे रहे हैं, अल्लाह के रास्ते में चलो अल्लाह के रास्ते पर चलने वालों को अल्लाह ने कुरान में बशारत { प्रतिश्रुति } दिया है, कैसे कैसे खाने पीने से लेकर सुन्दरी का भी परिवेषण किया जायगा जिसे हूर कहा है कुरान में अल्लाह ने |
और वह देखने में कैसे हैं उसका वर्णन सुनें, फिर उस से हमबिस्तर भी किया जायगा अर्थात {यौनसंवंध} किया जायगा, कैसे मजे लिए जायेंगे कितनी शक्ति बढ़ जाएगी बुढापे का नाम व निशां न होगा | और मौलाना यह भी कह रहे हैं, की तुम दुनिया में 1 मिनट भी नही रुक ते और वहां कितने देर तक मजा लिया जायगा,सुभानअल्लाह |
नोट :- मेरा सवाल इस्लाम जगत के इन्हीं आलिमों से है, की इस्लाम की मान्यता है जन्नतियों को खाने पीने के लिए दिया जायगा, किन्तु उन्हें मल, मूत्र,{रफय हाज़त} की ज़रूरत नही होगी | अगर यह बात सत्य या सच है, तो जन्नत के हूरों से लुत्फ़ उठाने वाले मौलाना यह बताएं की शारीर से जब कुछ निकलेगा नहीं तो मजा कैसे मिलेंगे ?
महेन्द्रपाल आर्य= वैदिकप्रवक्ता =30 जनवरी =017 =

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