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इसे कहते हैं अक्लके अन्धे और गाँठ के पुरे

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|| इसे कहते हैं अक्लके अन्धे और गांठ के पुरे ||
मूर्ति कोअपना रक्षक मानते हैं उसी मूर्ति पर चढ़ाए गए हीरा चोरी गई केस आज सुप्रीमकोर्ट में जो मूर्ति अपने ऊपर चढ़ी हीरा की रक्षा नहीं की तो औरों की रक्षा, अपने भक्तों की रक्षा क्या करते और कैसे कर सकते हैं भला ?
 
यह तो आँखों देखा हाल है, इसे देख कर अगर हम मानव कहलाने वाले नहीं समझते, तो दुनिया में परमात्मा के बनाये और कौनसा प्राणी है भला जिसे अकलमंद कहा गया, समझदार माना गया, बुद्धिमान बताया गया ? इन सभी बातों को देख कर सुनकर भी मानव अपनी अकलमन्दी का परिचय ना दे सके तो कहाँ है जगह इनके मुह छुपाने के लिए ?
 
मानव श्रेष्ठ प्राणी है अपनी अकलमन्दी के कारण ही, सारा काम इनका अकल से होता है हमारी संस्कृति में ऋषियों ने हमें उपदेश दिया है मानव मात्र को की वह परमात्मा से अकलमन्द बनने की प्रार्थना करें | यानि परमात्मा से मेधा बुद्धि की विनती करें, धियोयोनः प्रचोदयात् की प्रार्थना करते हैं | मानव कहलाने वाले परमात्मा से यही विनती करते हैं, हे पिता आप हमें बुद्धि दीजिए जिस से की मैं मानव कहलाने का हक़दार बनूँ |
 
सिर्फ यही बुद्धि ही है जिस कारण हम मानव कहला सकते हैं अपने को, अगर बुद्धि बिगड़ गई या दिमागी सन्तुलन खो बैठे तो हम मानव कहलाने के बजाय पागल कहलायेगे या पागल कहलाये जायेंगे | आज इसी बुद्धिमानी के कारण इसराइल जैसे छोटे देश दुश्मनों के दांत खट्टे कर रखे हैं | जिस भारत में जन्में ऋषि मुनियों ने दुनिया को जीने की कला बताई दोस्त और दुश्मन का पहचान बताया | दुश्मनों से कैसे निमटने की कला सिखाई, मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने बिना हथियार के बिना लावलश्कर के रावण जैसों को मार गिराया |
 
योगेश्वर कृष्ण ने पूतना से खेल शुरू कर अपने मामा= कंस=की अमानवीय व्यबहार को सहन नहीं किया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया | अर्थात न्याय करने में अपना पराया देखा नहीं जाता पक्षपात से अलग हो कर ही न्याय किया जाना सम्भव है इन्ही बातों को हमारे महापुरुषों ने सृष्टि के आदि से हमें बताते आये किन्तु हम ऋषि सन्तान कहलाने वालों ने उसपर ध्यान ही नहीं दिया सुनकर भी अनसुनी करदी |नतीजा यह हुवा हम गुलाम बनगए मुसलमानों और ईसाइयों के, और जिन्हें हमने अपने देश में शरण दिया वही हमें धमकी दे रहा हैं, की मोदी यह तेरी बाप की जागीर नहीं है ?
 
अकबर उद्दीन ओवेसी को यह बोलने की हिम्मत किसने जुटाई ? अगर मोहम्मद गोरी को 16 बार जीवन दान नहीं मिलती | क्या आज यह बात हमें सुनना पड़ता ? बादशाह अकबर को अगर वीरबल अपने सत्य सनातन वैदिक धर्मी बना लेते क्या पाकिस्तान बनता या पाकिस्तानी आतंकवादी जन्म लेते ? यही वह सारा काम है जो हमने अपनी हट और दुराग्रह के कारण सत्य से दूर होने के कारण यही मूर्ति पूजा के कारण हमारा देश गुलाम बना था मुसलमानों का |
 
मूर्ति के भरोसे बैठे रहे हमारे यही आस्थावान हिन्दू कहलाने वाले लोग की मूर्ति ही हमारी रक्षा करेगी | अब जो मूर्ति अपने आभूषण की रक्षा नहीं कर सकी वह इन हिन्दुओं की रक्षा क्या करती भला ? इसे दुनिया भर के मन्दिरों में देख कर सुनकर भी हिन्दू अपनी आँखें नहीं खोलना चाहते तो कौन बचाएगा इन हिन्दुओं को ? मूर्ति राम के मंदिर को,बाबरी मस्जिद बनाने से नहीं रोक सकी | काशीविश्व नाथ मन्दिर को मुसलमानों के हाथ टूटने से नहीं बचा सकी, कृष्ण जन्मस्थली को मस्जिद बनने से भी नहीं रोक सकी आदि | आज पद्मनाभन मन्दिर से चोरी गई हीरा केस की सुनवाई आज सुप्रीमकोर्ट में है | जो मूर्ति अपनी आभूषण की रक्षा नहीं कर सकी वह इन हिन्दुओं की रक्षक है | ना जाने परमात्मा इन्हें अक्ल कब देंगे ?
महेन्द्रपाल आर्य = 4 /7 /17 =

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