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इस्लाम वाले कितने झूठे हैं देखें |

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इस्लाम वाले कितने झूठे है देखें |
कल जो विडिओ मैंने बनाकर आप लोगों को दिया MBBS मुन्ना भाई के बेटे इलियास शरफुद्दीन को खुली चुनौती के नाम से |
 
उसी विडिओ का कोमेंट्स आया है, इस्लामिक दवात वाले की तरफ से 10 घंटा पहले रात को ही इन्हों ने लिखा है | मैंने अभी सुबह देखा उसका जवाब लिख रहा हूँ |
इन्हों ने अंग्रेजी अक्षरों में लिखा है = pandit जी जरा झूठ कम बोलो = तुमने कहा की 4 ही रसूल को किताब मिला है, तुम्हारी जाहिलियत है | सूरा 13 राद का आयात 38 वाली कुल्ली अजनिल किताब हर दौर में किताब नाजिल हुवा |
 
सूरा गफिर 40, का आयात 78 – वालाकद अरसालना रसूलन में किताब यकीनन इससे पहले हम ने बहुत से रसूल भेजे = कुछ का ज़िक्र है, कुछ का नहीं है, और तुम्हारा झूठ यही पकड़ा गया की 4 रसूल है |
 
उसने जो अंग्रेजी अक्षरों में लिखा उसे मैं पूरा हिंदी में लिख दिया ताके सब लोगों को पढने में सुविधा हो | मेरा जवाब नीचे लिखता हूँ |
Islamic Dawah
• 10 hours ago
pandit ji Zara jhooth kam bola karo tumne kaha ki 4 hi rasool ko kitab mila tumhari jahliyat hai surah raad 13.38 wa li kulli ajnil kitaab Har daur main kitab najil hua surah Gafir 40.78..walakad arsalna rosoolan min kablika. yakinan isse pehle hamne bahut se rasool bheje kuchh ka zikr hai aur kuchh ka nahi hai aur tumhara jhoot yahi pakda gaya ki 4 rasool hai
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REPLY
Pandit Mahender Pal Arya
मेरे दिए गये जवाब देखें झूठे कौन है ?
 
मेरे भाई इस्लामिक दावा वाले =
इसी लिए तो मैंने कहा की कुरान को क्लामुल्लाह सिद्ध करके दिखाव = कुरान ईश्वरीय ज्ञान है इसे प्रमाणित करो यही तो मैं बोल रहा हूँ =
 
तो सामने आ कर यह सभी बातें क्यों नहीं रखते ? ताकि दुनिया वालों को भी पता लगे कौन सत्य वादी है ? और सत्यता कहाँ है कुरान में है क्या सच्चाई इसे दुनिया वालों के सामने प्रस्तुत करने में क्या जा रहा है ?
 
यहाँ पर तो आप की बात सिमित रह जायेगी सामने आ कर डिबेट में मुझे हरा दो हमारे साथ जितने भी लोग होंगे सब इस्लाम कुबूल कर लेंगे | यही तो मैं बार बार बोला रहा हूँ लिख भी रहा हूँ आप लोग सामने आने को ही तैयार नहीं है वह किस लिए ?
 
अब उसने जो आयत बताया है उसे मैं कुरान से कॉपी किया और यहाँ पेष्ट कर दिया | इसमें क्या लिखा है जरा आप लोह हिंदी अनुवाद को पढ़ कर देखें |
 
وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا رُسُلًا مِّن قَبْلِكَ وَجَعَلْنَا لَهُمْ أَزْوَاجًا وَذُرِّيَّةً ۚ وَمَا كَانَ لِرَسُولٍ أَن يَأْتِيَ بِآيَةٍ إِلَّا بِإِذْنِ اللَّهِ ۗ لِكُلِّ أَجَلٍ كِتَابٌ [١٣:٣٨]
और हमने तुमसे पहले और (भी) बहुतेरे पैग़म्बर भेजे और हमने उनको बीवियाँ भी दी और औलाद (भी अता की) और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि कोई मौजिज़ा ख़ुदा की इजाज़त के बगैर ला दिखाए हर एक वक्त (मौऊद) के लिए (हमारे यहाँ) एक (क़िस्म की) तहरीर (होती) है यह है सूरा 13 आयात 38 =
 
इसमें पैगम्बर भेजें और उनको बीवियां और औलाद भी दिया | इस में रसूल शब्द कहीं नहीं है | इन जाहिलों को मक्कारों को यह भी मालूम नहीं की पैगम्बर में और रसूल में क्या फर्क है क्या भेद है ? यह हमें जाहिल लिखा है जब की यह मात्र जाहिल ही नही गधा है | दुसी आयत को देखें |
وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا رُسُلًا مِّن قَبْلِكَ مِنْهُم مَّن قَصَصْنَا عَلَيْكَ وَمِنْهُم مَّن لَّمْ نَقْصُصْ عَلَيْكَ ۗ وَمَا كَانَ لِرَسُولٍ أَن يَأْتِيَ بِآيَةٍ إِلَّا بِإِذْنِ اللَّهِ ۚ فَإِذَا جَاءَ أَمْرُ اللَّهِ قُضِيَ بِالْحَقِّ وَخَسِرَ هُنَالِكَ الْمُبْطِلُونَ [٤٠:٧٨]
और तुमसे पहले भी हमने बहुत से पैग़म्बर भेजे उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके हालात हमने तुमसे बयान कर दिए, और कुछ ऐसे हैं जिनके हालात तुमसे नहीं दोहराए और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि ख़ुदा के ऐख्तेयार दिए बग़ैर कोई मौजिज़ा दिखा सकें फिर जब ख़ुदा का हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा तो ठीक ठीक फैसला कर दिया गया और अहले बातिल ही इस घाटे में रहे, |
 
यहाँ भी पैगम्बर भेजें लिखा है = इन अकाल के दुशमनों को कैसे समझाया जाय जानते खुद नहीं दुसरे पर दोष लगा रहे हैं | मैं बुला रहा हूँ मेरे से सामने बैठ कर डिबेट करों सत्य क्या है कहाँ है ? मैं बुला रहा हूँ सामने आने की हिम्मत नहीं और बकवास किये जा रहे हैं |
 
पैगम्बर तो एक लाख या दो लाख 24 हज़ार बताया गया है, किन्तु रसूल मात्र 4 ही हैं | जिन पर किताब नाजिल हुई उन्हें रसूल कहा जाता है जो चार ही हैं |
 
{1}मूसा पर तौरेत= {2} दाउद पर जबूर = {3} ईसा पर इन्जील ={4} मुहम्मद पर कुरान = इसके अति रिक्त रसूल कोई नहीं इन उल्लू को मालूम ही नहीं इन छोटी छोटी बैटन को भी नहीं जानते = जो प्राइमरी क्लास की किताब तालीमुल इस्लाम में पढाई जाती है |
अब अल्लाह ने क्या कहा जो मैं बोला हूँ उसे देखें – जो सवाल मैंने पूछा इन लोगों से
| وَمَا أَرْسَلْنَا مِن رَّسُولٍ إِلَّا بِلِسَانِ قَوْمِهِ لِيُبَيِّنَ لَهُمْ ۖ فَيُضِلُّ اللَّهُ مَن يَشَاءُ
وَيَهْدِي مَن يَشَاءُ ۚ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ [١٤:٤]
और हमने जब कभी कोई पैग़म्बर भेजा तो उसकी क़ौम की ज़बान में बातें करता हुआ (ताकि उसके सामने (हमारे एहक़ाम) बयान कर सके तो यही ख़ुदा जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिस की चाहता है हिदायत करता है वही सब पर ग़ालिब हिकमत वाला है |
 
यहाँ अल्लाह ने कहा मैंने हर एक कौम की जुबान में रसूल भेजा = मेरा सवाल संस्कृत = या हिंदी जुबान में कौन से रसूल भेजे अल्लाह ने ? जो जनता है सामने आओं दुनिया वालों को भी सत्यता का पता लगे = महेन्द्रपाल आर्य = 13 /5 /20
 

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