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|| इस भारत वर्ष को राजनेताओं ने,नानी का घर समझा लिया ||

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|| इस भारत वर्ष को राजनेताओं ने,नानी का घर समझ लिया ||

ना जाने हमारे भारत वर्ष में यह कौन सा तरीका अपना लिया देश के राजनीती पार्टियों ने, के जिसके मन में जो आ रहा है वह वही कहने लगे, और करने भी लगे हैं |
जैसा पिछले दिन अपने प्रान्त का झंडा बदलने की बात सामने आई, की भारतीय झन्डा ना लगा कर हम अपना प्रांतीय झंडा लगायेंगे कर्नाटक के मुख्य मंत्री ने कहा था |
कुछ प्रान्त के मुख्य मंत्री को जो मनमे आ रहा है वही कह रहे हैं, इससे यह पता नहीं लग पा रहा है की यह देश प्रान्तीय सरकार चला रही है अथवा इस देश को चलाने वाली सरकार केन्द्रीय सरकार है ?

अभी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही बन्देमातरम पर प्रतिवंध लगा दिया | क्या प्रांतीय सरकार अपने मनमानी तरीके से अपने प्रान्त को चलाएंगे किसी का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा क्या हमारा देश को ऐसा ही चलना है ?

यह कांग्रेसी- लोक सभा को प्राइमरी स्कूल समझ कर कागज का हवाई जहाज उड़ाने लग गये, क्या हमारी यही मर्यादा है ? हमारी शान यही है लोक सभा में इस प्रकार की घिनौनी हरकत 1947 से लेकर यही पहली बार इस प्रकार अभद्र व्यवहार किया गया | क्या यह क़ानूनी दायरे में नहीं आ सकता सांसदों के मनमे जो आएगा वही करते रहेंगे लोक सभा में ? किसका अनुशासन है इन ओछी हरकतों को रोकने के लिए, अथवा यह जिम्मेदारी किनकी है की सांसदों को अभद्र व्यबहार करने के लिए उन्हें दण्डित करें ?

क्या यह संविधान के दायरे में नहीं है यह अभद्रता क्या यह लोग कल किसी पर जूता भी फेकने लगेंगे, यही होता रहेगा लोकसभा में ? पिछले दिनों नोट से भरा बोरी भी लोक सभा के अन्दर से बरामद हुई थी आज तक जिसका पता ही नहीं लगा पाई सरकार की वह नोट भरी बोरी संसद के अंदर कौन लाया और किस प्रकार से लाई गई थी कौन था उस नोट से भरी बोरी को लाने वाला ?

कुछ प्रान्तीय सरकार तो यहाँ तक कह रही है की CBI को अपने प्रान्त में छापा मरने के लिए घुसने ही नहीं दिया जायगा | यह छापा किस लिए मारी जाती है ? दोषी को पकड़ने के लिए | और किसी प्रांतीय सरकार अगर छापा मारने से CBI को रोकती है तो क्या दोषी को पनाह देना नहीं होगा ? क्या इसमें केन्द्रीय सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर सकती ? तो देश चलाएंगी प्रांतीय सरकार अथवा केन्द्रीय सरकार चलाती है देश ?

मेरे विचार से भारत के केन्द्रीय सरकार को मजबूती से इस पर प्रांतीय सरकार पर शिकंजा कसनी चाहिए और किसी भी प्रकार का मनमानी प्रान्तीय सरकार द्वारा न हो सके यह ध्यान रखना चहिये |

लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन जी को चाहिए की जो लोग कागज का हवाई जहाज उड़ा रहे थे उन्हें, आने वाली चुनाव तक लोकसभा में आने ना दिया जाय | अगर एक, दो , पार्टी के लोगों के साथ यह सख्ती वर्ती जाये तो अच्छे अच्छे भी सुधर जायेंगे और यह जरूरी भी है |

दूसरी बात यह भी है की उन सांसदों के पीछे जितना भी खर्च होता है वह भारत की जनता का ही पैसा है | क्या हम भारत वासी अपनी खून पसीने की कमाई को उन सांसदों को पालने में लगायें जो सांसद कागज का हवाई जहाज उड़ायें ? क्या हम लोगों की मेहनत की कमाई इसी काम के लिए है ? भारतीय जनता की तरफ से यह आवाज उठानी चाहिए ||
मेरे विचारों को गंभीरता से सभी भारत वासी विचार करें और निर्णय लें की क्या करना चाहिए ? धन्यवाद के साथ महेन्द्रपाल आर्य = 4/1/19

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