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ऋषि और मुनियों ने कहा वेदों की ओर लौटो |

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|| ऋषि और मुनियों ने कहा वेदों की और लौटो ||
अब वेद वेदांग की जगह कुरान हदीसों के पीछे राजकोष खाली किया जा रहा है |
यह देश ऋषि और मुनियों की है, हमें उन्ही ऋषि संतान कहा जाता है भले ही हम संतान ऋषियों के हैं -पर जो उपदेश उन्हों ने हमें मानव मात्र को दिया उन्ही उपदेशों को हम नज़र अंदाज कर गये |

अथवा उन उपदेशों का हम ने पालन करना छोड़ा दिया जिस कारण आज यही ऋषि संतान ही दिक भ्रमित हो गये | और वेद वेदांग को पढने के बजाय कुरान और हदीसों को पढ़ने के लिए राजकोष खाली किया जाने लगा |
उन मदरसा में पढने वाले बच्चों को अनुदान देना कोई बुरी बात नहीं है | लेकिन बात बुरी तब है की हमारे पैसों से वह देश विरोधी शिक्षा प्राप्त करते रहें | भारत के मुख्य धारा में उन्हें जोड़ने के लिए वेद वेदांग गीता उपनिशद आदि को भी उन्हें पढ़ना चाहिए | तभी वह जान पाएंगे मानव व मानवता को राष्ट्र और राष्ट्रीयता को |

अगर हमारे पैसों से वह मात्र अरब और अरबी अल्लाह और पैगम्बरों को तथा अरबी लोगों की बातें पढ़ें तो इस देश के लिए खतरा ही होगा | जो अबतक हुवा है- रहते हैं लोग इसी देश में इस देश के हवापानी में जीवन जी रहे हैं किन्तु इस देश के मुख्य धारा से वह आज तक नहीं जुड़ सके |

इसी देश में रहकर पाकिस्तान जिन्दा बाद का नारा लगाते हैं | भारत विरोधी काम करते हैं | रहते भारत में पर भारत का कोई भी तेहवार नहीं मनाते | सुबह से शाम तक अरब का ही अनुकरण करते हैं | ऊपर से रास्ता जाम कर नमाज पढ़ते हैं लोगों के आवाजाही में वाधा डालते हैं |

क्या इसे धर्म कहा जायगा अथवा यही धर्म है ? किसी को परेशानी में डालना यही अगर धर्म है तो अधर्म किसे कहेंगे | और यही शिक्षा मदर्सों की है | सभी किताबों में यही शिक्षा उन बच्चों के दिल दिमाग में भरा जाता है | गैर मुस्लिम काफ़िर है जो इस्लाम का खुला दुश्मन है उन्हें ख़तम कर इस्लाम की स्थापना के लिए अपना सर भी कटवा देने का नाम ही इस्लाम है | भारत सरकार अपने अनुदान से या भारत वासियों के धन से उन्हें अनुदान सम्पूर्ण भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की परिकल्पना तो नहीं है ?

माननीय प्रधान मंत्री जी को चाहिए की मदरसों को अनुदान देना चाहिए अथवा नहीं ? क्या आप भारतीय जनता से पूछ कर यह निर्णय लिए या अपना मन मानी ही इस देश के लोगों को मुर्ख बना रहे है ?

एक बहुत बड़ा सवाल आज भारत में हिन्दू कहलाने वालों के सामने खड़ा है की हम अपना टेक्स इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए देंगे अथवा राष्ट्र की उन्नति के लिए राष्ट्र को शक्ति शाली बनाने के लिए देंगे ?

इन सबका समाधान एक मात्र राष्ट्र निर्माण पार्टी के द्वारा मिलना संभव है जो सच्चे राष्ट्र भक्त हैं और इस राष्ट्र को शक्ति शाली बनाना चाहते हैं तो ज़रूर राष्ट्र निर्माण पार्टी का सदस्य बने जिससे यह भारत में पनप रहे वैमनस्यता को समाप्त किया जा सके | महेन्द्रपाल आर्य =राष्ट्रिय प्रवक्ता =राष्ट्र निर्माण पार्टी = सदस्यता संपर्क =9911500369 = श्री धर्मवीर पहलवांन -दिल्ली =

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