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एक मुस्लिम दो ईसाई इन तीनों लड़कियों को वैदिक धर्म में वापसी |

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तीन लड़कियों को वैदिक धर्मी बनाया गया
आर्य भद्र पुरुषों सभी को सादर नमस्ते के साथ सुचना दे रहा हूँ, मेरा महाराष्ट्र दौरा आज तक समाप्त हो रहा है | मैंने पिछले 23 जुलाई से महाराष्ट्र में वेद प्रचार कार्य में लगा था | पहला कार्यक्रम 23 जुलाई को पिम्परी आर्य समाज में था, उसके बाद जालना आर्य समाज, फिर परभानी, उसके बाद नांदेड़ आर्य समाज में | अब देगलूर आर्य समाज में आ गये | यहाँ से शाहपुर थोड़ी देर प्रचार कार्य के लिए गये |
देगलूर से धर्मावाद यही अन्तिम कार्य क्रम था, यह बहुत सफल रहा | प्रथम और अन्तिम सफल कार्य क्रम रहा |
 
यहाँ तीन लड़कियों को वैदिक धर्मी बनाया गया, एक हिन्दू परिवार की लड़की मुसलमान हो गई थी उसे पुनः वैदिक धर्म में वापस लाया गया |
 
इस कार्य में मुख्य भूमिका निभाए धर्मावाद आर्य समाज के कोषाध्यक्ष श्री योगेन्द्र सिंह चौहान {advocet } ने | इन लड़कियों को उनके परिवार के साथ धर्मावाद आर्य समाज में मेरे पास भेज दिया | इस लड़की से इसलाम नामी भुत उतारने का काम मेरा था | मैंने उस लड़की को यह समझाया की वह युनुस नामी लड़का तुम्हें तलाक नहीं देंगे उससे लिखवा लो |
 
और अगर उसने तलाक दिया, फिर पछताया और आप को उसने अपने पास रखना चाहा, आप भी उसके साथ रहने को राजी हो गई, तो आप को करना क्या पड़ेगा आप को पता है ? उसने कही नहीं मैंने उसे बताया किसी दुसरे लड़के से आप को शादी करनी होगी | अब जो दूसरा पति बना आप का, उसे तो पूरा अधिकार होगा आप पर, आप के शारीर को भोगने का | क्या आप उसे रोकसकती हैं ? की मैं जब किसी एक को अपना शारीर सोंप दिया तो फिर दुसरे को किस लिए अपना शारीर भीगने को दूँ ?
 
लड़की बात समझ गई और बोल पड़ी मैं देह व्यापारी बनूँ क्या ? मैंने कहा बस यह है इसलाम की रीती रिवाज | लड़की ने फ़ौरन मेरी बात मान ली और अपने मांता पिता के घर वापस वैदिक धर्म को स्वीकार किया |
 
दो दिन के बाद योगेन्द्र जी advocet ने दो बहनों के उनके परिवार के साथ मेरे पास आर्यसमाज धर्मावाद में भेज दिया | यह दोनों बहन ईसाई बन गई थीं, और यह दोनों बहन पढ़ी लिखी हैं, एक ऍम एस सी हैं, दूसरा, बी एस सी हैं |
 
मैंने पूछा ईसाइयों की कौनसी बात से आप प्रभावित हुई ? उनके घरवाले सभी बैठे हैं | लड़की ने कही यीशु को लोगों ने मार दिया उसके 4 दिन बाद वह जिन्दा हो गये | मैंने पूछा तुम विज्ञानं के छात्रा हो यह बताव मरे आदमी का जिन्दा होना संभव कैसे हो सकता है ?
 
उसने जवाब दिया यह तो यहोवा ने उसे जिन्दा किया, मैंने पूछा यहोवा कौन है ? उसने कही ईश्वर है, मैंने पूछा किसी एक मरे को जिन्दा करना क्या दूसरों के साथ पक्षपात नहीं ? उसने कही मैं विश्वास करती हूँ |
 
मैंने कहा विश्वास करना विज्ञानं का विषय है अथवा सच्चाई को खोजना विज्ञानं का विषय है ? फिर उन दोनों बहनों ने एक पास्टर को मिलाई फोन और बताई की आप से कोई बात करना चाहते हैं | उन्हों ने पूछा कौन हैं वह, तो यह बोली कोई पण्डित महेन्द्रपाल आर्य है | वह तिलमिला कर बोली तुम लोग उनके पास किस लिए गई ? इन्हों ने कहा हमारे घरवाले ले कर आये झट उन्हों ने फोन काट दिया मुझसे बात करना नहीं चाहती |
 
मैंने पुरे परिवार वालों को ईसाइयों से अपना डिबेट youtube में सुनाया दिखाया सारे परिवार के लोग मन्त्र मुग्ध होगये और दोनों लड़की पुनः अपने घर वापस आगये | इसबार मेरा महाराष्ट्र का दौरा इस प्रकार रहा सभी ने बड़े प्यार से मुझे सुना और मेरा वेद प्रचार कार्य महाराष्ट्र का आज 21 अगस्त तक समाप्त हुवा |
 
यह है वह वीडियो आप लोग भी देखें > https://www.youtube.com/watch?v=Zj0YkinuNZQ

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