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कहना किसका सत्य है अल्लाह का या फिर मुसलमानों का ?

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|| अल्लाह का कहना सत्य है, या मुसलमानों का ||
कई दिनों से हैदरावाद चुनाव प्रचार ने विशेष कर TV में दिखाए जा रहा है असादुद्दीन,और अकबरुद्दीन ओवैसी का चुनाव प्रचार | और व्हाट्स आप में एक बिहारी मौलाना प्रचार कर रहा हैं प्रधान मन्त्री जी को कोसते और गाली देते | भारत मेरा बाप का है, पापा का है, अब्बा का है बता रहा है- जब की कुरान और अल्लाह का कहना है मुसलमान अरब का है | `

और चिल्ला चिल्ला कर चाय वाला चाय वाला, कहता शोर मचा रहा है | यह देख और सुनकर मुझे बड़ी हैरानी हुई की यही इस्लाम के मानने वाले भी, भारत और पाकिस्तान में चिल्ला रहे हैं | अल्लाह की मार पड़ेगी मोदी पर अल्लाह इन्हें सबक सिखायेंगे भी कहते सुना गया |

सत्यता तो यह है की यह मुसलमान कहलाने वाले अपने अल्लाह पर, और अल्लाह की कलाम कुरान पर भी विश्वास नहीं करते | अगर यह लोग कुरान पर विश्वास करते तो यह कहने की हिम्मत ही ना होती | कारण कुरान में अल्लाह ने कहा है लगभग 25 बार की अल्लाह जो चाहता है वही होता है |

अगर अल्लाह का यह कहना अथवा कुरान में बताना अल्लाह का सत्य है फिर मुसलमान झूठ बोल रहा है | करान में अल्लाह के चाहने पर सब कुछ होता है | तो क्या अल्लाह के बिना चाहे मोदी जी प्रधानमंत्री बन गये ? आइये कुरान से दिखा रहा हूँ अल्लाह ने क्या कहा |
وَلَوْ شَاءَ اللَّهُ مَا أَشْرَكُوا ۗ وَمَا جَعَلْنَاكَ عَلَيْهِمْ حَفِيظًا ۖ وَمَا أَنتَ عَلَيْهِم بِوَكِيلٍ [٦:١٠٧]
और अगर ख़ुदा चाहता तो ये लोग शिर्क ही न करते और हमने तुमको उन लोगों का निगेहबान तो बनाया नहीं है और न तुम उनके ज़िम्मेदार हो | 6 /107
وَرَبُّكَ يَخْلُقُ مَا يَشَاءُ وَيَخْتَارُ ۗ مَا كَانَ لَهُمُ الْخِيَرَةُ ۚ سُبْحَانَ اللَّهِ وَتَعَالَىٰ عَمَّا يُشْرِكُونَ [٢٨:٦٨]
और तुम्हारा परवरदिगार जो चाहता है पैदा करता है और (जिसे चाहता है) मुन्तख़िब करता है और ये इन्तिख़ाब लोगों के एख्तियार में नहीं है और जिस चीज़ को ये लोग ख़ुदा का शरीक बनाते हैं उससे ख़ुदा पाक और (कहीं) बरतर है |28 /68
وَمَا تَشَاءُونَ إِلَّا أَن يَشَاءَ اللَّهُ ۚ إِنَّ اللَّهَ كَانَ عَلِيمًا حَكِيمًا [٧٦:٣٠]
और जब तक ख़ुदा को मंज़ूर न हो तुम लोग कुछ भी चाह नहीं सकते बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार दाना है | 76 / 30 |

देखें यहाँ स्पष्ट कहा है अल्लाह ने, की जब तक खुदा की चाह नहीं होगी तुमलोग कुछ भी नहीं कर सकते |

तो खुदा अगर नहीं चाहता तो माननीय मोदी जी प्रधान मंत्री कैसे बनते ? पर यह सब तथा कथित स्वार्थी मुसलमान कह लाने वाले हैं जो अल्लाह पर भी बिश्वास नहीं करते | इन्हें वोट देने वाले मुसलमानों को भी विचार करलेना चाहिए जो अल्लाह पर और अल्लाह की कलाम पर ही यकींन नहीं करते तो क्या तुम मुसलमानों का भला यह लोग कर सकते हैं ?
जवाब के प्रतीक्षा में महेन्द्रपाल आर्य | 4 /12 /18 = शाम के 6 बजकर 20 मिनट पर लिखा |

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