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कुरानी शिक्षा ही आतांकवादी बनाता है \

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|| कुरान की शिक्षा ही आतंकवादी बनाता है ||
जो लोग कहते हैं मजहब नही सिखाता आपस में बैर रखना, वह लोग मुर्ख है और अनभिग्य भी है जिन्हों ने कभी कुरान को पढ़ कर नही देखा होगा |
देखें कुरान क्या बताता है यही है कुरानी शिक्षा मैंने मात्र तीन {3 } प्रमाण दिया है और भी प्रमाण कुरान में मौजूद है | इसी प्रकार की 24 आयातों को दिल्ली के मेट्रोपोलीटन मजिस्ट्रेट के सामने रखा गया था की इसपर प्रति वन्ध लगना चाहिए | 1984 में
कोलकाता हाई कोर्ट में 1985 में पद्मा खस्त्गीर के इजलास में अनेक आयातों पर प्रतिवन्ध लगाने के लिए दिया गया था | इन्ही आयातों से प्रेरणा लेकर इस्लामी युवा आतंकवादी बनते हैं | और उनके घरवाले उन्हें रोक भी नहीं पाते कारण यह तो आदेश अल्लाह का है कुरानी हुक्म है,इसे कौन कैसे मनाकर सकता है भला ? कारण सब तो कुरान के मानने वाले ही है |
कश्मीरी मुस्लमान अगर इन आतंकवादियों को शरण ना देते तो यह विषफोटक सामान लेकर भारत के अन्दर कैसे घुस पाते ? जिन अलगाव वादियों के सरकारी सुविधा हटाई गई, उन्हें यह सुविधा सरकार क्यों दे रही थी ? मोदी सरकार को चुनाव से पहले 370 धारा को ख़त्म करदेना चाहिए | हम भारत वासियों पर यह अत्याचार नहीं है क्या ? हमसे टेक्स लेकर सरकार देश के दुश्मनों को क्यों पाल रही है ?
قَاتِلُوهُمْ يُعَذِّبْهُمُ اللَّهُ بِأَيْدِيكُمْ وَيُخْزِهِمْ وَيَنصُرْكُمْ عَلَيْهِمْ وَيَشْفِ صُدُورَ قَوْمٍ مُّؤْمِنِينَ [٩:١٤]
इनसे (बेख़ौफ (ख़तर) लड़ो ख़ुदा तुम्हारे हाथों उनकी सज़ा करेगा और उन्हें रूसवा करेगा और तुम्हें उन पर फतेह अता करेगा और ईमानदार लोगों के कलेजे ठन्डे करेगा | touba 14
إِنَّ عِدَّةَ الشُّهُورِ عِندَ اللَّهِ اثْنَا عَشَرَ شَهْرًا فِي كِتَابِ اللَّهِ يَوْمَ خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ مِنْهَا أَرْبَعَةٌ حُرُمٌ ۚ ذَٰلِكَ الدِّينُ الْقَيِّمُ ۚ فَلَا تَظْلِمُوا فِيهِنَّ أَنفُسَكُمْ ۚ وَقَاتِلُوا الْمُشْرِكِينَ كَافَّةً كَمَا يُقَاتِلُونَكُمْ كَافَّةً ۚ وَاعْلَمُوا أَنَّ اللَّهَ مَعَ الْمُتَّقِينَ [٩:٣٦]
इसमें तो शक़ ही नहीं कि ख़ुदा ने जिस दिन आसमान व ज़मीन को पैदा किया (उसी दिन से) ख़ुदा के नज़दीक ख़ुदा की किताब (लौहे महफूज़) में महीनों की गिनती बारह महीने है उनमें से चार महीने (अदब व) हुरमत के हैं यही दीन सीधी राह है तो उन चार महीनों में तुम अपने ऊपर (कुश्त व ख़ून (मार काट) करके) ज़ुल्म न करो और मुशरेकीन जिस तरह तुम से सबके बस मिलकर लड़ते हैं तुम भी उसी तरह सबके सब मिलकर उन से लड़ों और ये जान लो कि ख़ुदा तो यक़ीनन परहेज़गारों के साथ है | touba 32
يَا أَيُّهَا النَّبِيُّ حَرِّضِ الْمُؤْمِنِينَ عَلَى الْقِتَالِ ۚ إِن يَكُن مِّنكُمْ عِشْرُونَ صَابِرُونَ يَغْلِبُوا مِائَتَيْنِ ۚ وَإِن يَكُن مِّنكُم مِّائَةٌ يَغْلِبُوا أَلْفًا مِّنَ الَّذِينَ كَفَرُوا بِأَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا يَفْقَهُونَ [٨:٦٥]
ऐ रसूल तुम मोमिनीन को जिहाद के वास्ते आमादा करो (वह घबराए नहीं ख़ुदा उनसे वायदा करता है कि) अगर तुम लोगों में के साबित क़दम रहने वाले बीस भी होगें तो वह दो सौ (काफिरों) पर ग़ालिब आ जायेगे और अगर तुम लोगों में से साबित कदम रहने वालों सौ होगें तो हज़ार (काफिरों) पर ग़ालिब आ जाएँगें इस सबब से कि ये लोग ना समझ हैं | anfal 65

जरूरत पड़ने पर और भी प्रमाण दिया जायगा = महेन्द्रपाल आर्य =18 /2 /19

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