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कुरान में कतल का आदेश स्पष्ट है देखें कुरान |

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|| कुरान में कत्ल का आदेश स्पष्ट है देखें कुरान ||

जो अग्निवेश सरीखे, स्वामी लक्ष्मीशंकरानंद, एक नकली शंकराचार्य, एक आचार्य प्रोमोद कृष्णन, व एक नकली आर्य कहलाने वाले रौशंनलाल आर्य | यह सभी लोग प्रचारक है कुरान के, और समर्थक हैं इस्लाम के और खुल कर प्रचार करते हैं इन इस्लाम वालों का, और कुरान की तारीफ करते नहीं थकते | और कहते हैं कुरान में किसी को मारने की बाते नहीं है | विशेष कर मेरा यह लेख उन्ही सेकुलरवादी विचार वालों के लिए हैं | जो लोग यह नहीं जानते की कुरान में अल्लाह का हुक्म क्या है, इसे हमें कुरान में ही देखना चाहिए |

وَاقْتُلُوهُمْ حَيْثُ ثَقِفْتُمُوهُمْ وَأَخْرِجُوهُم مِّنْ حَيْثُ أَخْرَجُوكُمْ ۚ وَالْفِتْنَةُ أَشَدُّ مِنَ الْقَتْلِ ۚ وَلَا تُقَاتِلُوهُمْ عِندَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ حَتَّىٰ يُقَاتِلُوكُمْ فِيهِ ۖ فَإِن قَاتَلُوكُمْ فَاقْتُلُوهُمْ ۗ كَذَٰلِكَ جَزَاءُ الْكَافِرِينَ [٢:١٩١]

और तुम उन (मुशरिकों) को जहाँ पाओ मार ही डालो और उन लोगों ने जहाँ (मक्का) से तुम्हें शहर बदर किया है तुम भी उन्हें निकाल बाहर करो, और फितना परदाज़ी (शिर्क) खूँरेज़ी से भी बढ़ के है और जब तक वह लोग (कुफ्फ़ार) मस्ज़िद हराम (काबा) के पास तुम से न लडे तुम भी उन से उस जगह न लड़ों पस अगर वह तुम से लड़े तो बेखटके तुम भी उन को क़त्ल करो काफ़िरों की यही सज़ा है | सूरा बकर 2 /191

समीक्षा :- {आयात उतरने का सन्दर्भ} यह आयत उस समय उतरी जब मुसलमान उन मूर्ति पूजकों से, अथवा मूर्तिपूजक मुसलमानों से लड़ रहे थे | मुशरिक लोग संघबद्ध तरीके से लड़ रहे थे, उसी समय अल्लाह ने यह आयात उतारी और मुसलमानों को जोश दिलाया की और जम कर मुशरिकों को कतल करने का हुक्म दिया | और जिहाद के लिए उपदेश देते हुए कहा अल्लाह त्यला तजादिज =   { हदसे बढ़ जाना } वालों को पसंद नहीं करता |

यहाँ तक मुसलमानों को कहा कि अल्लाह तयला की नफरमानी न करो, उनके नाक, कान वगैरा न काटो | औरतों को और बच्चों को कतल न करो, बूढ़े को और कमजोरों को कत्ल न करो | जो लड़ने के काबिल नहीं है उनसे न लड़ो, और जो लड़ने के काबिल हैं और लड़ाई में दखल देते हैं उनसे लड़ो, और हैवानों {पशुयों } को भी ख़तम न करो |

हज़रत उमर बिन अब्दुल अज़ीज़, हजरत मुकतिल बिन ह्यांन वगैरा से रवायत इस आयात के बनिस्बत है की,मुस्लिम शरीफ में उल्लेख है की हुजुर सल्लालाल्लाहो अलैहे वसल्लम ने मुजाहेदीन {जिहादीओं } के लिए फरमान दिया करते थे, की अल्लाह की राह में जिहाद करो |  बदअहदी {यानि जो वादा } करो उसे पूरा करो | बुखारी व मुस्लिम में उल्लेख है की एक औरत को कत्ल कर दिया गया था, जब यह आयात उतरी और ऐसा करने से मना किया अल्लाह ने |

जिहाद के अहकाम {शर्त} हैं, जिसमें बजाहिर कत्ल व खून होता है, इस लिए यह भी फरमा दिया गया की एक तरफ कत्ल व खून है, तो दूसरी तरफ, अल्लाह के साथ कुफ्र व शिर्क है, और उसकी मालिक की राह से उसकी मखलूक को रोकता हैं | और यह फितना कत्ल से ज्यादा सख्त है | अबुल मालिक फरमाते हैं, तुम्हारी यह खताकारियां,और बदकरियां, कत्ल से ज्यादा नुक्सान दह है |

 

नोट :- जो सेकुलर वादी यह कहते हैं की कुरान में, जिहाद को जद्दोजिहद,या जुस्तजू करना {बार बार } प्रयास करने के अर्थों में लिया गया यह कहते और मानते हैं वह मिथ्या है और निरर्थक भी | यह अल्लाह ने स्पष्ट आदेश दिया है मुसलमानों को काफिरों से, मूर्ति पूजकों से लड़ो, उन्हें कतल करो | फिर यह भी तो बताया गया की कमजोरों को न मारो, बूढ़े लोगों को न मारो, औरतों न मारो और बच्चों को भी न मारो | क्या यह उपदेश किसी प्रयास के लिए है ? अथवा किसी और काम के लिए उपदेश दिया गया ? जहाँ स्पष्ट बताया जा रहा है इन्हें मारो | और इन्हें न मारो, इनको कतल करो, और इन्हें कत्ल न करो | इसके बाद भी अगर कोई यह कहे की कुरान में मारो काटो लूटो की बातें नहीं है, यह बात गले के नीचे उतरने वाली नहीं है | वह लोग कुरान को जानते तक नहीं हैं और नाहक कुरान पर अपना विचार देते रहते हैं |

जनता को अन्धकार में रखने वाली बात है यह, दूसरी बात है एह तो अभी जिहाद का पहला हुक्म है उसे मैंने लिखा और बताया जो इस्लाम जगत में जिन्हें विद्वान् माने जाते हैं मुफ़स्सिरे कुरान |

{ कुरान के भाष्य कार माने जाते हैं } उन्ही की लिखी किताब में यह बातें लिखी है जिसका प्रमाण यहाँ दिया गया है | जिसे तफसीर कहा जाता है, {इब्ने कसीर} और {कन्जुल ईमान } यह दोनों किताब हैं देवबंदी, और बरेलवी वालों की |

अर्थात देवबंदी वाले मानते हैं इब्नेकसीर को, और बरेलवी वाले मानते हैं, कन्जुलईमान को | मैंने दोनों को इस लिए लिया कि कोई यह न कह सके की हमारी मान्यता यह नहीं है |

आप दुनिया वालों को चाहिए की कुरान को समझदारी से पढ़ें, और और मानव होने के नाते परमात्मा ने जो दिमाग दिया है उसी दिमाग को कार्यान्वित करें= वेदमें ईसाई मुसलमानों को मारो कहीं नही |

धन्यवाद के साथ महेन्द्रपाल आर्य =राष्ट्रिय प्रवक्ता राजार्य सभा = 26 /10/18

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