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कुरान में विचित्र किस्सा एक नमूना प्रस्तुत है ||

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कैसे विचित्र किस्सा है कुरान में देखें ||
यह प्रमाण इबने कसीर पेज 458 में बताया 10 सूरा 9 तौबा आयात 30 का सन्दर्भ = चुनांचे आप वहीं तशरीफ लेगये नहाकर नमाज अदा की देखा की एक शख्स हैं जो कह रहे हैं- मुह खुलो – आपने मुह खोल दिया उन्हों ने तीन बार कोई चीज आपके मुह में बड़ी सारी डाली- उसी वक्ता अल्लाहताला ने आप का सीना खोल दिया और आप तो रातों रात सबसे बड़े यालिम {विद्वान} बनगए – यह बातें रसूल के लीयते बताई गई है |

बनी इस्राईल में गये – उनसे फरमाया मैं तुम्हारे पास तौरैत लाया हूँ – उन्हों ने कहा हम सब आप के नजदीक सच्चे हैं –आपने अपनी ऊँगली के साथ कलम को लपेट लिया और उसी ऊँगली से तौरात लिख डाली –इधर लोग लड़ाई से लौटे उनमें से युलामा भी वापस लौटे तो उन्हें युजैर यलैहिस्सलाम की उस बात का इल्म हुवा – यह गये और पहाड़ों और गारों में तोरात शरीफ के जो नुस्खें छापा आये थे वह निकाल लाये – और उन नुस्खों से हजरत युजैर यलैहिस्सलाम के लिखे हुए नुस्खे का मुकाबला किया –तो बिलकुल सहीह पाया –

इसपर दुसरे जाहिलों के दिलमें शैतान ने वसवसा डाल दिया के आप अल्लाह के बेटे हैं –हजरत मसीह को नसरानी अल्लाह का बेटा कहते थे – इन का वाकिया तो जाहिर है – पस इन दोनों ग्रोहों की गलत बयानी कुरआन बयान फरमा रहा है |
और फरमाता है के इनकी सिर्फ जुबानी बातें है जो महज़ बे दलील है –जिस तरह इनसे पहले के लोग कुफर व जलालत में थे यह भी उन्हीं के मुरीद व साथी हैं – अल्लाह उन्हें लयनत करें – हक से कैसे भटक गये ?

मसनद अहमद तिरमिजी और इब्ने जुरैर में हैं के जब यदी बिन हातिम को रसूल अल्लाह का दीन पहुंचा तो तो शाम देश की तरफ भाग निकला – जाहे लियत में ही यह नसरानी बन गया था – यहाँ उसकी बहन और उसकी जमायत कैद हो गयी =
नोट :- एक तरफ तो इसे कलामुल्लाह कहा जा रहा है, और अल्लाह क्या कह रहे हैं देखें = यहूदी कहते थे की युजैर अल्लाह का बेटा है – और नसरानी कहते थे की इसामसीह अल्लाह का बेटा है – यह कौल तो सिर्फ उनके मुह की बात है पहले के जो विरोधी लोग थे यह उनसे रीसकर रूठ कर यह बोल रहे हैं- अल्लाह उन्हें गारत करें =

ध्यान देने योग्य बातें यह है की – किसी ने कहा युजैर अल्लाह का बेटा है – फिर किसी ने कहा इसामसीह अल्लाह का बेटा है – ऐसे कहने वालों पर अल्लाह ने क्या कहा –अल्लाह उन्हें गारत करें –

अर्थात अल्लाह उन्हें मिटादें, यह बातें अल्लाह की हो सकती है क्या ? यह तो कोई और कह रहा है की इन गलत बात करने वालों को अल्लाह मिटा दे –

अगर यह कलाम अल्लाह की होती तो अल्लाह यह कहते सफाई देते हुए की हमारा कोई बेटा नहीं है और न हमारा कोई बेटी होना संभव है – बल्कि ऐसे कहने वालों को मैं गारत करूंगा बर्बाद करदूंगा नष्टकर दूंगा ख़तम कर दूंगा फना कर दूंगा मिटा दूंगा आदि आदि वाक्य होना चाहिए था |

किन्तु इस वाक्य का कहने वाला कोई दूसरा ही है जो यह कहरहा है की अल्लाह उन्हें गारत करें – फिर बताया इन तमाम आयातों में अल्लाह मोमिनों में और मुशरिकों में फर्क बतलाया है |

की अल्लाहताला मुशरिकों से काफिरों से यहूदी और नस्रानियों से जिहाद करने की रगबत दिलाता है –मुसलमानों को जिहाद करने के लिए प्रेरित करता है – अल्लाह का क्या काम है दुनियावाले देखें समझें विचारें परखें, की अल्लाह किन्हें कहा गया क्या काम है उनके जिम्मे जो एक नेक इंसान भी नहीं करता इस लड़ाई करने की बातें –या किसी को लड़ने के लिए प्रेरित भी नहीं करसकते कारण हमारे भारत वर्ष में ऐसों को दण्ड का विधान है |

यही कारण है की ऋषि दयानन्द जी ने यही कहा कुरान का कहने वाला किसी और अल्लाह का नाम लेकर शुरू किया – लिहाज़ा यह कला मुल्ला नहीं है | यही किस्सा कुरान से ही है पढ़ें आप लोग और विचारें की क्या इस किस्से की किताब का नाम कुरान है ? महेन्द्रपाल आर्य =

9 /1/20 =

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