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कैसी है हमारी कानून व्यवस्था ? क्या हमारे देश के कानून से लोग डरते हैं ?
Mahender Pal Arya
07 Apr 20
[post-views]
कैसी है हमारी कानून व्यवस्था ?
क्या हमारे देश के कानून से लोग डरते हैं ?
इसलाम की मान्यता को चरितार्थ करने के लिए अपने को शहीद कहलाने इस्लाम को उजागर करने के लिए सम्पूर्ण भारत को नाश करने के पीछे CAA का NRC का विरोध एक सोची समझी रणनीति है |
इसे चाहे कोई कुछ भी समझे यह इस्लाम की मान्यता अनुसार ही किया गया है – यही तो इस्लाम है और इसी का ही नाम इस्लाम है गैर मुस्लिमों को जहाँ देखो उसे कतल करो चाहे कैसा भी हो गैर मुस्लिम मरना ही चाहिए |
इस वायरस के माध्यम से जितने भी गैर मुस्लिमों को मारा जाय वह शहीद कहलायेगा | किसी को मारे तो शहीद और खुद मरे तो भी शहीद | इसी मानसिकता को चरितार्थ करने में जूटा है तबलीग जमात के लोग |
भरत सरकार को चाहिए इनपर भारतीय संविधान के अनुसार धारा 302 का मामला दर्ज करना | दुनिया देख रही है की उन्हीं मौलाना साद के पक्ष में प्रायः इस्लाम के मानने वालों का समर्थन है | कारण मौलाना साद ने जो किया है उसके लिए उसे पछतावा नहीं है कारण उन्हों ने इस्लाम को जिन्दा रखने के लिए ही इस रणनीति को अपनाया है |
वह यह भी जानता है की सम्पूर्ण इस्लाम जगत का समर्थन मुझे ही मिलना है और मिल रहा है | नित्य हम विभिन्न न्यूज़ चेनलों में देख रहे हैं सुन रहे हैं इन बोलने वालों को रोकने या उत्तर देने के लिए या उन्हें चुप कराने के लिए अथवा उन्हें निरुत्तर करने के लिए किसी एंकर के पास ताकत ही नहीं है, और ना तो किसी भी पेनालिष्टों के पास |
जो आज दिखाई दे रहा है वस्तुस्थिति सब के सामने हैं मात्र भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में लोग इसे देख रहे हैं सुन रहे हैं और समझ भी रहे हैं |
जब यह बात सब के सामने उजागर हो ही गया की तबलीगी जमात के मरकज़ में गैर तरीके से लोग जामा हुए हैं | और उसी जमात के प्रमुख देश विदेश से आये हुए मुसलमानों को कह रहे हैं की मुसलमानों का जमा होना इकट्ठा होना लोगों को पसंद नहीं है, इसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है जो मुसलमानों के लिए अच्छी बात नहीं है, किसी को मरना है तो मस्जिद में मरे |
इस बात को उन्हों ने प्रचारित विडिओ के माध्यम से उन्ही लोगों के सामने किया है | यह कोई झूठी बातें नहीं है सबने देखा और सुना भी | यह कांड एक पुलिस थाने के पीछे हो रही है, और रात को 2 बजे भारत सरकार के क़ानूनी सलाहकार श्रीमानअजित डोभाल जी उनसे मिलकर भी आते हैं |
वही व्यक्ति उसी निजामुद्दीन मरकज़ से निकलकर चले गये हैं, वह भी उस समय जब की सभी वाहन बंद है, तो वह गये किस साधन से ? निजामुद्दीन थाने के पुलिस नाक में तेल ड़ाल कर सो रही थी क्या ?
इस से क्या दर्शाता है की सरकारी सहायता के बिना एक दोषी का फरार होना मौकाए वारदात से यह किस की गलती है ? उसे जाने दिया पुलिस और आज वही पुलिस उसी व्यक्ति के नाम वरेंट निकाल रही है, तो नोटिस जारी कर रही है और छापा भी मार रही है | क्या यह सब दिखावा और बनावटीपण नहीं है ?
क्या भारत के सञ्चालन कर्ता और दिल्ली पुलिस ही अपने को अकलमंद और होशियार मान रही है अपने आप को ? क्या भारत के लोग इतने मुर्ख हैं की इस सत्यता को जानने का प्रयास नहीं करेंगे ?
आज सम्पूर्ण विश्व इस कोरोना वायरस से जीवन और मृत्यु से जूझ रहे है त्राहि माम त्राहि माम मची हुई है एक भारत ही है जो अपनी सावधानी के कारण भारत वासियों की इतनी जानें नहीं गई |
जो लोग साजिश रचकर अपने को शहीद कहलाने के लिए और अल्लाह के दीन को चरितार्थ करने के लिए ही इतना बड़ा दावं खेला है हमें इस इर्शालू मानवता विरोधी इस्लाम को जानना पड़ेगा तभी हम मानव समाज का कल्याण कर सकते हैं | महेन्द्रपाल आर्य = 7/4/20