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क्या अल्लाह तीनों कालो को जानता है या ईशर को तीनों कालों का पता है ?

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क्या सही में अल्लाह सब कुछ जानता है ?
यहाँ मैं प्रथम अल्लाह और ईश्वर का भेद बताता हूँ ,परमात्मा सब कुछ जानता है कैसा तो वेद में क्या बताया गया उसे पहले देखते हैं |
यो भूतं च भव्यं सर्व यश्चाधितिष्टति | स्व्रर्यस्य च् केवलं तस्मै ज्येष्ठाय ब्रह्मणे नम: ||
जो पर्मेश्वर एक भुतकाल, जो व्यतीत हो गया, और जो दूसरा वर्तमान है, और तीसरा जो भविष्यत होने वाला है | इन तीनों कालों के बीच में जो कुछ होता है, उन सब व्यवहारों को यथावत जानता है तथा जो सब जगत को अपने विज्ञान से ही जानता है | रचता, पालन, और लय करता और संसार के सब पदार्थों का अधिष्ठाता अर्थात स्वामी हैं |जिसका स्वरुप ही केवल सुख ही है, जो की मोक्ष और व्यवहार सुख का भी देने वाला है | ज्येष्ट अर्थात सब से बड़ा सब सामर्थ्य से युक्त जो परमात्मा है उन्हें अत्यन्त प्रेम से हमारा नमन प्राप्त हो |
आप लोगों ने जरुर देख लिया होगा परमात्मा वर्तमान + भूत +और भविष्य का जानने वाला है | किन्तु अल्लाह को यह जानकारी ही नहीं है की आगे क्या होने वाला है ? जिसका प्रमाण मैंने कुरान से और वेड से प्रस्तुत किया है अपने आप ही आप लोग इसे पढ़ें और विचार करें की अल्लाह और ईश्वर दोनों अलग किस लिए है ? जिसे लोगों ने जाना तक ही नहीं और मानव समाज को बहकाने के लिए ईश्वर अल्लाह तेरो नाम बता रहा है कोई | और कोई राम रहीम एक बता कर अपनी दुकानें चलने का प्रयास किया है जो सरासर झूठ है |
अब प्रमाण कुरान से नीचे दिया हूँ देख लें की अल्लाह वर्तमान, और भूत, भविष्य को जनता है अथवा नहीं ? मैं यहाँ प्रमाण दिया हूँ और भी इस प्रकार की बातें कुरान में है, इसके पढने पर पता लगा की अल्लाह जानते नहीं है अदृश्य की बातों को |
जब पूरी कुरान को समझदारी से पढ़ता हूँ तो देखता हूँ अल्लाह की जानकारी में कुछ गड़बड़ है | प्रमाण दे रहा हूँ,कीअल्लाह अगर पहले से सब कुछ जानते है,तो.शैतान.आदम को सिजदा नहीं करेगा यह अल्लाह को पता नहीं था ? क्या अल्लाह यह भी जानते थे की शैतान आदम को जन्नत ते निकलवा देगा ? क्या अल्लाह यह भी जानते थे की आदम को मना करने पर भी उसी फल को खायेगा जिसे खाने को अल्लाह ने खुद मना किया था ?
देखें अल्लाह ने आदम को मना किया था फल को मत खाना >
فَدَلَّاهُمَا بِغُرُورٍ ۚ فَلَمَّا ذَاقَا الشَّجَرَةَ بَدَتْ لَهُمَا سَوْآتُهُمَا وَطَفِقَا يَخْصِفَانِ عَلَيْهِمَا مِن وَرَقِ الْجَنَّةِ ۖ وَنَادَاهُمَا رَبُّهُمَا أَلَمْ أَنْهَكُمَا عَن تِلْكُمَا الشَّجَرَةِ وَأَقُل لَّكُمَا إِنَّ الشَّيْطَانَ لَكُمَا عَدُوٌّ مُّبِينٌ [٧:٢٢]
ग़रज़ धोखे से उन दोनों को उस (के खाने) की तरफ ले गया ग़रज़ जो ही उन दोनों ने इस दरख्त (के फल) को चखा कि (बेहश्ती लिबास गिर गया और समझ पैदा हुई) उन पर उनकी शर्मगाहें ज़ाहिर हो गयीं और बेहश्त के पत्ते (तोड़ जोड़ कर) अपने ऊपर ढापने लगे तब उनको परवरदिगार ने उनको आवाज़ दी कि क्यों मैंने तुम दोनों को इस दरख्त के पास (जाने) से मना नहीं किया था और (क्या) ये न जता दिया था कि शैतान तुम्हारा यक़ीनन खुला हुआ दुश्मन है | सूरा आयराफ =22

आदम अल्लाह का हुक्म नहो मानेगा अल्लाह को पहले से मालूम {पता } था ? अल्लाह ने जिस आदम को इतने अरमानों से बनाया, फरिश्तों के विरोध पर भी, वही आदम आदेश का पालन नही करेगा अल्लाह को यह जानकारी पहले से थी | तो फिर आदम के साथ विश्वास घात हुवा ?
يَا أَيُّهَا النَّاسُ إِنَّا خَلَقْنَاكُم مِّن ذَكَرٍ وَأُنثَىٰ وَجَعَلْنَاكُمْ شُعُوبًا وَقَبَائِلَ لِتَعَارَفُوا ۚ إِنَّ أَكْرَمَكُمْ عِندَ اللَّهِ أَتْقَاكُمْ ۚ إِنَّ اللَّهَ عَلِيمٌ خَبِيرٌ [٤٩:١٣]
लोगों हमने तो तुम सबको एक मर्द और एक औरत से पैदा किया और हम ही ने तुम्हारे कबीले और बिरादरियाँ बनायीं ताकि एक दूसरे की शिनाख्त करे इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा के नज़दीक तुम सबमें बड़ा इज्ज़तदार वही है जो बड़ा परहेज़गार हो बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफ़कार ख़बरदार है | हिज्र-13

إِنَّ اللَّهَ عِندَهُ عِلْمُ السَّاعَةِ وَيُنَزِّلُ الْغَيْثَ وَيَعْلَمُ مَا فِي الْأَرْحَامِ ۖ وَمَا تَدْرِي نَفْسٌ مَّاذَا تَكْسِبُ غَدًا ۖ وَمَا تَدْرِي نَفْسٌ بِأَيِّ أَرْضٍ تَمُوتُ ۚ إِنَّ اللَّهَ عَلِيمٌ خَبِيرٌ [٣١:٣٤]
बेशक ख़ुदा ही के पास क़यामत (के आने) का इल्म है और वही (जब मौक़ा मुनासिब देखता है) पानी बरसाता है और जो कुछ औरतों के पेट में (नर मादा) है जानता है और कोई शख्स (इतना भी तो) नहीं जानता कि वह ख़़ुद कल क्या करेगा और कोई शख्स ये (भी) नहीं जानता है कि वह किस सर ज़मीन पर मरे (गड़े) गा बेशक ख़ुदा (सब बातों से) आगाह ख़बरदार है | लुकमान 34

फिर अल्लाह अगर जानते थे की शैतान आदम को वही फल खिलायेगा जिसे अल्लाह ने खाने को मना किया ? तो क्या शैतान अल्लाह का शक्ति पिक्षण कर रहे थे ? इस प्रकार पूरी कुरान सवालों में घिरा है इसके बाद भी लीग इसे ईश्वरीय ज्ञान मानते हैं, जिस पर दोष लगे आक्षेप लगे उसका ईश्वरीय ज्ञान होना सम्भव नहीं है | मैंने थोड़ा सा प्रमाण दिया है मानव कहलाने वाले इसपर विचार करें कुरान में सन्देह किस प्रकार से भरा पड़ा है | इसके बाद भी अल्लाह ने कुरान के प्रथम में मना किया की इस पर संदेह ना करना देखें कुरान को |
ذَٰلِكَ الْكِتَابُ لَا رَيْبَ ۛ فِيهِ ۛ هُدًى لِّلْمُتَّقِينَ [٢:٢]
(ये) वह किताब है। जिस (के किताबे खुदा होने) में कुछ भी शक नहीं (ये) परहेज़गारों की रहनुमा है |

यहाँ आल्ह ने मना किया की इसपर शक नहीं, मैंने इसी कुरान से ही सन्देह का प्रमाण दिया पढ़े लिखे लोग इसपर विचार करें और सत्य जहाँ कहीं भी हो उसे जीवन में उतारें |
महेन्द्रपाल आर्य =9 /9 / 17 =

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