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क्या इसे आप मानवता कहेंगें ?

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क्या इसे आप मानवता कहेंगे ?

मानव शब्द सुनते ही मस्तिष्क में विचार दौड़ने लगता है, इसका मूल कारण है मानव के साथ जुड़ा है धर्म और अधर्म का बोध, दया और करुणा का ज्ञान आदि जितने भी हैं कर्तव्य परायणता यह सब कुछ मानव पर ही लागु होता है |

अब कोई अगर अपने को मुसलमान कहे, किसी को हिन्दू बोले और एक दुसरे को और नामों से पुकारेने पर यह पता लगता है की यह मानवों के लिए नहीं किन्तु किसी एक वर्ग विशेष के लिए बोला जा रहा है |

वह भी अपने को मानव बतलाते हैं, सवाल तो यह पैदा होता है की अगर आप मानव है तो फिर आप अपने को मुसलमान,और किसी को हिन्दू क्यों कह रहे हैं ? आज मानव समाज में बहुत बड़ा सवाल खड़ा है,आये दिन मानवों को मानवों से लड़ने लाड़ाने पर आमदा हैं ?

 

आखिर यह बातें क्यों चली और कहाँ से चली इसपर आज मानव कहला कर भी कोई विचार ने को तैयार नहीं है न जाने क्यों ? इसका जो समाधान और उत्तर है वह यह है की मानव समाज को हिन्दू और मुस्लिम में बांटने वाले हैं मजहब और यही मज़हबी ग्रन्थ |

 

जबतक यह मज़हब और इनके ग्रन्थ है धरती पर तो मानव समाज से यह मतभेद झगडा विवाद और वैमन्यस्यता समाप्त होना संभव नहीं |

इसी का जीता जागता प्रमाण हमारे और आपके सामने मौजूद हैं डॉ0 जाकिर नाईक, आप लोगों ने भारत के विभन्न चेनलों में देखा है की जो व्यक्ति भारत सरकार का टेक्स मार कर भागा है कई केस जिनपर लगे हैं भारत का एक भगोड़ा है | मलेशिया में बैठकर सभी.मुसलमानों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़का रहा है |

भारत में जितने भी मुस्लिम सगठन है दारुल उलूम से लगा कर, जितने भी इस्लामिक संगठन है किसी ने भी उसका विरोध नहीं किया, और न कर रहे हैं, इसका कारण भी यही है मजहब |

 

जब की इन्हीं मजहब वाले एक दुसरे के विरोधी हैं एक दुसरे के विचारों से सहमत नहीं, तथापि मजहब के नाम से सब एक हैं | और दुसरे मजबह के मानने वालों को दुश्मन मानते हैं |

 

इसका मूल कारण क्या है और यह पाठ कहाँ का है {जिसका नाम है कुरान} इसी कुरानी प्रेरणा से डॉ0 जाकिर नाईक भी बोल रहा है, जब की वह कुरान का विद्वान् नहीं हैं और न इस्लाम का जानकार है |

इसपर इस्लाम जगत के विद्वानों का उनसे मतभेद भी है तथापि कुरान के नाम से इस्लाम के नाम से सभी उसके समर्थक हैं | इसी जाकिर नाईक का पर्दा फाश सुदर्शन न्यूज़ चेनल में आप सब देख सकते हैं | उसको भारत छोड़ना पडा इसी प्रोग्राम के कारण | आज वह कह रहे है कोई हिन्दू इसलाम पर कुछ बोले उसके नाम FIR करें भारतीय मुसलमान – और ऐसे लोग जब किसी भी मुस्लिम देश में जाये उसे गिरिफ्तार कर लिया जाय | इसे कहते हैं इस्लामीजूनून, इसे कहते हैं आतंकवादी विचार | और यह जो कुछ भी बोल रहा है कर रहा है यही है इस्लामी शिक्षा |

youtube में जाकिर नाईक का पर्दाफाश, भंडाफोड़ भी देख सकते हैं MBBS मुन्ना भाई के चेलों को खुलि चुनौती भी देख सकते हैं | यह जो कुछ भी हो रहा यह सब मजह्बे इस्लाम के नाम से हो रहा है जो मानवता पर ही कुठाराघात है |

इस मामले में भारत सरकार को चीन जैसा और म्याह्मार जैसा दमन कारी परिपाटी को अपनाना पड़ेगा तभी भारत देश को इन आतंकवादी विचार वालों के हाथ से बचाया जाना समन्व होगा |

क्या भारत के लोग यह नहीं समझते जो इकबाल मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना यह कहकर हिन्दुओं को धोखा देता रहा और भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गये ? क्या कारण है जब वह खुद ही कहता रहा इसे की मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना तो वह खुद पाकिस्तान क्यों गया ?

महेन्द्रपाल आर्य = 10 / 11 /20 =

 

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