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चीन के रवैये पर भारतीय मुस्लमान चुप किस किये ?

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चीन के रवैये पर भारतीय मुस्लिम चुप किसलिए ?
भारत में रह रहे मुसलमानों को अब तक देखा गया, जिसके मन में जो आता है वह भारत को कोसने में नहीं लजाते | मानवता का तकाजा की अक्लसे काम लेना, अगर अक्लसे काम नहीं लेते फिर हम मानव कहलाने के अधिकारी नहीं बन सकते |
दूसरी बात यह भी है की, मानव उसी का ही नाम है जो समाज में अपने को मानवता का परिचय भी दे, सभी समाजिक बंधनों में रह कर अपने को मानव होने का परिचय बनाएं | सामाजिक बंधनों में रह कर प्रत्येक कार्य को विवेकानुसार करे अर्थात विवेकवान का नाम मानव है |
मानव जहाँ एकत्र चलते हैं उसी का ही नाम समाज होता है, यानि मानव के द्वारा ही समाज बनता है चलता है | मानव से इतर जितने भी हैं उनके एकत्र होने का नाम समाज नहीं समज होता है | अब इससे स्पस्ट, अथवा खुलासा यह हुवा की मानव एक समाजिक प्राणी है लोकाचार में मानव ही रहते हैं,लोगों के आचरण ही लोकाचार है | दुनिया में मानव जीते दो प्रकार से हैं एक अपना नाम कमाकर जीते हैं दूसरा अपना नाम गवां कर जीते हैं | मानव वह होते हैं जिनकी वाहवाही होती है, और दूसरा वह होता है जिसके नाम से लोग नफरत करते हैं |
हमारे इस धरती पर अनेकों प्रमाण है, जो लोग हमारे सामने नहीं हैं, उनकी कृति हमारे सामने हैं जिनकी प्रशंशा होती रहती है, इसी मानव समाज में | दुसरे वह लोग हैं जो हमारे सामने नहीं है फिरभी उनके नाम से लोग नफरत करते हैं | मानव दुनिया में यही दो कृति कमाने के लिए धरती पर आते हैं |
हमारे भारत में मुस्लमान रहते हैं जो अपने को भारतीय बताते भी हैं, किन्तु भारतीयता को वह जानते तक नहीं, और ना भारतीयता पर वह अमल करते हैं, और फिर भी अपने को भारतीय मानते हैं कहलाते हैं | यहाँ तक की भारत के मुस्लमान भारत के सुप्रीमकोर्ट के आदेश को भी मान कर राजी नहीं | इस दशा में ऐसे आचरण करने वालों को मानवता पर अमल करने वाले माना जा सकता है अथवा नहीं अपने आप में एक प्रशन खड़ा होता है |
किसी भी मुल्क में इस्लाम पर कहीं भी कुछ होता है भारत के रहने वाले मुस्लमान उसके खिलाफ भारत में हुडदंग मचाना शुरू करदेते हैं | पिछले दिन आप लोगों ने भी देखा होगा डेनमार्क में किसी ने कोई कार्टून बनाया था भारतीय मुसलमानों ने जम कर इसका विरोध किया नारे बजी करते रहे यहाँ तक की उत्तरप्रदेश में जिला मेरठ का एक चुनिन्दा MLA मायावती के पार्टी का था याकूब कुरैशी जिसका नाम है, उसने कहा जो उस कार्टूनिष्ट का सर कलम करदेगा उसे मैं सोने से तौलूँगा उसे 51 लाख रुपया इनाम दूंगा आदि | अब कोई इन मुसलमानों से पूछे की कार्टून बनाने वाला डेनमार्क का है उससे और भारत से क्या वास्ता है ? यहाँ पर उधम किस लिए मचारहे हो ? सरकार में हिम्मत ही नहीं थी इसका विरोध करने का, उनकी हिम्मत अफजाई तो सरकार द्वारा ही की जा रही, इस प्रकार के अनेक कांड भारत में होते रहे हैं अब तक |
मैं हैरान हूँ इस लिए की चीन देश में इसलामी रीती रिवाज़ पर पूरा प्रतिबन्ध है, जैसा ना दफना कर दाहसंस्कार { शव को अग्नि में जलाना } चीन में यह अनिवार्य है मिटटी में दफनाना वर्जित है रोजा रखने पर भी प्रतिबन्ध है जो सरकारी नौकर हैं चीन में वह रोजा नहीं रख सकते | दाढ़ी भी नहीं रख सकते आदि और भी कई इस्लामी रीती रिवाजों पर प्रतिबन्ध चीनी सरकार ने लगा रखी है, आज तक किसी भी मुसलामानों में हिम्मत क्यों नहीं हुई इसका विरोध करने का ?
इसका जवाब बड़ा ही सीधा है सखत पर किसी की वश नहीं चलती, नर्म पर सब कोई धौंस जमाता है दुनिया में भी हम लोग बखूबी इसे देख सकते हैं | वली बकरे की दी जाती है शेर की नहीं, हाथी की नहीं, किसी भी शक्ति शाली पशु की ना वली दी जाती है और ना कुर्वानी | यह सभी कमजोर पशुओं की ही होता है,यह फरमान अल्लाह का है कुरानी हुक्म है, इधर हिन्दू भी इसे धर्म बताया है, वली देने को |
भारत में रहने वाले मुसलमान, वर्मा देश में रहने वालों को भारत में बसाने के लिए मानवता का दुहाई दे रहे हैं प्रायः मुस्लमान चाहे वह राजनीतिक हो अथवा गैर राजनीतिक सब मुसलमानों ने स्वरसे स्वर मिलाया है उन्हें मानवता के नाते भारत में रहने दिया जाये, यही तर्क दे रहे हैं सरकार को | किन्तु विचारणीय बात यह है की इस देश को अगर मुस्लमान अपना देश समझते तो सरकार के साथ स्वर मिलाकर कहते, की हमारे देश में बिना अनुमति के यह लोग कैसे घुसे ?
यहाँ हिन्दू मुसलमान की बात नहीं करते और सीधा यह कहते भारत सरकार से की हमारे देश में यह लोग कैसे घुसे अनुप्रवेश कैसे कर गये ? जब हमारा ख़ुफ़िया विभाग ने इनलोगों के लिए सुचना दी है की यह लोग ISI जैसे आतंकवादी संगठनों से इन लोगों का सम्पर्क है तो हमारे देश में यह लोग किस लिए आये, कैसे आये आदि ?
किन्तु हो रहा उल्टा यह घुसपैठिये मुसलमान होने के कारण भारत के मुसलमान उनका पक्ष ले रहे हैं देश जाय भांड में, उन मुसलमानों से और देश से क्या वास्ता ? बात स्पष्ट है की इस देश को मुसलमानों ने कभी अपना देश नहीं माना यह सबसे बड़ा सबूत या प्रमाण है, देश हित में किन मुसलमानों ने पकड़े गये आतंकवादियों को आतंकवादी कहा ? इस्लाम के मानने वालों ने या भारतीय मुसलमानों ने, उन्हें मुजाहेदीन कहा हैं, यही इस्लाम है |
फिर मुसलमान यह कैसे कह रहे हैं की इस भारत को हम अपना देश मानते हैं, देश हितमें इनका कौसा काम है अथवा कौनसा पक्ष इनका देश हित में हैं, अथवा देश हितमें बोल रहे हैं | एक बात जरुर ध्यान रखना की देश के खातिर जिन मुसलमानों ने अपना प्राण गंवाया हैं, इसलाम के नज़र में वह शहीद नहीं है, यही मान्यता इस्लाम की है | काफिरों का देश, इस भारत को मानता है इस्लाम, तो उन काफिरों के देश को अपना देश मानने की अनुमति इस्लाम में कहाँ है ? हमारे देश के लिए जो मरते हैं उन्हें हम शहीद कहते हैं चाहे वह हिन्दू हो अथवा मुस्लमान | किन्तु इस्लाम में उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता और ना तो इन्हें शहीद कहा जाता है | इस्लाम में यह हराम है इस पर चर्चा कौन करता है क्या मौलाना अग्निवेश को पता है इन बातों का ? देखें भारतीय मुस्लमान उन घुसपैठी रंगिया मुसलमानों के पक्ष में बोल रहे हैं, कभी इन्हों ने कश्मीरी हिन्दुओं के लिए बोला है या मानवता के आधार पर उन कश्मीरी हिन्दुओं को किस लिए भगाया जा रहा है, अथव किस लिए भगाया गया कभी किसी मुसलमानों ने किसी से पुछा हो तो बताना ? यह है इस्लाम और इस्लामी विचारधारा हम भारत के हिन्दू कब समझेंगे इन इस्लामी विचारों को ?
महेन्द्रपाल आर्य =6 /10 /17 =

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