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जन्नतियों को अल्लाह का तोहफा

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|| जन्नतियों को अल्लाह का तोहफा ||

सवालों के घेरे में अल्लाह और अल्लाह का जन्नत |

कुरान में अल्लाह ने फ़रमाया जो जन्नत जायेंगे तो उनको इन्ही सामानों को मुहैया कराया जायगा | वहां हर तरह की सुख सुविधा मिलेंगे यहाँ तक की खाने पीने से लेकर, ऐश व दिल बहलाने वाली हम उम्र सुंदरियां, देखने में जैसी छुपी हुई अन्डे मोती जैसी, सोने की कंगन, और रेशम की कपड़ा पहने होंगी जिससे तन दिखे, बड़ी बड़ी आँखों वाली खुबसुरत औरतें |

कुरान में सबसे ज्यादा चर्चा इसी जन्नत की है, जहाँ पवित्र शराब, परिंदों के गोशत का कवाब, और हुरों जैसी की सांगत और भी बहुत कुछ | यह है कुरानी अल्लाह का जन्नत दुनिया से सभी अलग ही होगा |

प्रश्न है की यह सभी सामान जो मिलेंगे वह बनाया कहाँ जायेगा ? क्या उसी जन्नत में यह सभी सामान बनाने की कारखाना है ? अगर कारखाना है तो उसमें सामान बनाने वाले मजदूर भी होंगे वरना सामान बनाएगा कौन ? अगर साधारण मजदूर भी उसी जन्नत में होंगे तो अन्य जन्नातियों के लिए विशेष बात क्या रही ? सवालों के घेरे में अल्लाह और अल्लाह का जन्नत |

اللَّهُ الَّذِي خَلَقَ سَبْعَ سَمَاوَاتٍ وَمِنَ الْأَرْضِ مِثْلَهُنَّ يَتَنَزَّلُ الْأَمْرُ بَيْنَهُنَّ لِتَعْلَمُوا أَنَّ اللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ وَأَنَّ اللَّهَ قَدْ أَحَاطَ بِكُلِّ شَيْءٍ عِلْمًا [٦٥:١٢]

ख़ुदा ही तो है जिसने सात आसमान पैदा किए और उन्हीं के बराबर ज़मीन को भी उनमें ख़ुदा का हुक्म नाज़िल होता रहता है – ताकि तुम लोग जान लो कि ख़ुदा हर चीज़ पर कादिर है और बेशक ख़ुदा अपने इल्म से हर चीज़ पर हावी है | सूरा तलाक =आयत 12

هُمْ وَأَزْوَاجُهُمْ فِي ظِلَالٍ عَلَى الْأَرَائِكِ مُتَّكِئُونَ [٣٦:٥٦]

वह अपनी बीवियों के साथ (ठन्डी) छाँव में तकिया लगाए तख्तों पर (चैन से) बैठे हुए हैं| 36 /56

فَأَقْبَلَ بَعْضُهُمْ عَلَىٰ بَعْضٍ يَتَسَاءَلُونَ [٣٧:٥٠]

गोया वह अन्डे हैं जो छिपाए हुए रखे हो | 37 /50

مُتَّكِئِينَ فِيهَا يَدْعُونَ فِيهَا بِفَاكِهَةٍ كَثِيرَةٍ وَشَرَابٍ [٣٨:٥١]

और ये लोग वहाँ तकिये लगाए हुए (चैन से बैठे) होगें वहाँ (खुद्दामे बेहिश्त से) कसरत से मेवे और शराब मँगवाएँगे 38 /51

وَعِندَهُمْ قَاصِرَاتُ الطَّرْفِ أَتْرَابٌ [٣٨:٥٢]

और उनके पहलू में नीची नज़रों वाली (शरमीली) कमसिन बीवियाँ होगी | 38/52

يَلْبَسُونَ مِن سُندُسٍ وَإِسْتَبْرَقٍ مُّتَقَابِلِينَ [٤٤:٥٣]

रेशम की कभी बारीक़ और कभी दबीज़ पोशाकें पहने हुए एक दूसरे के आमने सामने बैठे होंगे |     44/ 52 +53

يَلْبَسُونَ مِن سُندُسٍ وَإِسْتَبْرَقٍ مُّتَقَابِلِينَ [٤٤:٥٣]

रेशम की कभी बारीक़ और कभी दबीज़ पोशाकें पहने हुए एक दूसरे के आमने सामने बैठे होंगे |

كَذَٰلِكَ وَزَوَّجْنَاهُم بِحُورٍ عِينٍ [٤٤:٥٤]

ऐसा ही होगा और हम बड़ी बड़ी ऑंखों वाली हूरों से उनके जोड़े लगा देंगे| 44 /54

يَدْعُونَ فِيهَا بِكُلِّ فَاكِهَةٍ آمِنِينَ [٤٤:٥٥]

वहाँ इत्मेनान से हर किस्म के मेवे मंगवा कर खायेंगे | 44 /55

 

सवालों के घेरे में अल्लाह और अल्लाह का जन्नत, दुनिया वालों जरा विचार करें की आखिर क्या यह सभी सवाल का आना उचित है अथवा नहीं ?

महेन्द्रपाल आर्य =18 /6 / 18

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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