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जैसे मरने से पहले मरीज बकते हैं कांग्रेस उसी दशा में ||

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|| जैसे मरने से पहले मरीज बकते हैं,कांग्रेस उसी दशा में ||
धर्म प्रेमी बंधुओं,भारत वासियों को चाहिएअब चिंतन करना, वरना देश को ख़तम करदेंगे यह नेता गण |
वर्तमान सम्पूर्ण भारत भर में एक अजीव, स्थिति पैदा किया जा रहा है भारतीय नेता कहलाने वालों के द्वारा | जो पहले कभी नहीं हुवा था, कुछ पार्टी ऐसी हैं जो भारत में रहकर राज निति करते हैं मानव समाज को जोड़ने के बजाय मानव को बाँटने में विश्वास करते हैं, जिन पर चुनाव आयोग को प्रतिवंध लगानी चाहिए | जिस पार्टी के नेता बन्दे मातरम बोलना नहीं चाहते वह इस देश में किस अधिकार से पार्टी बना लेते हैं ? क्या यह चुनाव आयोग के अधिकार में नहीं आता ?
 
जो भारतीय न होनेका प्रमाण अपने पार्टी के बेनर तले दे रहे हैं, जो मात्र जाती के नाम से हिन्दू मुस्लिम के नाम से मानव कहलाने वालों को बाँट रहे हैं | जैसा असदुद्दीन ओवैसी |
 
ठीक यही दशा अब भारतीय कांग्रेस पार्टी की भी है यह सत्ता से अलग हुए तो अपना दिमागी संतुलन भी खोबैठे | परेशानी की बात यह है की जिसे विरोधी दल में बैठने के लिए भी योग्य नहीं बनाया भारत की जनता |
 
यही कारण बना की कांग्रेस के वरिष्ट नेता, सुप्रीम कोर्ट के वकील सलमान खुर्शेद को कहना पड़ा परमात्मा इन्हें सद बुद्धि दे | मतलब साफ है की कांग्रेस के वरिष्ट तम नेता जिनके पिता भी इसी पार्टी के नेता रहे | वह परमात्मा से इन कांग्रेसियों के लिए बुद्धि मांग रहे हैं | पता लगा कांग्रेस के अध्यक्ष अपना दिमागी संतुलन खो बैठा,यह उसी कांग्रेस के नेता कह रहे हैं |
 
अब सवाल होगा पागलपन क्या है ? जवाब है की जिस पार्टी को भारत के लोगों ने अपना मतदान देकर भारत में सरकार बनाने का आदेश दिया हो | और वह अपना सरकार चलाने के लिए क्या उचित है क्या उनुचित हैं ? उसे देख कर ही देश चला रहे हैं | उसके खिलाफ महाअभियोग चलाना यही दिमागी सन्तुलन खोने वाली बात है |
 
मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति उसी सरकार ने की है, तो कांग्रेस का यह अधिकार कहाँ है ? सरकारी कामकाज पर हस्ताक्षेप करने का ? सरकार अपने विवेक से चलेगी या फिर किसी के कहने पर सरकार चलेगी ? अगर कांग्रेस की बातों पर सरकार चलना होता तो उन्हें जनता अधिकार से वन्चित किस लिए करती ?
 
अब भारत सरकार को चाहियें जितने भी लोग मुख्य न्यायधीश के खिलाफ महाअभियोग में अपना हस्ताक्षर किया है, उन सब पर मुकदमा चलाना |
या मानहानि का दावा ठोकना, अगर सरकार न भी करे मुख्य न्यायधीश को चाहिये इन सभी पर मानहानि का केस करें | और इन से भी यह पूछें की हमारी नियुक्ति सरकार ने की है अथवा तुम जैसों ने ?
 
कांग्रेस का अंत समय आया है और यह कोमा में हैं इस लिए जाने से पहले ज्यादा कुछ बोलना चाहती है | जैसा की मरने से पहले मरीजों की दशा होती है ठीक इसी प्रकार |
 
अभी जिन लोगों पर भगवा आतंकवादी कहकर कांग्रेस ने बन्द कराई थी न्यायालय ने उन सब को बरी कर दिया है | अब यह न्यायपालिका पर सवाल उठाकर दूसरा पागलपन का परिचय दिया है | भारत वासियों को चाहिए इन मरीजों का अच्छे से दवा पानी कराएँ | हो सके तो परमात्मा से भी प्रार्थना करें इनका दिमागी संतुलन ठीक हो जैसा की वरिष्ट वकील सलमान खुर्शीद ने कहा है |
महेंद्र पाल आर्य =वैदिकप्रवक्ता = 21 =4 =18 =

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