Vaidik Gyan...
Total:$776.99
Checkout

तलाक जैसे घिनौनी हुक्म है कुरान का- देखें प्रमाण |

Share post:

|| कुरानी हुक्म है तलाक जैसे घिनौनी कार्य ||
भारत सरकार को चाहिए, तीन तलाक का उपदेश जहाँ है उसे समाप्त करना, कुरान पर अगर प्रतिवंध लगे तभी यह तीन तलक, और आतंकवाद समाप्त हो सकता है | चीन जैसा भारत को भी इस मामले में सख्त होना पड़ेगा |
तीन तलाक को लेकर भारतीय लोकसभा में पिछले बार भी वार्ता हुई थी, और राज्य सभा से अब पास हो गया इसके समर्थन में ज्यादा मत पड़े विरोधियों में कम, सरकार को सांसदों का समर्थन मिला है, सरकार समझती है की तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार है | यह नहीं होनी चहिये किसी भी महिला के साथ,और इसमें बोलते हुए लोकसभा में कई सदस्यों ने अपने अपने विचार व्यक्त करते सुना tv में | कई लोगों ने कहा यह हिन्दू मुस्लिम वाली बातें नहीं है, यह अमानवीय व्यवहार है महिलायों से साथ यह नहीं होना चहिये |
शायद उनलोगों को यह पता ही नहीं की मुसलमानं इस काम को करते हैं,अल्लाह का हुकुम है कुरान में,इस लिए,अब इसे मुस्लमान भी क्या कर सकते हैं भला ? भारत सरकार मुसलमानो के लिए आदेश हो या प्रतिवंध विरोध झेलकर भी लगा सकती है और प्रयास भी यही है सरकार का | पर यह आदेश है कुरान का क्या भारत सरकार कुरान पर प्रतिवंध लगा सकती है ? अगर नहीं तो इस घिनौनी प्रथा कैसे बन्द होना संभव होगा, या करना संभव होगा ? क्या भारत सरकार चाहती है मुसलमान कुरान का आदेश ना माने, अगर कुरान का आदेश कोई मुसलमान नहीं मानता है अथवा ना माने फिर वह मुसलमान कैसे रहेगा ?
अगर भारत सरकार चाहती है तीन तलाक पर प्रतिवंध लगे तो भारत सरकार को चाहिए चीन का अनुकरण करना तभी यह काम संभव होगा, जिसे आप ना रहे बाँस और ना रहे बाँसुरी वाली बात करनी होगी | बांसुरी पर प्रतिवंध लगाने के लिए, पहले बांस का बोना बंद करना पड़ेगा तभी बांसुरी का बनना बंद हो सकता है |
तलाक का आदेश कुरान का है कैसा है देखें मैं दिख रहा हूँ कुरानी आदेश को |
الطَّلَاقُ مَرَّتَانِ ۖ فَإِمْسَاكٌ بِمَعْرُوفٍ أَوْ تَسْرِيحٌ بِإِحْسَانٍ ۗ وَلَا يَحِلُّ لَكُمْ أَن تَأْخُذُوا مِمَّا آتَيْتُمُوهُنَّ شَيْئًا إِلَّا أَن يَخَافَا أَلَّا يُقِيمَا حُدُودَ اللَّهِ ۖ فَإِنْ خِفْتُمْ أَلَّا يُقِيمَا حُدُودَ اللَّهِ فَلَا جُنَاحَ عَلَيْهِمَا فِيمَا افْتَدَتْ بِهِ ۗ تِلْكَ حُدُودُ اللَّهِ فَلَا تَعْتَدُوهَا ۚ وَمَن يَتَعَدَّ حُدُودَ اللَّهِ فَأُولَٰئِكَ هُمُ الظَّالِمُونَ [٢:٢٢٩]
तलाक़ रजअई जिसके बाद रुजू हो सकती है दो ही मरतबा है उसके बाद या तो शरीयत के मवाफिक़ रोक ही लेना चाहिए या हुस्न सुलूक से (तीसरी दफ़ा) बिल्कुल रूख़सत और तुम को ये जायज़ नहीं कि जो कुछ तुम उन्हें दे चुके हो उस में से फिर कुछ वापस लो मगर जब दोनों को इसका ख़ौफ़ हो कि ख़ुदा ने जो हदें मुक़र्रर कर दी हैं उन को दोनो मिया बीवी क़ायम न रख सकेंगे फिर अगर तुम्हे (ऐ मुसलमानो) ये ख़ौफ़ हो कि यह दोनो ख़ुदा की मुकर्रर की हुई हदो पर क़ायम न रहेंगे तो अगर औरत मर्द को कुछ देकर अपना पीछा छुड़ाए (खुला कराए) तो इसमें उन दोनों पर कुछ गुनाह नहीं है ये ख़ुदा की मुक़र्रर की हुई हदें हैं बस उन से आगे न बढ़ो और जो ख़ुदा की मुक़र्रर की हुईहदों से आगे बढ़ते हैं वह ही लोग तो ज़ालिम हैं | सूरा बकर =आयत 229
فَإِن طَلَّقَهَا فَلَا تَحِلُّ لَهُ مِن بَعْدُ حَتَّىٰ تَنكِحَ زَوْجًا غَيْرَهُ ۗ فَإِن طَلَّقَهَا فَلَا جُنَاحَ عَلَيْهِمَا أَن يَتَرَاجَعَا إِن ظَنَّا أَن يُقِيمَا حُدُودَ اللَّهِ ۗ وَتِلْكَ حُدُودُ اللَّهِ يُبَيِّنُهَا لِقَوْمٍ يَعْلَمُونَ [٢:٢٣٠]
फिर अगर तीसरी बार भी औरत को तलाक़ (बाइन) दे तो उसके बाद जब तक दूसरे मर्द से निकाह न कर ले उस के लिए हलाल नही हाँ अगर दूसरा शौहर निकाह के बाद उसको तलाक़ दे दे तब अलबत्ता उन मिया बीबी पर बाहम मेल कर लेने में कुछ गुनाह नहीं है अगर उन दोनों को यह ग़ुमान हो कि ख़ुदा हदों को क़ायम रख सकेंगें और ये ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुई) हदें हैं जो समझदार लोगों के वास्ते साफ साफ बयान करता है | सूरा बकर =आयत 230
وَإِذَا طَلَّقْتُمُ النِّسَاءَ فَبَلَغْنَ أَجَلَهُنَّ فَأَمْسِكُوهُنَّ بِمَعْرُوفٍ أَوْ سَرِّحُوهُنَّ بِمَعْرُوفٍ ۚ وَلَا تُمْسِكُوهُنَّ ضِرَارًا لِّتَعْتَدُوا ۚ وَمَن يَفْعَلْ ذَٰلِكَ فَقَدْ ظَلَمَ نَفْسَهُ ۚ وَلَا تَتَّخِذُوا آيَاتِ اللَّهِ هُزُوًا ۚ وَاذْكُرُوا نِعْمَتَ اللَّهِ عَلَيْكُمْ وَمَا أَنزَلَ عَلَيْكُم مِّنَ الْكِتَابِ وَالْحِكْمَةِ يَعِظُكُم بِهِ ۚ وَاتَّقُوا اللَّهَ وَاعْلَمُوا أَنَّ اللَّهَ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ [٢:٢٣١]
और जब तुम अपनी बीवियों को तलाक़ दो और उनकी मुद्दत पूरी होने को आए तो अच्छे उनवान से उन को रोक लो या हुस्ने सुलूक से बिल्कुल रुख़सत ही कर दो और उन्हें तकलीफ पहुँचाने के लिए न रोको ताकि (फिर उन पर) ज्यादती करने लगो और जो ऐसा करेगा तो यक़ीनन अपने ही पर जुल्म करेगा और ख़ुदा के एहकाम को कुछ हँसी ठट्टा न समझो और ख़ुदा ने जो तुम्हें नेअमतें दी हैं उन्हें याद करो और जो किताब और अक्ल की बातें तुम पर नाज़िल की उनसे तुम्हारी नसीहत करता है और ख़ुदा से डरते रहो और समझ रखो कि ख़ुदा हर चीज़ को ज़रुर जानता है | आयत 231
وَإِذَا طَلَّقْتُمُ النِّسَاءَ فَبَلَغْنَ أَجَلَهُنَّ فَلَا تَعْضُلُوهُنَّ أَن يَنكِحْنَ أَزْوَاجَهُنَّ إِذَا تَرَاضَوْا بَيْنَهُم بِالْمَعْرُوفِ ۗ ذَٰلِكَ يُوعَظُ بِهِ مَن كَانَ مِنكُمْ يُؤْمِنُ بِاللَّهِ وَالْيَوْمِ الْآخِرِ ۗ ذَٰلِكُمْ أَزْكَىٰ لَكُمْ وَأَطْهَرُ ۗ وَاللَّهُ يَعْلَمُ وَأَنتُمْ لَا تَعْلَمُونَ [٢:٢٣٢]
और जब तुम औरतों को तलाक़ दो और वह अपनी मुद्दत (इद्दत) पूरी कर लें तो उन्हें अपने शौहरों के साथ निकाह करने से न रोकों जब आपस में दोनों मिया बीवी शरीयत के मुवाफिक़ अच्छी तरह मिल जुल जाएँ ये उसी शख्स को नसीहत की जाती है जो तुम में से ख़ुदा और रोजे आखेरत पर ईमान ला चुका हो यही तुम्हारे हक़ में बड़ी पाकीज़ा और सफ़ाई की बात है और उसकी ख़ूबी ख़ुदा खूब जानता है और तुम (वैसा) नहीं जानते हो | सूरा बकर =आयात 232 =और भी है ———–

यह है कुरान और अल्लाह का हुक्म मैंने मात्र 4 आयात ही प्रस्तुत किया है और भी है लम्बा न हो इसलिए मात्र प्रमाण दिया हूँ की यह हैं कुरानी अल्लाह का फरमान मुसलमानों के लिए | क्या भारत सरकार के पास है कोई योजना की मुसलमान इस कुरानी आदेश को टाल सके ? अगर नहीं कर सकते तो तीन तलक को समाप्त कैसे करेंगे ?

दूरदर्शन में देख व सुन रहे थे की मुस्लिम पर्सोनल ला बोर्ड सुप्रीमकोर्ट के खिलाफ अपना इरादा व्यक्त किया है और इसका विरोध करेगी | इसपर मेरा कहना होगा की यह केस वहां तक पहुंचाया किन लोगों ने ? सारकार अथवा मुस्लिम महिलाएं ? अगर सारकार नहीं पहुंचाई तो सरकार को किसलिए कोसा जा रहा है ? मुस्लिम फ्घराने के लोग अपने घर की महिलायों को सुप्रीमकोर्ट तक केस लेजाने क्यों दिया ? मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को पहले अपनी कमी को दूर करना चाहिए | ना के सुप्रीमकोर्ट का विरोध करना ? या सरकार का विरोध करना चाहिए ? अगर मुसलमान विरोध करना चाहती है तो चीन का विरोध करना चाहिए | चीन पर किसलिए चुप्पी साध रखी है मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ?
इस लेख पर सभी भारत वासियों को चिंतन और विचार करना चाहिए |
धन्यवाद के साथ महेन्द्रपाल आर्य 1/ 8 /19

Top