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दयानंद पाखण्डी कैसे थे प्रमाण दो |

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कृष्णमिश्र मैं तुम्हारा कोई भी बहाना बाजी सुनना नहीं चाहता तुम्हें यह सिद्ध करना होगा की दयानन्द पाखण्डी कैसे थे ?
जिस ऋषि ने मुझ जैसे एक बड़ी मस्जिद के इमाम को ही नहीं बल्कि अनेकों को वैदिक धर्मी बनाया है |
उन्ही ऋषि को तुमने पाखण्डी लिखा है मैंने उन्ही ऋषि से सत्य सनातन वैदिक धर्म को पाया है, किसी हिन्दू कहलाने वालों में दम नहीं था मुझ जैसे एक इसलामिक स्कालर को या किसी बड़ी मस्जिद के इमाम को वैदिक धर्मी बना सके |
ऋषि के पथ पर चलते हुए आज इन 35 वर्षों में ना जाने हजारों मुसलमानों को वैदिक धर्मी बनाया हूँ | साथ ही साथ ना जाने कितने हिन्दू घराने के लड़की, और लड़कों को मुसलमान बनने से रोका, और जो बन गये थे उन्हें अपने पूर्वजों में मिलाया | आज सम्पूर्ण भारत में कहीं भी कोई हिन्दू लड़का -लड़की मुसलमान या ईसाई बनता है सब से पहले महेंद्रपाल आर्य को लोग याद करते हैं लोग |
आज विश्वभर में लोग स्पस्ट लेखक और स्पस्ट वक्ता के रूप में मुझे जानते हैं यही ऋषि दयानंद की ही महरवाणी है | जिस दयानन्द ने सत्य का बोलना और बुलवाना -असत्य को छोड़ना और छुडवाना सिखाया है |
 
उन्ही दयानन्द को तुमने पाखण्डी लिखा है, मैं सामने बैठ कर तुमसे यह जानने के लिए चुनौती दिया है | की वह पाखण्ड कौनसा है जो ऋषि दयानन्द जी ने की है ?
तुमने खुद लिखा की जहाँ मैं कहूँगा उसी जगह आकर बात करोगे और मुझे प्रमाण दोगे | फिर यह किस लिए लिखा की मुझे मरवाना चाहते हो ?
 
मैं तुम्हें वचन देता हूँ तुम्हारी जान की जिम्मेदारी मुझपर होगी तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़े गा यह मेरी जिम्मेदारी होगी |
यद्यपि मैं अपनी प्राणों की बाजी लगा कर सत्य सनातन वैदिक धर्म का प्रचार करता आ रहा हूँ जो ऋषि ऋण से उऋण होने का प्रयास कर रहा हूँ | तुमने मेरे लिए जो जो अपशब्द लिखे, शायद जिस समाज को मैंने छोड़ा उन्हों ने भी यह कमबख्ती नहीं की |
कुछ भी हो तुम बहाना ना बनाव वह प्रमाण ले कर सामने आव की ऋषि दयानंद कौनसा पाखण्ड किया अथवा कौनसी पाखण्ड की बातें की है ? मुझे यह कतई पसंद नहीं मेरे ऋषि को कोई अपशब्द कहे मुझे कहा मैं बुरा नहीं मानता | मैं तो हिन्दू मुस्लमान और ईसाइयों से भी गाली सुनता हूँ | आप समय देने के लिए खुद लिखा है डिबेट के लिये वादा किया है समय कब दे रहे हो बताव मैं प्रतीक्षा में हूँ |
अगर तुम्हें पता होता की मैं अपने आप को तैयार किया हूँ सिर्फ ऋषि दयानन्द के वल पर उन्ही के विचारों के आधार पर आज सम्पूर्ण विश्व में लोग मुझे जानते है अरब देशों में ना जाने कितने हिन्दुओं को मुसलमान होने से बचाया | youtube.com में मेरे vew 27 लाख से ऊपर है | तुम सस्ते में मेरी लोकप्रियता को लेना चाहते अपना नाम बता कर | सामने नहीं आ सकते तो मेरे पेज में माफ़ी मांगो | महेन्द्रपाल आर्य =16 /6 /17

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