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देशका कुछ नहीं बिगाड़ा दुश्मनों की तलवारों ने : महेंद्रपाल आर्य

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देशका कुछ नही बिगाड़ा दुश्मनों की तलवारों ने |
भारत को बर्बाद किया है भारत के ही गद्दारों नें ||

सम्पूर्ण जगत में जितने भी देश तथा {मुल्क} है, किसी भी मुल्क को सोने की चिड़िया नही कहा गया | इतिहास साक्षी है, सोने की चिड़िया कहने का कारण है इसी देश से सृष्टि की रचना, सृष्टि कर्ता ने की है | सृष्टि रचना का जो नियम है उसी के अनुसार परमात्मा ने या सृजनकर्ता ने धरती की सबसे ऊँची चोंटी इसी आर्यवर्त में होने के कारण ही तिब्बत में सृष्टि की रचना की |

अरब वाले डिंग हांकते हैं की अल्लाह ने इस्लाम वालों को पेट्रोल दिया, अल्लाह को छोड़ कोई नही जानता, सृष्टि की रचना कैसी होती है आदि | अल्लाह का बनाया या दिया एक ही धर्म है जो इस्लाम है | सूरा =अल इमरान =आयत -19 +85 =अल्लाह का एक ही दीन है इस्लाम |
सवाल इसी में है की उससे पहले,जितने भी हुए दुसरे कौम को किसने पैदा किया ? सवालों के घेरे में है, इस को यही रहने देता हूँ |

जो इस्लाम, अल्लाह, जितने पैगम्बर हुए, यह सब अरब देश में आये, अल्लाह का दिया आसमानी किताब अरबी में ही है | अल्लाह अरबो को छोड़ किसी और भाषा जानते तक नही, यहाँ तक की मुसलमानों के मरजाने के बाद भी अल्लाह का सवाल जवाब फरिश्तों से अरबी में ही होंगे |

इतना सब कुछ होने के बाद भी सृष्टि की रचना अरब में नही हुई, कारण सृजनकर्ता को पता है कहाँ सृष्टि होनी चाहिए ? सृष्टि रचना के लिये क्या क्या वातावरण हीनी चाहिए अदि |
यही कारण बना सृजन हार ने मनुष्य की उत्पत्ति और सृष्टि रचना इसी आर्यवर्त देश में असंख जीव जोड़ों जोड़ों में, नर और मादा को इसी धरती से पैदा किया | यही कारण है की हम धरती को माता कहते हैं, जो दुनिया के लोग जानते नही और इस लिये धरती को माँ कहने से इंकार करते हैं |

मानव की रचना से पहले मानव के ज़रूरतों की सामान बना दिया | जैसा देखने से पहले, सूरज | प्यास से पहले पानी, भूख से पहले खुराक,चलने से पहले धरती | और धरती पर चलने के लिये ज्ञान दिया है परमात्मा ने | ज्ञान के बिना मानव का चलना संभव नही | उसी ज्ञान का देंने वाले का नाम परमात्मा है,अल्लाह नही, कारण अल्लाह मुसलमानों को छोड़ और मनुष्यों को जानते तक नहीं | और परमात्मा के दिए गए ज्ञान का नाम वेद है | वेद का अर्थ ज्ञान है, पुस्तक नही ज्ञान के बिना कर्म नही हो सकता |

मैं अगर टाइपिंग करना नहीं जानता, तो लिखना संभव नही था इसे सिखने का नाम ज्ञान है | ज्ञान पहले हैं कर्म बाद में है, ज्ञान के बिना कर्म का करना संभव नहो है |

वह ज्ञान जो मानव मात्र को सृष्टि करता ने दी है, वह किसी मुल्क वालों के भाषा में नही दिया | वह मानव मात्र के भाषा संस्कृत में दिया, जो मानव धरती पर आते ही उसी भाषा में हँसते रोते चिल्लाते पुकारते हैं | जिसका नाम स्वर है जो अरबी में नही और न किसी और मुल्क वालों की भाषा में है | वही भाषा इसी आर्य भाषा है वह किसी भी दुनिया के लोगों की भाषा नही मात्र यही आर्य भाषा है जो मानव मात्र का ही भाषा |

इसी आर्य वर्तीय देश में, अग्नि, वायु, आदित्य, अंगीरा नामी ऋषि ने मानव मात्र को परमात्मा का दिया ज्ञान को सिखाया बताया उस पर अम्ल करने को कहा | जो किसी भी मुल्क वालों की भाषा नही मानव मात्र का भाषा, मानव मात्र के लिये है, किसी मुल्क वालों के लिये हो तो उन सृष्टि रचने वाले पर दोष लगेगा | जी सभी मजहबी ग्रंथों पर यही दोष लगा, और मजहबी ग्रंथों में ज़रूरत होने पर उतारी गयी बोला और बतायी गई है |
प्रमाण कुरान की जो 6-6-66 आयतें हैं उसका शाने नुजूल {किस बात पर नाजिल हुई } उसे शाने नुजूल कहते हैं | किस बात पर का अर्थ यह है किस लिये किस बिना पर यह आयात उतारी गई | हरआयात के उतरने का अथवा उतारने का कोई कारण बना तब उसे उतारी गयी | जैसा कुरान में अल्लाह का कहना है = जब तुम शराब पी लो तो नमाज के करीब ना जाव | सूरा =निसा =आयत =43
يٰٓاَيُّھَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَقْرَبُوا الصَّلٰوةَ وَاَنْتُمْ سُكٰرٰى حَتّٰى تَعْلَمُوْا مَا تَقُوْلُوْنَ وَلَا جُنُبًا اِلَّا عَابِرِيْ سَبِيْلٍ حَتّٰى تَغْتَسِلُوْا ۭ وَاِنْ كُنْتُمْ مَّرْضٰٓى اَوْ عَلٰي سَفَرٍ اَوْ جَاۗءَ اَحَدٌ مِّنْكُمْ مِّنَ الْغَاۗىِٕطِ اَوْ لٰمَسْتُمُ النِّسَاۗءَ فَلَمْ تَجِدُوْا مَاۗءً فَتَيَمَّمُوْا صَعِيْدًا طَيِّبًا فَامْسَحُوْا بِوُجُوْهِكُمْ وَاَيْدِيْكُمْ ۭ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَفُوًّا غَفُوْرًا 43؀ اے ایمان والو! جب تم نشے میں مست ہو نماز کے قریب نہ جاؤ (١) جب تک کہ اپنی بات کو سمجھنے نہ لگو اور جنابت کی حالت میں جب تک کہ غسل نہ کر لو (٢) ہاں اگر راہ چلتے گزر جانے والے ہوں تو اور بات ہے (٣) اگر تم بیمار ہو یا سفر میں ہو یا تم سے کوئی قضائے حاجت سے آیا ہو یا تم نے عورتوں سے مباشرت کی ہو اور تمہیں پانی نہ ملے تو پاک مٹی کا قصد کرو اور اپنے منہ اور اپنے ہاتھ مل لو (٤) بیشک اللہ تعالیٰ معاف کرنے والا، بخشنے والا ہے۔

ठीक इसी प्रकार सब आयातों के उतरने का कारण है | यहाँ साफ मना किया गया जब तुम नशे में हो नमाज के करीब न जाव | इसका कारण है की किसी सहाबी ने शराब पी कर नमाज पढ़ा ने पर नमाज में बे तरतीब आयात के पढ़ने पर दुसरे ने मुहम्मद से शिकायत की वह अल्लाह के तरफ मुखातिब हुए तब अल्लाह ने यह आयत नाजिल फरमाई |

अर्थात शराब पिने से नशा होता है यह इल्म अल्लाह को नही थी वरना शराब को पहले ही मना करदेते, उस ने नमाज में गलती न करते तो यह आयात नहीं उतर ती |

किन्तु वेद इस प्रकार नही आदि सृष्टि में परमात्मा ने उन ऋषियों के द्वारा मानव मात्र को मानव के हित के लिये, मानव मात्र के विकास के लिये आदेश और निषेध दो प्रकार की बातें दी हैं | एक करना दूसरा नही करना यह ज्ञान परमात्मा ने इसी आर्य वर्त देश में ऋषियों के द्वारा दिया है | जो किसी अन्य देश वासियों को प्राप्त नही हुवा |

इसीदेश में ऋषियों ने मानव मात्र के लिये धर्म एक है बताया, मानव मात्र का एक जाती बताया, मानव समाज में व्यवस्था बनाने के लिये,चारआश्रम बताया | चार वर्ण बताया,गणित में यही चार कर्म बताया, जोड़, घटा, गुना, भाग बताया | चार ही ऋषि वेद ज्ञान देने वाला बताया जो उपर लिखा है | दुर्भाग्य से राजनेतागण इस देश को धर्म निरपेक्ष बता रहे हैं, जब की उन्हें पता ही नही की धर्म है क्या ?

यह सारा इसी आर्यावर्त देश में ही हुवा है अन्य देश में नही, पर इन्ही देश में गद्दार भी बहुत पैदा हुए जैसा आज भी हम देख रहे हैं | जयचन्द की गद्दारी मशहूर है, पंडितों की गद्दारी ने मुहम्मद गोरी को भारत में घुसने का मौका बना दिया,देशगुलाम हुवा मुसलमानों का | वीरवल ने भी अकबर बादशाह को अपनों में न मिला कर गद्दारी की है |
मीर जाफर के,गद्दरी से देश गुलाम हुवा ईसाइयों का, अम्बेडकर के सत्यसनातन वैदिक धर्म छोड़ने और बोधिष्ट बनने का नतीजा हुवा, तिलक तराजू और तलवार इन्केमारो जुटे चार, यह सुनना पड़ गया, सनातन धर्मियों को |

उसी प्रकार आज के एक दो नही किन्तु कई राजनेता मिल कर देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं | अगर हम समय रहते हुए नही चेतते हैं, तो हमें फिर किसी न किसी का गुलाम बनना पड़ेगा | और यह भारत देश जो कभी सोने की चिड़िया कहलाई उसपर कुठाराघात करने वालों को पहचान कर उन्हें मुह तोड़ जवाब देना होगा फिर हम भारत माँ से सपूत कहलाने के लायक बन सकते हैं |
महेन्द्रपाल आर्य =वैदिक प्रवक्ता = दिल्ली =5/11/16=

एक विशेष जानकारी दिल्ली का कोई मुझसे जुड़े भाई मुझसे मिलना चाहते हैं, उनका स्वागत है कल सुबह 9 बजे आर्य समाज मस्जिद मोड़ जो दिल्ली के डिफेन्स कोलोनी के पीछे है | कल मेरा प्रवचन उसी जगह है अधिक्से अधिक संख्या में आप हाज़िर होकर मेरा प्रवचन को सुनें धन्यवाद के साथ =आप लोगों का महेन्द्रपाल आर्य =
आर्य समाज मन्त्री जी का नो० 9211501545 है इनसे स्थान पूछ सकते हैं |

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