Vaidik Gyan...
Total:$776.99
Checkout

नेता कोई चीनपन्थी हो या पाक पन्थी उनकी रक्षा सैनिकों के हाथ |

Share post:

नेता कोई चीनपन्थी हो या पाक पन्थी उनकी रक्षा सैनिकों के हाथ |
धन्य हैं भारत के लोग और उनकी मानसिकता, खिलाडी चाँदी जीता,उसके देश लौटने से पहले ही तिजोरी खोल दी,जो देश के लिए प्राण दिया उसे मात्र दीपक।
पिछले दिनों में देखा गया यह दृश्य हरियाणा की एक बेटी, और हैदराबाद की एक बेटी जो चाँदी के मेडल लेकर आई तो प्रांतीय सरकार से लेकर भारत के कई धनपतियों ने गाड़ी से ले कर न मालूम कितना ही धन उन को भेंट स्वरुप अर्पित कर अपने को गौरान्वित महसूस कर रहे थे और अपने को दानी घोषित कर रहे थे |

आज कई दिनों से और इससे भी पहले से पाकिस्तान के सीमा पर जिन भारत माँ के लालों ने अपनी प्राणों की बाजी लगा कर पाकिस्तानियों के हाथों मारे गये जिनके बच्चे और परिवार के लोगों को रोते विलखते TV में दुनिया के लोग देख रहे हैं, उनके परिवार या उनके बच्चों के लिये हमारी सरकार और सरकारी तंत्र या फिर कुछ लोग उन जांबाजों के दीपक जलाकर ही उनकी आत्मा को दिलासा दिलाने का मन बनाया है |

इन सैनिकों में कई तो ऐसे भी थे जो घर का खर्च चलाने वाला वही मात्र ही थे जिनके बेटी बड़ी हो गई, और बेटे अभी छोटे हैं घरकी जिम्मेदारी निभाने वाला और कोई नही रोज़गार का रास्ता ही बंद हो गया | सरकार की ओर से कोई आश्वासन नही और न कोई धनपति ने उन परिवारों को देने को कुछ कहा अबतक | और ना किसी ने कुछ भरोसा दिया |

हम कैसे मानसिकता वाले लोग हैं की खेलने कूदने वालों और फ़िल्मी कलाकारों के मान हम भारतीओं के पास ज्यादा है, उन सैनिकों के बजाय की जिन्हों ने अपनी प्राणों की बाजी लगाकर देश की तथा देश वासियों के रक्षार्थ अपने को मौत को गले लगाया |

दुःख तो यह है की किसी भी मन्त्री का बेटा, अथवा कोई धनपति के परिवार से सैनिक नही है | किसी गरीब किसान परिवार का ही कोई बेटे ने इस काम को अंजाम दिया और वह भी सेना में भारती होते समय लाखों खर्च कर ही आज मौत को अपने गले लगाया है | इन मंत्रिंयों के और कोई धनपतियों के पास इसका मूल्याकण है क्या ?

दिल्ली में देखेंगे वर्षा व धुप में या फिर कड़कती सर्दी में भी हर नेताओं के फिर मंत्रियों के घरके सामने त्रिपाल के नीचे प्रहरी तैनात, की कोई भी हमारे मन्त्री या नेता रूपी आका पर कोई हमला ना करदे | अब वह नेता चीनपन्थी हो, अथवा, पाकिस्तान पन्थी हो हमारी फ़ौज अपनों से उनकी जान को ज्यादा कीमती समझते हैं | और उनकी प्राण बचाने के लिये खुद को मर जाना उचित समझते हैं, किन्तु अपने उन देश द्रोही नेता को बचाने में लगे हैं | यह है हमारे देश के लोगऔर उनकी मानसिकता |
महेन्द्रपाल आर्य = वैदिकप्रवक्ता =29 /10/ 16 =

Top