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बंगला देश बार्डर में कांटा तार लगाकर सुरक्षा |

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बांग्लादेश बार्डर में किसप्रकार कांटा तारसे हिफाजत |
मैं बांग्लादेश बार्डर पर वेद प्रचार के लिये गया था यहाँ वेद प्रचार कार्य ना के बराबर है गिने चुने ही लोग हैं जो वैदिक मान्यता को जानते और मानते हैं |
यहाँ के कई लोग कोलकाता विश्वविद्यालय, दार्जीलिंग विश्वविद्यालय, बीरभूम विश्वविद्यालय, के अतिरिक्त कोलकाता के कई कालेजों में संस्कृत केअध्यापक हैं |
 
यह लोग कोई पंजाब के करतारपुर गुरुकुल से दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ० हैं इन्ही लोगों के प्रयास से मैं अभी यहाँ प्रचार कार्य में गया था | यह लोग मेरे साथ नेट पर साथी हैं और मुझे यह लोग अपने विद्यार्थी काल से जानते हैं | बड़ा ही धुवाँधार प्रचार रहा 19 86 के बाद अबकी बार मैं यहाँ समय दे पाया | काफी समय के बाद लोग मुझे अपने बीच पा कर खूब प्रसन्न रहे काफी दूर दूर से लोग मुझे सुनने को आये थे | अंग्लादेश से भी कई परिवार यह मुझे सुनने को आये थे |
 
मालदा से, कालियागंज,से और भी जगह जगह से लोग जमा हुए मुझे सुनने के लिये बड़े समय बाद मैंने सारा प्रवचन बंगला में दिया 1986 के बाद शायद मैंने बंगला में प्रवचन दिया |
बंगाल में बंगला भाषा में आर्य समाज का प्रचार बिलकुल ना के बराबर है मैं कभी 6 वर्ष रहकर प्रचार किया था बंगाल सभा में | यहाँ सभी हिंदी में ही प्रचार होता है बंगाल में अगर बंगला भाषा में प्रचार ना हो तो इस प्रान्त के लोग कैसे जान पाएंगे वैदिक मान्यता को | जब की कोलकाता आर्य समाज 100 मनाया पिछले 1985 में कितने दिन हुए आर्य समाज की स्थापना कोलकाता में अंदाजा लगायें | किन्तु दुर्भाग्य से बंगला भाषा में प्रचार ना के बराबर है |
 
बंगाल से कुछ बच्चे पढ़ने के लिये पंजाब -हरियाणा -दिल्ली -आदि गुरुकुल से पढ़ कर आये एक्का दुक्का वही लोग प्रचार कर रहे हैं | किन्तु आर्य समाज में जो अधिकारी बने बैठे हैं वह सब हिंदी भाषी हैं आज तक जिन्हों ने बंगला नही सिखा और ना बंगाल में वह वैदिक धर्म का प्रचार सही ढंग से कर सके जब वह बंगला जानते ही नही तो प्रचार क्या करते ?
 
तो मैं अभी बंगला देश बोर्डर में BSF वालों से खूब मिलता रहा जानकारी लेते रहे क्या क्या गति विधि है वहां बांग्लादेश के मुसलमनो का क्या क्या अत्याचार सहन करते हैं हमारे जवान ? सबसे पहली बात यह है, की नोट बंदी से अथवा नोट के बदलने से बांग्लादेश से जाली नोटों का आना बंद हुवा, यह बंगाल के मुख्यमंत्री माने अथवा ना माने यह उनकी मर्जी है | कारण अन्य प्रान्त के मुख्यमंत्रीओं ने कम विरोध किया नोट बदली का, बंगाल के मुख्यमंत्री ज्यादा विरोध कर रही हैं |
 
बंगला देश से जो जाली नोटों का कारबार था वह मुख्य रूपसे बंद होगया देश हित में सबसे बड़ा काम यह हुवा है | बंगला देश से ना मालूम किस प्रकार से जाली धंधा करने वाले बंगलादेशी मुसलमान इस काम में जुटे थे यह कहना मुश्किल है |
 
मैंने यहं प्रचार कार्य के अतिरिक्त समय अपने तरफ घूम घूम कर देखा भारत की तरफ किस प्रकार से कांटा तार लगाना पड़ा उन बांग्लादेशियों के अत्याचार से | आये दिन भारत में घुस कर डाकाडालना, लड़कियों को उठा कर लेजाना यह उन लोगों का रोज़मर्रा का काम बन चूका था | हमारे bsf के जवानों ने किस प्रकार अपना जान जोखे में डाल कर दिनरात निगरानी कर रहे हैं अथवा रख रहे हैं यह सारा दृष्य मैं अपने नज़र से देश कर आया कुछ फोटोग्राफी जो लाना संभव था वह आप लोगों को दिखा रहा हूँ, आप लोग भी देखें | धन्यवाद के साथ,महेन्द्रपाल आर्य =वैदिक प्रवक्ता =दिल्ली = 29/11/16=

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