Vaidik Gyan...
Total:$776.99
Checkout

भारत किसके बाप का है -आज रात्रि 9 बजे फेसबुक लाइव में सुनिए |

Share post:

भारत किसके बाप का है -आज रात्रि 9 बजे फेसबुक लाइव में ||
मैं प्रमाण के साथ बोलूँगा यह भारत किसके बाप का है ?
 
कल 28 जनवरी शाम 7 बजे tv चेनल news 18 के आर पार को अमिश देवगण के कार्यक्रम को देखा – जिसमें बीजेपी के सुधांशु त्रिपाठी -मौलाना अंसार रिज़ा -और भी कई लोग थे परन्तु मैं इन दोनो की चर्चा करूंगा |
बात चल रही थी स्वर्गीय साहब सिंह वर्मा के पुत्र की जो संसद हैं बीजेपी के, उन्हों ने शाहीन बाग़ वालों पर कहा की जैसा 1990 में कश्मीरी हिन्दुओं के साथ इन्हों ने किया था -वैसे ही इनके घर मे घूसकर बलात कार होना चाहिए
 
इसकी सफाई देते हुए सुधांशु त्रिपाठी ने कहा सत्यम ब्रूयात प्रियम ब्रूयात = अर्थात सत्य बोलो प्रिय बोलो अप्रिय सत्य न बोलो |
 
मेरा सवाल है की क्या सत्य कभी अप्रिय होता है ? रसगुल्ला को कोई कड़वी कहे तो क्या यह प्रिय है अथवा अप्रिय ? सत्य में प्रिय अप्रिय शब्द का जुड़ना संभव है क्या ? सत्य हमेशा प्रिय ही होता है सत्य कभी भी किसी के कहने पर अप्रिय नहीं हो सकता | जैसा रसगुल्ला को कोई कड़वी कहने पर वह कड़वी नहीं होता |
 
इतना है की सत्य बोलने के लिए प्राणशक्ति चाहिए -जहाँ आत्मिक वल नहीं है वह सत्य नहीं बोल सकते – जैसे भीष्म पितामह सत्य नहीं बोल पाए |
 
जब हिन्दुओं के गुरु भीष्म पितामह सत्य नहीं बोल पाए तो हिन्दू कहाँ से बोले गा ? ऋषि दयानंद जिस नरेश के अन्न खा रहे थे उस नरेश को वेश्या के साथ देख कर फ़ौरन कहा नरेश से, की राजन आप एक वीर पुरुष हैं इस नर्तकी से आप का क्या काम ? किन्तु भीष्म जी को कौरवों के अन्य ने रोक दिया सत्य उपदेश से |
इस से यह बात स्पष्ट है की अन्न से सत्य और असत्य उपदेश देने का कोई संपर्क नहीं है | सत्य को बोलने के लिए सत्य वादी होना चाहिए ज्ञान चाहिए सत्य पर अमल करने वाला होना चाहिये |
 
दुसरो बात थी मौलाना अंसार रिज़ा की, उसने हाथ नचाकर सख्त लहजे में बोला की भारत किसी के बाप का नहीं है – इस मुर्ख का विरोध न एंकर ने किया और न दीपंकर स्वामी, जो हिन्दू धर्म गुरु बताया जाता है जिन्हें वह भी विरोध नहीं किया |
 
मैंने रात को अपने twitter में फ़ौरन लिखा की इस जाहिल को बुलाकर भारत के सभी हिन्दुओं को किस लिए अपमानित करते हैं यह चेनल वाले, यह बात समझ नहीं आती | भारत का इतिहास गवाह है की इस्लाम भारत का नहीं है – अरब देश में जन्मा इस्लाम भारत में अरब से आया भारतियों ने इन अरबी इस्लाम को भारत में बसाया शरण दिया |
 
फिर यह इस्लाम वाले भारत को अपने बाप का क्यों और कैसे मानते हैं ? और यह अपढ़ लोगों द्वारा भारत को गाली सुनाते हैं | जैसा अभी कई दिन पहले अकबर उद्दीन -और असदुद्दीन ओवैसे ने कहा हमारे बाप ने चारमिनार बनाया -मक्का मस्जिद बनाया -और यह बनाया वह बनाया |
 
उसी दिन मैंने अपने विडिओ में बोला की कहाँ बनाया किस जगह पर बनाया वह जगह किसकी थी ?
 
मौलाना अंसार रिज़ा से मैं पूछना चाहता हूँ की किसी के बाप का नहीं है भारत- यह सत्य है क्या ? क्या यह भारत लावारिश, बिन बाप का भारत है ?
 
इन मूर्खों को यह पता नहीं की भारत ही सबका बाप है, कारण मनुष्यों की उत्पत्ति इसी भारत से हुई – तो भारत ही सबका बाप ठहरा इस के बाद भी अज्ञानी लोगों से कई बार सुनता हूँ टीवी में, की भारत किसी के बाप का नहीं है |
इस सच्चाई को आज रात्रि 9 बजे फेसबुक लाइव में मुझसे सुनिये – धन्यवाद के साथ जुड़ने के लिए निमंत्रण ||29/1/20 -आज रात 9 बजे =

Top