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भारत में मुसलमानों को रहने देना गाँधी की भूल |

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|| भारत में मुसलमानों को रहने देना गाँधी को भूल ||
मुसलमान अगर कहता है हम भाई चारा में बिश्वास रखते हैं,तो वे महज़ हिन्दुओं के पास भला बनने के लिए या अच्छा बनने के लिए ही कहता है | और उसे यह भी बखूबी मालूम है की हिन्दू भोला है इसे जो भी बोलो उसे सत्य ही मानेगा,यही कारण बना यह देश मुसलमानों का गुलाम हुवा |
इसी भोलेपन में आज देश बर्बाद हुवा है,और अभी भी हम बर्बादी के कगार पर ही है | कल लोक सभा में गृह मंत्री जी ने बिलकुल ठीक कहा –देश का बटवारा हुवा हिन्दू मुस्लिम के नाम पर – मुसलमानों ने कहा हम हिन्दुओं के साथ हम नहीं रह सकते हमें अलग स्थान चाहिए, और इस देश को अपवित्र मान कर उन्हों ने पाकिस्तान पवित्र जगह बनाया, इसके बाद भी मुसलमानों का इस देश में रहने की अनुमति देना यही है हिन्दुओ की अदुर्दार्शिता |
 
देश का बटवारा या संपत्ति का बटवारा होता है पैत्रिक संपत्ति का, मुसलमान तो इसदेश को कब्ज़ा किया था- जो इतिहास साक्षी है | उनका क्या अधिकार था इस देश के मिटटी का बटवारा करना ? ना कोई भाई ना कोई रिश्तेदार – गाँधी की इस महान गलती ने आज इस देश को बेचैन कर दिया | इस बेचैनी और अस्थिरता का मुख्य कारण है यही कुरानी आयत |
وَالَّذِينَ كَفَرُوا بَعْضُهُمْ أَوْلِيَاءُ بَعْضٍ ۚ إِلَّا تَفْعَلُوهُ تَكُن فِتْنَةٌ فِي الْأَرْضِ وَفَسَادٌ كَبِيرٌ [٨:٧٣]
और जो लोग काफ़िर हैं वह भी (बाहम) एक दूसरे के सरपरस्त हैं अगर तुम (इस तरह) वायदा न करोगे तो रूए ज़मीन पर फ़ितना (फ़साद) बरपा हो जाएगा और बड़ा फ़साद होगा | 8/73
 
وَالَّذِينَ آمَنُوا وَهَاجَرُوا وَجَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ وَالَّذِينَ آوَوا وَّنَصَرُوا أُولَٰئِكَ هُمُ الْمُؤْمِنُونَ حَقًّا ۚ لَّهُم مَّغْفِرَةٌ وَرِزْقٌ كَرِيمٌ [٨:٧٤]
और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और ख़ुदा की राह में लड़े भिड़े और जिन लोगों ने (ऐसे नाज़ुक वक्त में मुहाजिरीन को जगह ही और उनकी हर तरह ख़बरगीरी (मदद) की यही लोग सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के वास्ते मग़फिरत और इज्ज़त व आबरु वाली रोज़ी है | 8/74
 
وَالَّذِينَ آمَنُوا وَهَاجَرُوا وَجَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ وَالَّذِينَ آوَوا وَّنَصَرُوا أُولَٰئِكَ هُمُ الْمُؤْمِنُونَ حَقًّا ۚ لَّهُم مَّغْفِرَةٌ وَرِزْقٌ كَرِيمٌ [٨:٧٤]
और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और ख़ुदा की राह में लड़े भिड़े और जिन लोगों ने (ऐसे नाज़ुक वक्त में मुहाजिरीन को जगह ही और उनकी हर तरह ख़बरगीरी (मदद) की यही लोग सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के वास्ते मग़फिरत और इज्ज़त व आबरु वाली रोज़ी है | 8/75
 
इसे पूरा पढने की कृपा जरुर करें = धन्यवाद =महेन्द्रपाल आर्य = 10/12

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