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भारत श्री कृष्ण जी के उपदेशों पर चल पड़े |

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भारत श्रीकृष्ण जी के उपदेशों पर चल पड़े ||
निर्लज्ज लोग कोई कुछ भी कहें, उसकी परवाह किये बिना ही माननीय भारत के प्रधान मंत्री जी ने योगेश्वर श्रीकृष्ण जी के उपदेशों पर ही चल दिए ||
 
वह लोग मुर्ख है जो इस नीति का विरोध कर रहे है, चाहे वह राहुल सोनिया हो या फिर मौनी पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह हो |
केवल नाम में सिंह लिखने पर सिंह नहीं बनते, सिंह बनने के लिए हमारे गुरुओं की जीवनी को पढ़ना होगा सब को छोड़ कर, अगर हमारे अंतिम दो गुरु को कोई पढ़े तभी जाना जा सकता है सिंह क्या होता है |
 
एक छोटा प्रमाण गुरु गोविन्द सिंह जी ने कहा था उन मुग़ल काल में सवा लाख से एक लड़ाऊँ गोविन्द सिंह नाम कहलाऊं |
 
यह हैं सिंह, कोई अपने नाम से सिंह तो लिख लिया और ईसाई महिला सोनिया के झोला ढोने वाला हो वह तो हमारे उन सिंह गुरुओं के नाम को ही कलंकित कर रहे हैं | जो देश के लिए देश के महा पुरुषों के नाम बदनाम करने की साजिश है |
बहुत से लोग कहते हैं की गीता में भी तो मारो काटो की बातें बताई गई है – और वेद में भी है – मार डालो काट डालो चीर डालो फाड़ डालो, की बातें है, तो इसपर दोष क्यों नहीं लगाते और सिर्फ कुरान पर ही दोष लगाते हैं, की कुरान में मारो क़त्ल करो लिखा तो उसी पर ऊँगली उठाते हैं ?
 
आज मैं आप लोगों को इसका स्पष्टीकरण दे रहा हूँ, की इसका भेद क्या है जिसे लोग अपनी मुर्खता के कारण इसे समझ नहीं पा रहे हैं |
 
गीता में योगेश्वर श्री कृष्ण जी ने मात्र उपदेश ही नहीं दिया मारने का, वरन इसे चरितार्थ भी किया है | गीता में जो उपदेश है उसमें यह नही कहा गया की किसी मुसलमान को मारो या तो किसी ईसाई को मारो यह नहीं दिखा सकता कोई =
मतलब यही हुवा की जो लोग यह कहते हैं की गीता में मारने की बात है उनकी यही मुर्खता है की उसे जानते नहीं, और समझते भी नहीं |
 
गीता में योगेश्वर श्री कृष्ण जी ने अपने मामा के किये गये अन्याय को भी सहन नहीं किया | कारण न्याय अन्याय में मामा भांजा या पिता पुत्र देखा नहीं जाता, अन्याय कौन कर रहा है उसे देखा जाता है, वह कौन है यह नहीं देखा योगेश्वर श्री कृष्ण जी ने |
 
उनके सामने केवलमात्र दुष्टों को दमन करना दुष्टों को सबक सिखाना ही एक मात्र लक्ष्य था | जिसे आज माननीय भारत के प्रधान मंत्री जी ने चरितार्थ कर दिखाया है |
चीन के राष्ट्र नायक से खूब दोस्ती की झुला भी झूले पूरी दुनिया ने देखा इसे, परन्तु चीन के अन्याय करने को प्रधान मंत्री जी ने अपनी दोस्ती को त्याग देकर दुष्ट को सबक सिखाने में पारदर्शिता दिखा कर दुनिया वालों को यह सुचना दी की हम योगेश्वर श्रीकृष्ण जी के अनुयायी हैं |
 
योगेश्वर श्रीकृष्ण जी ने दुष्टों को दमन करने में पूरी जवानी लगा दी थी, भारत के महा पुरुषों की यही नीति रीती रही है, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी ने अन्याय कारी रावण को सबक सिखाया | और योगेश्वर श्रीकृष्ण जी ने अन्याय कारी कंस को मौत के घाट उतारा था | याद रखना जिम्पिंग तुम जितना भी जंप लगाव भारत से आगे निकलने नहीं दूंगा इतना ज़रूर याद रखना |
 
आज 1962 का भारत नहीं है की नेहरु जैसे कायर और अईयाशी प्रधान पंत्री नहीं है अब – की भारत की जमींन को तुम्हें कब्ज़ा करने देंगे ? तुम्हें कई बार जन्म लेना पड़ेगा भारत को आँख दिखावगे तो तुम्हारी आँखें निकाल ली जाएगी इतना जरुर याद रखना |
 
यह देश श्री राम का श्रीकृष्ण का देश है जिन्हों ने हमेशा यही उपदेश दिया है परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम | साधू महात्माओं की जय और दुष्कृत कारीओं का नाश | यही मन्त्र है भारत का, इसे तुम जरुर याद रखना |
 
यह लेख अगर सही लगे तो आज ही सम्पूर्ण भारत भर में पहुँचा दें मेरे शेर साथियों | धन्यवाद के साथ महेन्द्र पाल आर्य = 23 / 6 / 20
 

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