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मजलिस इत्तेहादुल मुसलेमीन वालों को डिबेट के लियें खुली चुनौती =MPARYA का

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आज 20, 7,17 वीर वार के दिन 1 बजकर 32 मिनट दोपहर को मुझ पर सवाल उठाने वाले नियाज मजलिस इत्तेहादुल मुसलेमीन वालों को यह लिखित खुली चुनौती है | की सत्य सनातन वैदिक धर्म ही मानव मात्र का धर्म है, अथवा मानवों का धर्म इसलाम या और कुछ इस पर चर्चा करने की यह खुली चुनौती है |
 
नियाज़ मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन प्रमोद तिवारी सुन बेटा वो पूरी दुनियां देख भी रही और मान भी रही हैं कौन किस लेबल पर है सालो कितना बचे हो बे तुम विलुप्त समाजी सुन किसी के धर्म के बारे में मैं गलत नही बोलता क्योकि मेरा इस्लाम कहता है कि अपनी धर्म की लाख तरीफ करो पर किसी धर्म को नीचा मत दिखाओ पर आज तेरी औकात दिखाऊंगा सुन भागवत में उल्लेख आता है कि शिव की रक्षा के लिए विष्णुा ने मोहिनी रूप धारण किया तो शिव उसी रूप पर मुग्ध हो गए और उस के पीछे दीवाने होकर भागे। भविष्यिपुराण में आई एक कथा के अनुसार अत्रि ऋशि की पत्नी अनुपम सुंदरी थी। ब्रह्मा , विष्णु , महेश तीनों उस के पास गए। ब्रह्मा ने निर्लज्ज हो कर अनुसूया से रतिसुख मांगा और तीनों देवता अश्ली ल हरकतें करने लगे। गौतम के वेश में इंद्र द्वारा अहल्या से व्यभिचार की कथा रामायण और ब्रहा वैवर्त पुराण में आती है। अनैतिकता की पराकाष्ठा देखिए कि इस का दंड बेचारी निर्दोष अहल्या को भोगना पड़ा था।भागवत (9।14) और देवी भागवत में चंद्रमा द्वारा गुरू की पत्नी को अपने पास रखने की कथा आती है गुरू ने अपनी पत्नी बार-बार वापस मांगी तो भी चन्द्रमा ने उसे वापस नहीं लौटाया। लंबे अरसे तक साथ रहने के कारण चंद्रमा से तारा को एक पुत्र भी हुआ जो चन्द्रमा को ही दे दिया गया ।
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• Reply • Message • 18 July at 00:04
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नियाज़ मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन सुन सुवर की औलाद देवताओं के गुरू बृहस्पति ने स्वयं अपने भाई की गर्भवती पत्नी से बलात्कार किया देवताओं ने ममता ( बृहस्पति की भावज ) को उस समय काफी बुराभला कहा जब उसने बृहस्पति की मनमानी का प्रतिरोध करना चाहा।इन प्रसंगों के सही गलत होने का विवेचन करने कीआवशयकता नहीं है। इन का उल्लेख इसी दृष्टि से किया जा रहा है धर्म ग्रन्थों में उल्लेखित पात्रों को किनं मानदडों पर आदर्श सिद्ध किया गया है । उन का समय दूसरों की पत्नी छीनने व व्यभिचार करने में बीतता था तो वे लोगों को नैतिकता का पाठ कब सिखाते थे और कैसे सिखाते थे ।इंद्र का तो सारा समय ही स्त्रियों के साथ राग रंग में बीतता था वह जब असुरों से हार जाते तो ब्रह्मा, विष्णु्, महेश की सहायता से षड्यंत्र रच कर अपना राज्य वापस प्राप्त करते और फिर उन्ही रागरंगों में रम जाते। अप्सराओं के नाच देखना, शराब पीना, और दूसरा कोई व्यक्ति अच्छे काम करता तो उस में विध्न पैदा करना यही इंद्र की जीवनचर्या थी । इस की पुष्ठि करने वाले ढेरों प्रसंग धर्मषास्त्रों में भरे पडे़ हैं।
 
महाभारत के तो हर अघ्याय में झूठ, बेईमानी और धूर्तता की ढेरों कहानियां हैं। धर्मराज युधिष्ठिर, जिन के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जीवन में कभी पाप नही किया, जुआ खेल कर राजपाट हार गए और पत्नी को भी दाव पर लगा बैठे, युधिष्ठिर के इस कृत्य की द्रौपदी और धृतराष्टक के ही एक पुत्र विकर्ण ने भर्त्स ना की थी। ‘‘महाभारत’’ की लड़ाई के लिए कोई एक घटना मूल कारण है तो वह युधिष्ठिर का जुआ खेलना और द्रौपदी को दांव पर लगाना है। इतने बड़े युद्व का कारण धार्मिक भले ही हो, पर नैतिक कहां रह जाता है?
नियाज़ मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन अरे पाखण्ड जी क्यो जहर फैला रहे है । क्या अब आपके पास यही काम रह गया ?? और रही बात हिंदू लड़कियों को मुसलमान होने की तो कई ऐसे मुस्लिम लड़कियां है जो हिन्दू लड़को से सदी कर आज मजबुरन हिन्दू बन कर जी रही कभी उसके लिए बोल दिया कीजिये । और आपने कहा कि अहमद बुखारी को यह अधिकार किसने दिया तो इन गौ रक्षक सुवरो को किसने अधिकार दिया किसी की जान लेने की ??? या आतंक फैलाने की ???
इन नियाज मजलिस इत्तेहादुल मुसलेमीन वालों को खुली चुनौती =MPARYA का
मैं एक एक कर तुम मजलिस लगाने वालों को जवाब देता हूँ अगर सही में तुम मजलिस लगाने वालों में कोई आलिम है तो इसका जवाब दो | मेरी खुली चुनौती है मैं आलिम हूँ या जाहिल उसे छोड़ी तुमलोग कितने जाहिल हो वह देखो | जब मेरे द्वारा कोई सवाल उठाया गया है तो, सवाल बिना जानकारी के कोई कैसा उठा सकता है ? पर तुम जैसे मजलिस लगाने वाले मूर्खा नन्दों को पता लगने वाला नहीं क्यों की तुमलोग अपनी जिहालत को दूर नहीं कर सके |
 
और इस्लाम तुम्हारी इन जिहालत से दूर होने भी नहीं देगा | इस्लाम ही जिहालत है अन्ध विश्वास पर टिकी हुई है देखो अपनी इस्लाम | शुरू से चलो = तुम्हारे जन्म लेते ही एक कान में आजान दुसरे कान में तकवीर सुनाई गयी | वह किस लिए- दुनिया के बनाने वाले ने तुन्हें मुस्लमान बनाकर नहीं भेजा, दुनिया के दुकानदारों ने तुम्हें मुसलमान बनाया | तुम्हें कलमा पढ़ाया गया, वह क्या है ? ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहममदुर रासुल्लाल्लाह |
 
मेरा सवाल है तुम जैसे मजलिस वालों से, की यह कलमा मानव समाज के लिए है दुनिया के लोग इस कलमा को पढ़ते हैं या सिर्फ मुसलमान ? अब मेरा सवाल होगा की धर्म मानवों का एक होता है या अलग ? दूसरी बात है जब दुनिया बनाने वाले ने दुनिया बनाने के साथ ही साथ, उपदेश ऋषियों के द्वारा सुनाया = एकोदेवा सर्व भूतेषु गूढ़:सर्व भुतान्त्रात्मा: की परमात्मा एक है जो सृष्टि के रचनाकार है, जो सब प्राणी मात्र में विराज मान है | वह दो नहीं तीन नहीं, चार नहीं, पांच नहीं छ: नहीं, सात,आठ नो और दस भी नहीं है | वह एक है और अदुतीय है | जो पहले भी था अब भी है और आगे भी रहे गा जी एकेला है जिसका कोई साझही नहीं |
 
जब सृष्टि के आदि में मानवों को यह मिलगया फिर तुम दुनिया वालों को क्या बताना चाहते हो | अगर इस्लाम एकेश्वर का दावेदार है तो मेरी चुनौती है की अल्लाह से मुहम्मद को हटा कर दिखाव | अजान, नमाज से लेकर कुरान हदीसों में अल्लाह कितनी बार है और मुहम्मद कितनी बार है ? इसलाम व्यक्ति पूजा से बाहर हैं क्या आ जाव किसके पास कितना इल्म है सामने आव अबदुल्ला तारिक =फारुख खान =तारिक मुर्तुजा =और ना जाने कितनों को धुल चटवा चूका हूँ अगर सच्चे इल्म के जान कार तुम्हारे मजलिस में कोई है तो भेजो किसका दूध पिया है पता लग जायेगा दुनिया वालों को भी सत्य सबसे उपर रहता है सत्य को कभी कोई हरा नहीं सका और ना सकेगा | अगर इसलाम सत्य है तो मेरी खुली चुनौती है आ जाव सामने कौन सत्य है किसके पास सत्य है दुनिया वालों को भी पता चले | मैं प्रतीक्षा में हूँ जल्दी जवाब के लिए कब आ रहे हो भाई फिर उसकी रूप रेखा और विषय स्थान सब तैयार करलेंगे | कौन आता है देखता हूँ =महेन्द्रपाल आर्य =वैदिक प्रवक्ता = 20 /7 /17 =

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