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मानवता को बचाने के लिए अन्धकार को मिटाना ही पड़ेगा |

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|| मानवता को बचाने के लिए अन्धकार को मिटाना ही पड़ेगा ||
हमारे भारत में समय समय पर समय समय पर महापुरषों का आगमन हुवा इसी काम के लिए | महापुरुष आते हैं धरती से पाखंड को मिटाने के लिए | कराण पाखंड के रहते धर्म और धार्मिकता का प्रचार प्रसार संभव नही होता | यही कारण है की महापुरष कहलाये वही लोग के जिन्हों ने अपना सर्वस्व लगाया मानव उत्थान में अन्धकार को मिटाने के लिए, अपना पूरा समय लगाया | जैसी शिक्षा प्राप्त की उसे औरों तक पहुंचाने में भी अपना पूरा समय लगाया |
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी इसी अन्धकार को मिटाने में मानव समाज को यह बताने में अपनी जवानी लगादी | असत्य और अधर्म अन्धकार तथा पाखंड को मिटाने में सफलता को प्राप्त किया | यही तो कारण है की हम उन्हें अपना आदर्श मानते हैं, अपना पथप्रदर्शक मानते है और मर्यादित पुरुष कहते जानते और मानते भी है |
ठीक इसी प्रकार योगेश्वरकृष्ण को भी हम पाते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी के आदर्श को अक्षरस: अपने जीवन में उतारते हुए इसी पाखंड और अन्धकार को बचपन से ही मिटाना प्रारंभ करदिया पूतना को मार कर | और आगे चलकर उन्होंने बहुत बड़े बड़े कार्य कर दिखाया | जिस कारण आज भी हम उन्हें याद करते हैं आदर और सम्मान से उन्मका नाम लेते हैं, योगेश्वर कहकर पुकारते हैं |
किन्तु आज भी इसी भारत वर्ष में उन्ही योगेश्वर श्रीकृष्ण जी को लोग बदनाम करने में ना तो संकोच करते हैं और ना तो शर्माते हैं | जिस कृष्ण ने पाखंड को मिटाया जिन्दगी भर उन्ही श्री कृष्ण के नाम यही हिन्दू कहलाने वाले पाखंड करने में या फ़ैलाने में संकोच नहीं करते | और उन्हें छलिया बता रहे हैं, माखन चोर कह रहे हैं और मनिहारी चूड़ी पहनाने वाला बता रहे हैं, इससे भी मन नहीं भरा महिलायों का कपडा ले कर पेड़ पर चढ़ा ने में भी संकोच नहीं किया | और ऊपर से उन्हें ईश्वर भी बता रहे हैं रास लीला करने वाले बता रहे हैं | और यहाँ तक उनके नाम से यह पाखंडी हिन्दू कहते फिरते हैं की हे कृष्ण तू अच्छा है तेरा मामा अच्छा नहीं है | यह दुनिया वालों को भी सुना रहे हैं कृष्ण के नाम यह शब्द | श्री कृष्ण जी की मामी से बुलवा रहे हैं | कितनी बेशर्मी की बात है आज इन्हीं हिन्दुओं के इसी कार नुमा और पाखण्ड ने दुसरे मज़हब वालों को श्रीकृष्ण जी को चरित्रहींन बोलने का अवसर दे दिया | इस पाखंड को जबतक नहीं मिटायेंगे तो इस राष्ट्र को समृद्धि शाली बनाया जाना संभव नहीं है मानवता की रक्षा के लिए हमें इस पाखंड को मिटाना ही पड़ेगा वरना हमारे महापुरुषों को यही लोग बदनाम कर रहे हैं | श्रीकृष्ण जी जो एक वैदिक विद्वान थे नीतिकार थे कुशल राजा थे जिन्हें 16 कलाओं का ज्ञान था जिन्होंने दुश्मनों को कभी भी नहीं बख्शा | दुष्टों का दमन ही जिनका लक्ष्य था राष्ट्र को दिशा निर्देश ही जिनका लक्ष्य था उन्ही श्रीकृष्ण को पाखंडियों के द्वारा बदनाम किया जा रहा है | हिन्दू कहलाकर बदनाम करने वाले पाखंडियों का जब तक नाश नहीं करेंगे तो इस राष्ट्र को शक्ति शाली बनाया जाना संभव नहीं होगा | हमारे देश में लोगों ने चरित्र का प्रचार किया है, चरित्र की शिक्षा के लिए एतेद्देशे श्लोक का उपमा देते हैं | इस चरित्र के विषय में भी श्रीराम और श्रीकृष्णजी का नाम लिया जाता है | जिन्हों ने एक शादी की रुक्मणी से =और एक ही सन्तान को जन्म दिया प्रदुम्न को | इस के बाद भी यही हिन्दू कहलाने वाले उन्हें महिलायों का कपडा उठाने वाला बताया है | देखें गीता प्रेस की सभी पुस्तकें |
यह जितने भी हिन्दू गुरु हैं जो अपना पाखण्ड फैलाकर अपनी दूकान चलारहे हैं जिनमें कई पाखंडी अभी भी जेल में बन्द हैं और कहीं स्कोन के नाम से श्रीकृष्ण जी को इस्लाम वालों के सामने मुहम्मद बता रहे हैं | और ईसाई देशों में श्री कृष्ण जी को ईशु या हज़रत ईसा बता रहे हैं | और भारत का पैसा बाहर भेज रहे हैं | इन पाखण्डी के दुकान जब तक बन्द न हो तो इस राष्ट्र को बदनामी से बचाया जाना संभव नहीं होगा |
तो आयें आज ही प्रतिज्ञा करें की उन पाखंडियों को हम पहचाने जो हमारे महापुरुषों को बदनाम कर रहे हैं | इसीसे राष्ट्र का निर्माण हो सकता है = जिस कारण राष्ट्र निर्माण पार्टी बनी है आप सभी राष्ट्र वासी इस सत्यता पर ध्यान दें की क्या हमारे महापुरुष चरित्र हींन थे जो यह पाखंडी उनके चरित्र को दिखा रहे हैं बतलारहे हैं लीला करवाकर रास बताकर मानव समाज को धार्मिक बनाने के बजाय अधर्म की और धकेल रहे हैं इस धर्मप्रधान देश में सूर्य एकेला विचरण करता है, भीड़ भेड़ों की होती है –अवश्य ध्यान रकना | धन्यवाद के साथ महेन्द्रपाल आर्य = 23 /7 /19 =

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