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मानवों का लड़ना अल्लाह को पसंद

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मानवों का लड़ना अल्लाह को पसंद ||
कुरान में अल्लाह ने कहा हम अगर चाहते तो सभी मनुष्यों को एक ही दीन या धर्म में कर सकते थे | क्या तुम लोग चाहते हो किसी पर जबरदस्ती कर ईमानदार बनालो |
याद रखना की जब तक अल्लाह नहीं चाहता तुम चाहकर भी नहीं कर सकते, किसी को भी इख़्तियार नहीं है की कोई किसी को ईमानदार बनादे यह अल्लाह की ही मर्ज़ी से होना होता है |
सवाल है अल्लाह और अल्लाह वालों से, की अगर यह काम अल्लाह का है और अल्लाह कर सकता है इस्काम को, की धरती पर जितने भी मानव कहलाने वाले हैं वह सबके सब एक ही धर्म के मानने वाले हो जाएँ, फिर अल्लाह ने इस काम को क्यों नहीं किया ?
दुनिया वालों क्या आप लोग जानते हैं की अल्लाह ने इस काम को क्यों नहीं किया, अल्लाह तो धरती पर मानव कहलाने वालों को एक दुसरे को धर्म के नाम से लड़ा कर ही मजा लेना चाहता है | यही तो आज कुरान के मानने वाले इसे चरितार्थ कर रहे हैं |
प्रमाण निचे दिया है इसे आप लोग भी देख्रें सूरा युनुस आयात 99 +100 में बताया है अल्लाह ने | सम्पूर्ण दुनिया के लोग देखें और इस कुरानी आयत को समझने का प्रयास करें की अल्लाह कौन है क्या चाहता है ?
وَلَوْ شَاءَ رَبُّكَ لَآمَنَ مَن فِي الْأَرْضِ كُلُّهُمْ جَمِيعًا ۚ أَفَأَنتَ تُكْرِهُ النَّاسَ حَتَّىٰ يَكُونُوا مُؤْمِنِينَ [١٠:٩٩]
और (ऐ पैग़म्बर) अगर तेरा परवरदिगार चाहता तो जितने लोग रुए ज़मीन पर हैं सबके सब ईमान ले आते तो क्या तुम लोगों पर ज़बरदस्ती करना चाहते हो ताकि सबके सब ईमानदार हो जाएँ हालॉकि किसी शख़्स को ये एख्तेयार नहीं
وَمَا كَانَ لِنَفْسٍ أَن تُؤْمِنَ إِلَّا بِإِذْنِ اللَّهِ ۚ وَيَجْعَلُ الرِّجْسَ عَلَى الَّذِينَ لَا يَعْقِلُونَ [١٠:١٠٠]
कि बगैर ख़ुदा की इजाज़त ईमान ले आए और जो लोग (उसूले दीन में) अक़ल से काम नहीं लेते उन्हीं लोगें पर ख़ुदा (कुफ़्र) की गन्दगी डाल देता है |

यह है कुरान और कुरान का अल्लाह जिसपर इस्लाम के मानने वाले अमल करते हैं | धन्यवाद के साथ | महेन्द्रपाल आर्य = 11/4/20=

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