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मारा मारी का सारा खेल जन्नत के लिए ||

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मारामारी का सारा खेल जन्नत के लिए ||
यह सिर्फ और सिर्फ कुरानी उपदेशों से ही आतंक वादी बनाये जाते हैं, मदरसे में यही शिक्षा है कुरान को रट ना फिर उसमें क्या रटाया गया उसकी जानकारी लेना यही पढ़ाया जाता है मदरसों में |
मदरसा पर मैं बहुत लिखा हूँ क्या क्या पढाया जाता है यह भी लिखा हूँ | यह जो PFI नाम धारी जो कुछ भी ट्रेनिंग दे रहे हैं यह उसे प्रक्टिकल कर रहे हैं गैर मुस्लिमों को कैसा मारना है यही तो सिखाया जाने लगा है |
इनका कहना है अल्लाह ने कुरान में साफ साफ कहा है काफिरों को मार कर उनके हाथ मारे जाते हो तो सीधा जन्नत, और शहीद कहलाव गे, अल्लाह ने कहा शहीद मरते नहीं है वे मर कर भी जिन्दा रहते हैं | देखें कुरान >सूरा 2 /154 में
وَلَا تَقُولُوا۟ لِمَن يُقْتَلُ فِى سَبِيلِ ٱللَّهِ أَمْوَٰتٌۢ ۚ بَلْ أَحْيَآءٌۭ وَلَـٰكِن لَّا تَشْعُرُونَ ١٥٤
अर्थ : तथा जो अल्लाह की राह में मारे जायें, उन्हें मुर्दा न कहो, बल्कि वे जीवित हैं, परन्तु तुम (उनके जीवन की दशा) नहीं समझते।
اور جو لوگ اللہ کی راہ میں مارے جائیں ، انہیں مُردہ نہ کہو ، ایسے لوگ تو حقیقت میں زندہ ہیں ، مگر تمہیں ان کی زندگی کا شعور نہیں ہوت1ا
उपर हिंदी में अर्थ लिखा हूँ और निचे उर्दू में भी लिखा हूँ, अल्लाह ने क्या कहा ? भारत भर यत्र तत्र आतंकवादी को पुलिसकर्मी पकड़ रहे हैं, पर जो पकडे जा रहे हैं वे लोग तो हुकुमे इलाही को अंजाम दे रहे हैं अल्लाह के दिए गये हुकुम कोई मुसलमान पालन करता है कोई नहीं करता | वह लोग जो अल्लाह के दिए उपदेश को अमल पे लाते हैं, अल्लाह ने उन्हें कहा है इस काम को करो तो यह इनाम दिया जायेगा |
अल्लाह ने उन्हें जन्नत में दाखिल कराएँगे, जहां आराम ही आराम है जहां शराब, कवाब, और शबाब की बात अल्लाह ने बताया है | तो यह मुसलमान कहलाने वाले जो कुछ भी कर रहे हैं वह तो अल्लाह का आदेश है, जिस जन्नती सामानों को पाने के लिए यह लोग अपने को दाँव पे लगा रखा है | अल्लाह का फरमान है की शहीदों को जन्नतुल फिरदौसजो अल्लाह के अर्श से सटा हुवा है वे जगह अल्लाह ने इनके लिए निर्धारित किया है |
यह जो कुछ भी कर रहे हैं जन्नत में जानेका रास्ता बना रहे हैं, अभी मरे तो सिधा जन्नत | और अगर बाद में मरे तो भी जन्नत, यह सारा खेल मारामारी का जन्नत के लिए ही है | सरकार इन मुसलमानों से सुनते नहीं क्या ? पाकिस्तान से चलकर नुपुर शर्मा के गला काटने के लिए आया क्यों ? उसे अल्लाह ताला जन्नत भेजेंगे या अल्लाह से दीदार करेंगे | एक ही मकसद है मरकर हमें जन्नत पहुंचना है, इस्लाम की यह जो रीती निति है इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए | जो लोग यह कहते हैं आतंक वादी का कोई धर्म नहीं होता वे लोग नादाँन है अनजान है | जब वे जन्नत जाना चाहता है तो जन्नत कौन जाना चाहेगा ? उत्तर सीधा है मुसलमान फिर उसका कोई धर्म नहीं होता यह कहना अज्ञानता है |

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