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मुर्खता का दूसरा नाम हिन्दू है |

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|| मुर्खता का दूसरा नाम हिन्दू हैं ||
कई वर्ष पहले जब गणेश जी दूध पी रहे थे इस अफवाह का चलाने वाले थे तंत्र विद्या का जानकार बताने वाले चन्द्रा स्वामी | जब नरसिम्हा राव प्रधान मंत्री थे यही चन्द्र स्वामी फेरा में सम्पर्क लाखुभाई पाठक से करवाए थे | अर्थात एक लाखुभाई पाठक से नरसिम्हा राव का सम्पर्क करवाए थे | –उनदिनों एक जागरूक और जुझारू नेता व मंत्री रहे राजेश पायलट | उन्हों ने इस मामले की जानकारी कराते हुए उजागर कर दिया था |

इस मामले की सत्यतासे बचने के लिए चन्द्रा स्वामी एक मिडिया तैयार किया सम्पूर्ण विश्वमें में वह घटना थी गणेश जी दूध पी रहे हैं | चन्द्रा स्वामी ने कहा था मैं बचपन से गणेश जी का पूजा करता हूँ, और मैंने गणेश जी को दूध पीने को कहा तो गणेश जी दूध पी रहे हैं | यह तो गणेश जी का दूध पिलाना हुवा =
इसबार भी यह अफवाहें चल रही है किसी एक मूर्ति का दूध पीना, इसे दूरदर्शन में दिखाया सुनाया बताया जा रहा है | इसे सुन कर देखकर हिन्दू कहलाने वाले खुश हो रहे हैं और क्या क्या करने लगे हैं | जिसे विभिन्न TV चेनलों में दिखाया जा रहा है और इसे दूरदर्शन वाले दिखाकर बताकर अपने आप को गौरान्वित हो रहे हैं | और खुश भी नज़र आ रहे हैं |

कल मैंने खुद देखा एक चेनल पे इस दृश्य को, मुझे हैरानी इस बात से हुई की यह हिन्दू कहलाने वाले जब अपने देवी और देवताओं को दूध पिला सकते हैं अथवा यह देवी और देवता दूध पी सकते हैं | तो वह और काम भी क्यों नहीं कर सकते ? यह जाहिल और मुर्ख हिन्दू केवल उनको दूध पीलाएंगे या उनसे कुछ और काम भी लेंगे ?

जो देवी या देवता दूध पीयेगा उसे और काम भी तो करना चाहिए ? न जाने कितने हिन्दू घराने वाले इंजीनियर और डाक्टर भी उन्हें दूध पिलाते देखा गया जब की दूध पिने वालों के शारीर में नस नाड़ी भी होनी चाहिए |

इन अकल्के दुश्मनों को यही पता नहीं की जो दूध पीये गा उसे पेशाब की भी ज़रूरत होगी | tv में देखा एक महिला कूदते हुए कह रही हैं यही हमारी भक्ति है आस्था है | जब की मैंने कई बार कहा की आस्था के साथ धर्मका व सत्यता को कोई संपर्क ही नहीं है | आप की आस्था प्रकृत्ति के नियम को नहीं बदल सकती आप कितना ही आस्थावाण क्यों ना हों ईश्वरीय व्यवस्था को आप भंग नहीं कर सकते एक मिटटी के कण को भी नहीं बदल सकते | यह सभी ईश्वरीय व्यवस्था है इसे बदलने का काम मानव का नहीं है इसे समझने को जो तैयार ना हो वही हिन्दू कहलाते हैं |

यह हिन्दू जिसे दूध पिला रहे हैं उनसे यह काम तो लेते की आतंकवादियों के हाथ से इन हिन्दुओं को बचा तो लेते – यहोई हिन्दू उन्हीं आतंकवादियों के डर से अपनी यात्रा रोक कर भाग रहे हैं वापस | इसे देख कर सत्य को जो ना समझें उन्ही का नाम हिन्दू है | आज इसी पर विडिओ बनता हूँ अंध विश्वास हर समाज में है |
इसपर चिन्तन करें सत्य क्या है उसे जानने को आगे आयें धन्यवाद के साथ = महेन्द्रपाल आर्य -4 /8/ 19 =

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