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मुसलमानों द्वारा वेद के अर्थ को गलत किया जा रहा है जिसका जवाब |

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|| मुसलमानों द्वारा वेद के अर्थ गलत बताया जा रहा है ||
सम्पूर्ण मानव समाज को यह पता चल चूका है, की पण्डित महेन्द्रपाल आर्य द्वारा इसलाम और ईसायों से तथा पौरानिकों से वाद विवाद चलता आ रहा है आज कई वर्षों से |
अब तक मेरे जहाँ जहाँ शास्त्रार्थ जिन जिन लोगों से हुवा है, कोई भी मुझे जवाब दे कर अपनों में नहो मिला पाया | जब की मेरी चुनौती यही है मेरे सवालों का जवाब जो भी कोई दे देंगे मैं उन्ही में मिलूँगा | अब कोई इसलाम वाला जवाब दे, अथवा ईसाई और पौरानिकों का ही जवाब क्यों ना हो |
अब तक जो मेरे सामने आया वह मुह के वाल गिरा, जिसका सारा वीडियो youtube में लगा है | आज परमात्मा की असीम अनुकम्पा है की मैं इसलाम जगत का आलिम हूँ, वेदों पर खूब ज्यादा पकड़ मेरी नहीं है तथापि अब तक किसी से मात नहीं खाया जो वेदों के जानकार अपने को मानते हैं कहते हैं वह हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं अब तक उन्हों ने वेदपर आक्षेप करने वालों को जवाब ही नहीं दिया जिस काम को मैं कर रहा हूँ |
आर्य समाज के अधिकारीयों को भीं जवाब देने की इल्म ही नहीं है, और ना यह अधिकारी वैदिक सिद्धांत को जानते हैं | इन्हें मात्र आर्य समाज के नाम से आमदनी की और नज़र है कहाँ से कैसे और कितनी आमदनी हो सकती है ? उसी की तरफ इनलोगों की नज़र है हर प्रान्तीय सभा से ले कर उच्चस्तरीय सभा की यही दशा है जहाँ कहीं देखें इनका झगडा सम्पत्ति और स्कुल को ले कर है केस निचला कोर्ट उपरलाकोर्ट से ले कर सर्वोच्चकोर्ट तक देखे जा सकते हैं | किन्तु एक मुसलमान वेद के अर्थ को अनर्थ कर के समाज को दोषित और मानव समाज को दिक् भ्रमित कर रहा है उसे जवाब देने की समर्थ इनमें नहीं और ना यह कभी किसी को जवाब दे रहे हैं |
आज ही फेसबुक में आशिक अली ने किस प्रकार ऋग्वेद के मन्त्रों को गलत सिद्ध कर मुझे प्रस्तुत किया है देखें | और मुझे लिखा है की वेद में मांसाहार की अनुमति है, जिसे खा कर मोटे होते हैं| इस का सही अर्थ क्या है मैं वेद से उठा कर दे रहा हूँ आप लोग भी इसे देखें |
Ashik Ali पंडित जी अगर आप ने वेदों का सही तरह से अध्ययन किया होता तो इस्लाम पर ऊँगली नही उठाते ये देखिये “उक्षणों ही में पंचदंश साकं पंचंती: विश्तिम् | उताहंमदिंम् पीव इदुभा कुक्षी प्रणन्ती में विश्व्स्मान्दिन्द्र ||” (उत्तर ऋग्वेद 10-86-14 ) अर्थात :- इन्द्राणी द्वारा प्रेरित यज्ञकर्ता मेरे लिए 15-30बैल काटकर पकाते है , जिन्हें खाकर मै मोटा होता हू |वे मेरी कुक्षियो को सोम (शराब ) से भी भरते है | (ऋग्वेद 10-86-14 ) इस मन्त्र में ध्यान दीजियेगा बेल को पकाकर खाने का वर्णन हे इंद्र द्वारा । अब इसे क्या कहोगे पंडित जी
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8 Replies • 8 hrs

Ashik Ali इस्लाम हिन्दू धर्म की तरह सिर्फ हिंदुस्तान में ही नही हे बल्कि पूरी दुन्या में फैला हुआ हे इस्माल बर्फ़ीले देशों और रेगिस्तान में भी है जहाँ सब्ज़ियाँ नही पायी जाती हैं।इसलिये अल्लाह ने जानवरों को खाने का हुक्म दिया । और बहुत सी हिकमतें हैं जो अल्लाह ही जनता ह
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16 hrs
अरे अलि के आशिक, तुम क्या जनों गे वेद को तुहारे अब्बू जाकिर नाईक भी तो यही कर रहा था जिसकी दुकान अब भारत से चली गई अरब देशों में | मेरी चुनौती पर चुनौती को आज तक स्वीकार कर सामने नहीं आ सके | मैंने तो कहा तुम्हारे अब्बाजान को भी की वेद बाद में पढना पहले अक्षर बता क्या है किसे कहते हैं बनी किस प्रकार से जब अक्षर ही नहीं जानते तो वेद क्या पढोगे भाई ? अभी भी अबसर है ज्यादा जानकारी है तो मेरे सामने आकर डीबेट करके दिखाव और मुझे हरा कर इसलाम में मिला लो खुली चुनौती है |
महेन्द्रपाल आर्य =6 /9 /17 =

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