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मुस्लमान बनाने वालों को, वैदिक धर्मी बनने हेतु दावत

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आज मैं आप लोगों को एक विडिओ देने जा रहा हूँ, जो डॉ0जाकिर नाईक ने बहुत बार कहा है youtube में the semilarity of islam & hinduism { दा सेमिलारिटी ऑफ़ इस्लाम एंड हिन्दूइसम} अनेक बार अनेक जगहों में उन्हों ने कहा है |
 
कि इस्लाम और हिन्दू इसम में समानता है वेद में मूर्ति पूजा नही है, और इस्लाम में भी नही है | इस लिए हिन्दुओं को चाहिए इस्लाम स्वीकार करना | एक संस्था और है हैयद्रावाद के मेहदी पटनम में बचनेश्वर सिद्दीकी दीनदार के नाम से | जो1924 से यह संस्था चलती आरही है | इनलोगों का भी कहना है हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए यह उस अंग्रेजी काल में बनी थी,आजतक हिन्दू मुस्लिम एकता कायम करती आ रही है |
 
इन लोगों के साथ मेरी वार्ता हुई पिछले दिन रंगारेड्डी जिला के शमीर पेट आलिया बाद बटुक गुरुकुल में | इन्हों ने पूरा कार्य क्रम का विडिओ बनाया और उसे अपने सुबिधा अनुसार काट काट कर youtube में डाल रखा है | जिसका जवाब मैं दिया हूँ फिर भी आज इन दोनों अर्थात IRF और इन बचनेश्वर सिद्दीक दीनदार नामी संस्था को, विडिओ सेऔर यह लेखनी के माध्यम से जवाब दे रहा हूँ |
 
यह लोग कह रहे हैं हिन्दू और मुस्लिम एकता, जो RSS के द्वारा भी प्रयास श्रीइन्द्रेश जी कर रहे हैं | यह बात अपने आपमें कितना खोखला है देखें, कि इस्लाम को स्वीकारे, यह कहना है इन IRF, और इन सूफी वाद वालों का | इधर प्रयास जारी है RSS वालों का कि यह मुस्लमान भी कहें गर्व से कहो हम हिन्दू है |
 
अब यह दोनों परस्पर विरोध हो गया | फिर कौन किससे मिलने मिलाने की बात कहाँ कर रहे है ? जब तक दोनों के विचार एक नही होंगे, तो दोनों का एक होना संभव नही | अब IRF वाले डॉ0 जाकिर नाईक दलील दे रहे हैं, हम इस्लाम वाले मूर्ति पूजक नही हैं, और वेद में भी मूर्ति पूजा नही है, इसलिए वेद हिन्दुओं का है और हिन्दूओं को चाहिए इसलाम स्वीकार करलें, और उन्हों ने अनेकों हिन्दूओं को मुस्लिम बनाया है इन्ही बातों से |
 
अब यह कहाँ तक सही है, यह जवाब RSS वालों के पास नही हैं कारण जो वेद में नही है, मूर्ति पूजा, यह लोग उसी मूर्तिकी पूजा करते हैं | फिर वेद का मानना हुवा, अथवा वेद का उलंघन ? यह हिन्दू कहलाने वाले डॉ0 जाकिर नाईक को जवाब नही दे सकते | प्रमाण श्री श्री रविशंकर का जाकिर नाईक से हार जाना, यह जीता जगता प्रमाण है |
इसका जवाब सिर्फऔर सिर्फ वेद के जानने और मानने वाले ही दे सकते हैं और इन्द्रेश जी राष्ट्रवादी मुस्लिम बता रहे हैं, तो उन्हें पहला यह जानना होगा कि इस्लाम में राष्ट्रवाद कि शिक्षा है अथवा नही ?
जो इस्लाम वाले बन्देमातरम् बोलने से मना कर रहे हों उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भारतीय झंडा को सलाम करने से मना कर रहे हों | गले में छुरी रखदे फिर भी भारत को माता, और जय नही कहूँगा यही इस्लामिक शिक्षा है, तो ऐसे मानसिकता वालों को राष्ट्रवाद से कैसे जोड़ पाएंगे यह तो वही लोग जाने |
 
मैंने कहा इस्लाम में एकेश्वरवाद कहाँ है, अल्लाह को पाने के लिए मुहम्मद का पाना जरूरी है मुहम्मद को पाए बिना अल्लाह को नही पा सकता | अल्लाह के नाम के साथ ही रसूल का नाम जुड़ा है देखें कुरान में अल्लाह ने क्या कहा है| sura 3=32=
قُلْ أَطِيعُوا اللَّهَ وَالرَّسُولَ ۖ فَإِن تَوَلَّوْا فَإِنَّ اللَّهَ لَا يُحِبُّ الْكَافِرِينَ [٣:٣٢]
(ऐ रसूल) कह दो कि ख़ुदा और रसूल की फ़रमाबरदारी करो फिर अगर यह लोग उससे सरताबी करें तो (समझ लें कि) ख़ुदा काफ़िरों को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता|
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا أَطِيعُوا اللَّهَ وَأَطِيعُوا الرَّسُولَ وَأُولِي الْأَمْرِ مِنكُمْ ۖ فَإِن تَنَازَعْتُمْ فِي شَيْءٍ فَرُدُّوهُ إِلَى اللَّهِ وَالرَّسُولِ إِن كُنتُمْ تُؤْمِنُونَ بِاللَّهِ وَالْيَوْمِ الْآخِرِ ۚ ذَٰلِكَ خَيْرٌ وَأَحْسَنُ تَأْوِيلًا [٤:٥٩]
ऐ ईमानदारों ख़ुदा की इताअत करो और रसूल की और जो तुममें से साहेबाने हुकूमत हों उनकी इताअत करो और अगर तुम किसी बात में झगड़ा करो पस अगर तुम ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान रखते हो तो इस अम्र में ख़ुदा और रसूल की तरफ़ रूजू करो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है और अन्जाम की राह से बहुत अच्छा है | suran =4 =59=
وَإِذَا قِيلَ لَهُمْ تَعَالَوْا إِلَىٰ مَا أَنزَلَ اللَّهُ وَإِلَى الرَّسُولِ رَأَيْتَ الْمُنَافِقِينَ يَصُدُّونَ عَنكَ صُدُودًا [٤:٦١]
और जब उनसे कहा जाता है कि ख़ुदा ने जो किताब नाज़िल की है उसकी तरफ़ और रसूल की तरफ़ रूजू करो तो तुम मुनाफ़िक़ीन को देखते हो कि तुमसे किस तरह मुंह फेर लेते हैं | sura =4= 61=
مَّن يُطِعِ الرَّسُولَ فَقَدْ أَطَاعَ اللَّهَ ۖ وَمَن تَوَلَّىٰ فَمَا أَرْسَلْنَاكَ عَلَيْهِمْ حَفِيظًا [٤:٨٠]
जिसने रसूल की इताअत की तो उसने ख़ुदा की इताअत की और जिसने रूगरदानी की तो तुम कुछ ख्याल न करो (क्योंकि) हमने तुम को पासबान (मुक़र्रर) करके तो भेजा नहीं है | sura =4 =80=
 
यहाँ स्पष्ट बताया गया, अल्लाह को पाने के लिए रसूलेखुदा का पाना जरूरी है वरनाअल्लाह को कोई पा नही सकता | अब मैं पूछना चाहता हूँ इन हुज़ूरेआयला डॉ0 जाकिर नाईक, और इन दिनदार्रों से कि वेद में यह उपदेश कहाँ है ? कि परमात्मा को पाने के लिए किसी और को पाना पड़ेगा? जब यह उपदेश ही नही है फिर इस्लाम एंड हिंदूइस्म को एक बताना क्या दुनिया वालों को धोखा देना नही है?
 
मैं और प्रमाण दिया हूँअपने विडिओ में सृष्टि रचना में भी वेद और कुरान, दोनों में मेल नही है | कुरान,और बाईबिल एक स्त्री, और एक पुरुष से सृष्टि कि रचना, अल्लाह या गॉड ने की बताया है | वेद में बताया असंख जीव स्त्री, और पुरुष जवान, जवान पैदा हुए | कुरान और बाईबिल का मानना है एक पुरुष आदम- उसकी पत्नी हावां या इव को पैदा किया | उनसे आगे वंश चली भाई बहनों में शादी हुई यह, यह मान्यता वेद कि नही है फिर भी यह कहना कि इस्लाम और हिंदूइस्म एक है दोनों में मेल है | यह कोरा झूठ है यह बात वेद विरुद्ध है इसका विरोध हमारा रहा है और रहेगा | सत्य एक है जो वेद है इसपर जिस को बहस करना हो स्वागत है उन साहेवानों काआप सत्य को जानना चाहते है, आयें हम जानकारी देने को तैयार हैं |
महेन्द्रपालआर्य=वैदिकप्रवक्ता= 14/ 9/16=
 
 
 

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