Vaidik Gyan...
Total:$776.99
Checkout

|| मैं ले जाता हूँ 2006, के 2 फरवरी में ||

Share post:

|| मैं ले जाता हूँ 2006, के 2 फरवरी में ||
उनदिनों सार्वदेशिक पत्रिका वैदिक सार्वदेशिक के नाम से निकलना चालू हो गया | इस पत्रिका के 2 फरवरी से 8 फरवरी वाले अंक में पेज न० 7 में अग्निवेश समर्थक आचार्य श्यामलाल द्वारा लेख शीर्षक,क्या स्वामी अग्निवेश कम्युनिष्ट हैं?
इन्हों ने क्या लिखा है उसे मैं अर्याजनों को अबगत करना उचित समझा, जबकि इससे पहले 17 लेख मेरे द्वारा उस समय तक सार्वदेशिक प्रकरण में निकल चूका था | जबकि मेरे एक भी लेख का ज़वाब देने में असमर्थ रहे यह अग्निवेश के आचार्य जन | जब की मैंने अपना लेख अग्निवेश और सामवेदी राजस्थान वाले जो इन ग्रुप के प्रमुख होते थे सब को भेज चूका था |
आचार्य श्याम लाल ने लिखा जैसा कम्युनिष्ट होना कोई गाली है | कम्युनिष्ट शब्द गाली सूचक हो या न हो, परन्तु दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ तार्किक होने का दम भरने वाले आर्यसमाज के कुछ नेताओं और विद्वानों ने इस शब्द को गाली के साथ नत्थी कर दिया है | इस लिये अग्निवेश जी की बात न सूझे तो धड़ल्ले से कहते हैं वे तो कम्युनिष्ट हैं | जैसे कम्युनिष्ट कोई चोर उचकका, बदमाश, राष्ट्र द्रोही हो गया |
इन बिन्दुओं पर मैं अपना विचार श्याम लाला के जवाब में लिखा था, श्यामलाल ने आर्य जगत के विद्वानों द्वारा कम्युनिष्ट को कम्युनिष्ट कहना या लिखना पाप समझा |
जो वस्तु या व्यक्ति जैसा है उसे वैसा ही जानना मानना कहना ही मानवता है, इन छोटी सी बातों को समझने की ताकत इन आचार्य को नहीं है | अवश्य जानना इनके लिए संभव भी नहीं है, क्यों के यह श्याम जो ठहरे, इनको सब काला ही नज़र आता है |
श्याम लाल का मानना कम्युनिष्ट देशद्रोही नहीं है, मैं इनके अनभिज्ञता पर हैरान हो रहा हूँ मैं श्यामलाल की बुद्धीमानी पर मैं हैरान होता हूँ | की कम्युनिष्ट शब्द का अर्थ है बाममार्ग, और बाममार्गी का मतलब है उल्टा चलने वाला, और यह कम्युनिष्ट जन्म से ही उल्टा चला और आज भी यह उल्टा ही चलते है | श्याम लाल ने अपने लेख में अग्निवेश को साम्यवादी नहीं समाजवादी हैं, और उनका यह समाजवाद भी वैदिक समाज वाद है – कोरा मार्क्सवादी साम्यवाद नहीं {देखें महर्षि दयानंद का वैदिक समाजवाद, यह पुस्तक अग्निवेश की है} श्री प्रो० जयदेव आर्य जी ने जवाब देते हुए लिखा मैं उनकी स्थापना से सहमत हूँ | इसलिए कहना होगा की अग्निवेश कम्युनिष्ट या मार्क्सवादी नहीं है, और न हो सकते हैं | क्यों की वे ईश्वर, प्रकृति, और जीव तीनिं को मानते हैं | देखें अग्निवेश का वेबसाइट | आगे लिखा है इस दृष्टि से अग्निवेश विशुद्ध समाजवादी हैं वेह भी वैदिक समाजवाद के पोषक है |
इसके जवाब में मैंने लिखा –अब पाठकगण शायमलाल के काले पन को देखें, प्रथम तो जिस वेबसाइट की बात यह लाल+काला ने लिखा है, जिसमें आर्यसमाज के नियमों को बदलना तथा सह शिक्षा का समर्थन था | जिसका विरोध ऋषि दयानन्द जी ने किया है, यह उसका समर्थन कर रहा है, श्याम लाल ने लिखा था अग्निवेश के विचारों में स्वतंत्रता तो होनी चाहिए |
जिस वेबसाइट की बात अग्निवेश वाली की है श्यामलाल ने, मैंने उसके जवाब में लिखा आखिर अग्निवेश. कॉम में क्या है ? अग्निवेश इसकी सफाई देने के लिए पंजाब केसरी पत्रिका के सोम वार के सोमवार्ता में अपनि सफाई देते हुए ब्यान दिया, मेरा पूरा जीवन ऋषि दयानंद के लिए समर्पित है | इस वकतव्य का जवाब मैंने लिखा अग्निवेश के जवाब में कितना झूठ और कितना सच है मैं दे रहा हूँ तराजू | जिसका जवाब आज तक नहीं दे सके यह अकल्मन्द लोग |
मैंने लिखा था की दयानन्द के नाम को मात्र यह भुजाया जा रहा है, पिछले दिनों NDA के सरकार में जब इसराईल का राष्ट्र अध्यक्ष भारत आया – तो यही अग्निवेश उनके आने का विरोध किया था, और मार्क्सवादी सीताराम यचूरी ने भी विरोध किया था | यही अग्निवेश अटलजी के खिलाफ लखनऊ से चुनाव लड़ने गये,जब की 1984 में उसी लखनऊ से वेह हारे भी, अगर अग्निवेश बीजेपी के विरोधी है,तो स्वामी इन्द्रवेश को बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ने क्यों दिया ? जो अग्निवेश बीजेपी विरोधी हैं तो अपने वेबसाइट का उद्घाटन अरुणजेटली से क्यों कराया ?
अग्निवेश वेबसाइट में आर्य लोगों को विदेशी, बलात्कारी, रहजन,लुटेरा और भी बहुत कुछ लिखा है,समय आने पर एक एक प्रमाण प्रस्तुत करूंगा | मैंने कल लिखा, की इन अग्निवेश से और इनके चाहने वालों से मेरी बहस कराने की वव्यस्था आर्य समाज के लोग करदें और सामने बैठ कर एक एक कर सारा प्रमाण मैं प्रस्तुत कर दूंगा | 1983 से मेरे आने के बाद इनका जितना मैं देखा, पाया, जबकि पहले सार्वदेशिक सभा ने इनके और इनके चाहने वालों को निष्काषित किया था | कम में लिखा, समझना ज्यादा धन्यवाद के साथ = महेन्द्रपाल आर्य = 25/4/20 =

Top