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राष्ट्र की चिन्ता ताक में रखकर मानवता की बातें

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|| राष्ट्र की चिन्ता ताक में रखकर मानवता की बातें ||
पताचला है 51 लोगों ने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा उन घुसपैठीये मुसलमानों को भारत में शरण देना मानवता की रक्षा है | जो मानवता की रक्षा सिद्ध करने में तुले हैं मेरा प्रश्न उन्ही लोगों से है की राष्ट्र पहले है या मानवता ?
जिन की रक्षा के लिए आप लोग भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं, उन्ही लोगों से यह किस लिए नहीं पूछते की भाई आप लोग मानव है अथवा मुस्लमान ? इनमें से एक भी यह कहने वाला नहीं मिलेगा की हम मानव हैं सबके सब मिलकर कहेंगे की हम मुसलमान है |
अब इन मानवता के पुजारियों से मेरा सवाल होगा की आप लोग मानवता की रक्षा की बात कर रहे हैं अथवा मुसलमानों की रक्षा की बात कर रहे हैं ? फिर मानवता की तकाजा वाली बात कहाँ चली गयी जिस मानवता की बात आप लोग कर रहे हैं ?
भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी ने उन्हीं मुसलमानों के लिए रिपोर्ट दिया की जो मुस्लमान भारत में घुसे हैं वह लोग ISI से संपर्क रखते हैं | हाफिज सईद की आतंकवादी संगठन से यह लोग विधिवत प्रशिक्षण लिए हैं यह जानकारी ख़ुफ़िया विभाग वालों की है |
इस के बाद भी अगर प्रशांत भूषण हो शशि थरूर अथवा अन्य कोई उनके हिमायती हो, इस से स्पष्ट है की वह लोग भारत का भला नहीं चाहते | कौन ऐसा भारतीय होगा जो ख़ुफ़िया विभाग के रिपोर्ट देने के बाद भी उसे अनसुना, अनदेखी करे ? भारत का इतना बड़ा ख़ुफ़िया विभाग को पाला जा रहा है इसी काम के लिए, और उसे अनसुना करें तो उन्हें अकल्मन्द माना जायगा अथवा पागल कहा जायगा ? दूसरी बात यह है की उन 51 लोगों को ही यह चिंता किस लिए हैं ? भारत में 51 लोग ही रह्ते हैं क्या ? अथवा उन्ही 51 लोग ही मानवता को जानते और समझते हैं या यही लोग ही मानवतावादी हैं ? बाकि जितने भी भारत वासी है वह मानवता विरोधी हैं क्या ? किसके पास है यह जवाब सामने आयें सरकार को गिने चुनें लोगों की बातों को सुनना नहीं चाहिए किन्तु जो हमारा ख़ुफ़िया विभाग है जिसे सरकार पाल रही है उन अधिकारीयों की बात सुननी चाहिए |
और अगर सरकार से संभव हो उन 51 लोगों से जवाब तलब करनी चाहिए की देश पहले हैं अथवा मानवता पहले है ? मानवता वही है जो भारत सरकार ने कर दिखाया बांग्लादेश में उन लोगों की सहायता भेजी | यह सहायता कौनसी होगी जो यह कहे आ बैल मुझे मार ? यह मानवता के पुजारी सरकार से किसलिए नहीं पूछा की यह लोग हमारे देश में घुसपैठ कैसे किया है ? क्या यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी घुसपैठियों को रोकना, जब समुद्र में मछली पकड़ने जाते हैं अपने देश की सीमा पार होने पर जब, उन मछुवारे को पकड़ लिया जाता हैं जो दो चार लोग होते हैं तो इतने लोग कैसे हमारे देश में घुसे ?
जो मुस्लमान यह कह रहे थे भारत असहिष्णु हो गया =जिसकी वकालती करने वाले यही प्रशांत भूषण है और दलील दे रहे थे उन्हें अपनी बात अभिव्यक्त करने की आज़ादी है, यही शब्द इन्होने jnu के छात्र नेता कन्हैया के लिए भी कहाथा, जो हामिद अंसारी भारत मुसलमानों के लिए सुरक्षित देश नहीं है कहा, अब इस देश में मुसलमानों को शरण लेने के लिए शरण गाह बनगया ? यह कैसी मानसिकता है लोगों की जहाँ रहना असुरक्षित था अब वह शरणगाह हो गया सुरक्षित हो गया ?
जो यह कहरहे हैं की मुसलमानों ने इस देश को अपना मान कर देश नहीं छोड़ा, उनसे मेरा सवाल होगा की पाकिस्तान फिर किनके लिए बनाया गया, पाकिस्तान की मांग किन लोगों ने की अमेरिका वालों ने ? दूसरी बात है अगर यह देश आप का है फिर भारत माँ की जय बोलने में आपत्ति किस लिए, बंदेमातरम बोलने में परेशानी किस लिए ? भारतीयता का विरोध कर भी यह भारत आपका है ? भारत के कौनसा रीती रिवाज को इस्लाम वालों ने माना है ? किस भारतीय त्यौहार को अपनाया है यहाँ के मुसलमानों ने ?
भारत से प्यार करने वालों से मेरी विनती है की अगर 51 पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखा गया तो आप लोग 51 हज़ार पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखें धन्यवाद |
महेन्द्रपाल आर्य =14 /10 /17 =

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