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वैदिक संस्कृति पर कुठाराघात किस लिये?

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कल सुबह 11 बजे मेरे एक घनिष्ट आचार्य मनुदेव जी बल्लभ गढ़ वाले ने मुझे कहा पण्डित जी आप कहाँ हैं | जी न्यूज़ को देखें, मैंने प्रयास किया जो देखा और सुना | कि पिछले 2004 में सरदार मनमोहन सिंह जी के प्रधान मन्त्री रहते इन कांग्रेसी और कोम्युनिष्टों ने मिलकर यह षड्यन्त्र रचाया कि स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम से वैदिक संस्कृति के बारे में जो जान कारी दी गई उसे हटा दिया |
इन बातों की जानकारी कम लोगों को थी, जानकारों में यह दो नाम हैं जिन दोनों को मैं धन्यवाद दिया | की इतने बड़े देश में, इतना बड़ा षड्यन्त्र इन देश के गद्दारों ने किया जो किसी को पता लगने भी नही दिया | जो सरदार जी प्रधान मन्त्री रहे उन्हें यह पता नहीं की इस वैदिक संस्कृति की रक्षा हमारे गुरुओं ने अपना गर्दन कटवा कर की है |
सरदार जी प्रधान मन्त्री अपने आका मेडम सोनिया जी को खुश करने के लिए अपने गुरुओं की वलिदान को भी भूल गये | और इन चाइनीज एजेंटों के मकड़ जाल में विदेशी मेम साहब की बतों में आकर अपने ही देश कि संस्कृति को मिटाया जो हमारे बच्चों को पता न लगे की वैदिकज्ञान क्या है |
यह कम अफ़सोस की बात नहीं, की जिस देश ने सम्पूर्ण विश्व को वेद ज्ञान दिया, मानवता का पाठ पढ़ाया जिसे अंग्रेजों ने भी सराहा और इन देश के हत्यारों ने उसी वैदिक ऋषि, मुनियों के पढ़ाये पाठों की जानकरी हमारे बच्चों को देना नही चाहते |
JNU के और बाहर के कई प्रोफेसरों ने इसे अनजाम दिया है,वह सभी मूल बंगाली है | जो चीन पन्थी हैं जिन्हों ने इस देश को कभी आपना नहीं माना, वह रहते भारत में और गीत गाते चीन का, भारत के किसी भी महापुरषों को अपनाया नहीं| चीन का चेयरमैन को अपना चेयरमैन कहनेवाले हैं |
धन्ययाद देता हूँ ललित मिश्रा व रवि त्रिपाठी को जिन दोनों ने वैदिक संस्कृति पर कुठाराघात करने वालों का नाम RTI से पूछा,यह कोंग्रेस,वाम पन्थीने मिलकर किया है । सभी भारत वासियों को मिलकर इनका विरोध करना चाहिए, और श्री ललित मिश्रा व श्री रवि त्रिपाठी जी का साथ देना चाहिए |

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