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सत्य के साथ कुरान या कुरान वालों का कोई वास्ता नहीं |

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सत्य के साथ कुरान या कुरान वालों का कोई वास्ता नहीं
इस्लाम वालों की मान्यता कुरान कलामुल्लाह है, अर्थात अल्लाह की कही हुई, या अल्लाह ने बताया अल्लाह ने सुनाया आदि आदि |
कुरान को जब मनोयोग से पढ़ते हैं तो नित्यांत उल्टा मालूम पड़ता है, और कुरान का ईश्वरीय ज्ञान होने में सन्देह होने लगता है | आप लोग भी देखें मैं एक प्रमाण दे रहा हूँ सूरा न० 3 =अल इमरान =का आयत 26 और 27 को जरा ध्यान से पढ़ें और इसपर विचार करें की क्या यही ईश्वरीय ज्ञान है तो अज्ञानता की बातें कहाँ होगी ? देखें कुरान की बातें
قُلِ اللَّهُمَّ مَالِكَ الْمُلْكِ تُؤْتِي الْمُلْكَ مَن تَشَاءُ وَتَنزِعُ الْمُلْكَ مِمَّن تَشَاءُ وَتُعِزُّ مَن تَشَاءُ وَتُذِلُّ مَن تَشَاءُ ۖ بِيَدِكَ الْخَيْرُ ۖ إِنَّكَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ [٣:٢٦]
तुम तो यह दुआ मॉगों कि ऐ ख़ुदा तमाम आलम के मालिक तू ही जिसको चाहे सल्तनत दे और जिससे चाहे सल्तनत छीन ले और तू ही जिसको चाहे इज्ज़त दे और जिसे चाहे ज़िल्लत दे हर तरह की भलाई तेरे ही हाथ में है बेशक तू ही हर चीज़ पर क़ादिर है | {3 /26 =

تُولِجُ اللَّيْلَ فِي النَّهَارِ وَتُولِجُ النَّهَارَ فِي اللَّيْلِ ۖ وَتُخْرِجُ الْحَيَّ مِنَ الْمَيِّتِ وَتُخْرِجُ الْمَيِّتَ مِنَ الْحَيِّ ۖ وَتَرْزُقُ مَن تَشَاءُ بِغَيْرِ حِسَابٍ [٣:٢٧]
तू ही रात को दिन में दाख़िल कर देता है रात बढ़ जाती है और तू ही दिन को रात में दाख़िल करता है तू ही बेजान से जानदार को पैदा करता है और तू ही जानदार से बेजान नुत्फ़ा निकालता है और तू ही जिसको चाहता है बेहिसाब रोज़ी देता है | {3/28=

अल्लाह खुद क्या कह रहे हैं देखें, तुम यह दुवा मांगो के दुनिया का मालिक तू है तू जिसको चाहे बादशाही दे और जिससे चाहे बादशाही छीन ले | तू जिसे चाहे इज्जत दे और जिस की चाहे इज्जत उतारले यानि बेइज्जती करदे | हर तरह की भलाई तेरे ही हाथ में है तू जो चाहे सो करे |
दूसरी आयात में बताया, तू ही रात को दिन बनाता है, और दिन को रात बना देता है, तू जानदार को बेजान बनाता है, और बेजान को जान देता है, और तू ही जिसको चाहता है बेहिसाब रोजी देता है |
इसपर मानव कहलाने वाले स्वस्थ दिमाग से जरा विचार करें, अगर अल्लाह जिस को चाहे बादशाह बना देता है, और जिसे चाहे भिखारी बना देता है | क्या यह बात अक्ल रखने वाले मानवों के लिए मानलेना सम्भव होगा ? हर मानव अपने किये कर्मानुसार फल भोगता है | कोई राजा बनकर भोगता है, और कोई भिखारी बनकर भोगता है | यह जीवात्मा का जन्म जन्मान्तरों का किये कर्मों का भोग कहते हैं इसे | किन्तु कुरानी अल्लाह इससे सहमत नहीं, और कहता है मैं जिसे चाहूँगा राजा, और जिसे चाहूँगा भिखारी बना दूंगा |
इससे यह स्पष्ट हुवा कुरान का अल्लाह न्यायकारी नहीं है | भिखारी को राजा बनाने से, वह जो भिखारी था वह भिखारी किस कारण बना था ? क्या यह बात अल्लाह को पता है की वह भिखारी क्यों बना था ? और किसी राजा को अल्लाह भिखारी बनाते हैं तो वह राजा कैसे बना था क्या इसकी जानकारी अल्लाह को है ?
इसे ही वैदिक मान्यतानुसार, = ना भुक्तं क्षीयते कर्म कल्पकोटिशतैरपि अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्मम शुभाशुभम् = अर्थात जरुर भोगना है किये कर्मों का फल शुभ अशुभ, यह भोगेगा कौन ? जीवात्मा =अगर अल्लाह का यह कहना है की मैं ही भिखारी को राजा, और राजा को भिखारी बनता हूँ | अगर कोई राजा बना तो उसे क्या अल्लाह ने बनाया था ?
फिर अल्लाह्की ना इंसाफी जिसे चाहे इज्जत दे और जिसे चाहे बेइज्जत करे, यां किस कारण कोई इज्जत पाता है तो वह अपने किये कर्मों से पाता है किसी भी इज्जत वाले की बे इज्जती कोई एक अच्छा मानव भी नहीं कर सकता, जो काम अल्लाह कर रहे हैं |

दुसरी बात यह भी है की अगर कुरान सत्य है अल्लाह की कलाम है जो कहा गया जिसे चाहे दे और जिससे चाहे ले | तो क्या कुरान के मानने वाले मुसलमानों को इस कुरानी आयत पर विश्वास नहीं ? अगर मुसलमान इन कुरानी आयातों पर विश्वास करते तो,मोदी का प्रधान मंत्री बनना क्या अल्लाह की मर्ज़ी नहीं ? तीन तलाक पर प्रतिवंध अल्लाह की मर्जी नहीं ? हज सबसिडी बन्द अल्लाह की मर्ज़ी है या नही ? कश्मीर में आतंकवादियों को मौत के घाट उतारना अल्लाह की मर्ज़ी है अथवा नहीं ? पाकिस्तान का कंगाल बनना अल्लाह की मर्ज़ी है या नहीं ? असादुद्दीन ओवैसी का मुसलमानों को एकत्रित करने का प्रयास विफल होने में भी अल्लाह की मर्ज़ी नहीं है ? इस्लाम वालोंपर जो जो गैर इस्लामियों के वार हो रहे है क्या यह सब अल्लाह की मर्जी से नहीं हो रहा है ?
अगर यह सब अल्लाह की मर्ज़ी नहीं हैं, कोई भी मुसलमान, बताये की क्या कुरान गलत है या आप इस्लाम वालों की मान्यता गलत है ? अगर कुरान का कहना सही है सत्य है, फिर आप इस्लाम वाले झूठ किस लिए पाले और माने बैठे हैं ?
इस्लाम के नाम से डिंगमारने वाले इसको जरुर पढ़ें, जो लोग महेन्द्रपाल आर्य को निरुत्तर करने की बात कर रहे हैं, किसी किसी ने महेन्द्रपाल को मुह तोड़ जवाब लिख कर विडिओ बनाये हैं, ना जाने क्या क्या लफ्फाजी कर रहे हैं लोग | कुछ भी हो मेरे सवालों का जवाब आज तक इनसे न दिया गया है और ना यह कयामत तक जवाब नहीं दे पाएंगे | यह मेरी खुली चुनौती है | दुनियाके लोग सब देख रहे हैं की महेन्द्रपाल आर्य के सामने किसलिए आना नहीं चाहते ? कारण जो आये वह धराशायी हुए, इसका कारण यह लोग सत्य से काफी दूर हैं | और्सटी के साथ यह मुकाबला नहीं कर सकते जो अब तक की बात है |
इस सवाल का जवाब जानने के लिए प्रतीक्षा में महेन्द्रपाल आर्य = 27/4/19 =

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