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सभी पाखंड से बहार निकलना ही मानव का काम है ||

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नेपाल हिला, भारत हिला और हिल गया पाकिस्तान,
न मसीह आए, न अल्लाह आए और कहाँ गए भगवान् ।
हैं कौन हिन्दू, कौन ईसाई और कौन है मुसलमान,
प्रकृति के आगे है बेवश हर इंसान ।।
हैं समान सब उसकी नजर में,
वहाँ नहीं चलता बाइबल, वेद और कुरान।
मत उलझ इस पाखण्ड में,
अब तो जाग जा ए मूर्ख इंसान ।।
यह कविता जिसने लिखा है उन बेचारे को पता नही कुरान की तयलीम क्या है ?
 
आप के यही शब्द अगर मियां मुसर्रत के दिमाग में आती अलगाव वादी नेताओं से ले कर सेकुलर वादी मौलाना ओं के दिमाग में आती- या फिर पाकिस्तानियों के दिमाग में आती ? फिर भारत में खड़ा होकर मेरी जान, मेरी जान | पाकिस्तान, पाकिस्तान के नारा लगाना ही नही पड़ता |
 
किन्तु आप लोगों को यह जानकारी ही नही की वह लोग अपने मन से चिल्ला नही रहे हैं, उन्हें यही तायलीम मिली है, यह बात हाफिज सईद ने अभी पाकिस्तान में रैली करते हुए सम्पूर्ण दुनिया वालों को बतादिया- की पाकिस्तानी फौज के साथ हिन्दुस्तान को तबाह करना ही हमारा जिहाद है |
 
इस्लाम को फ़ैलाने के लिए गैर इस्लामियों से जो लड़ाई है उसे ही जिहाद कहा जाता है | परमात्मा के पास तो भेद भाव नही है किन्तु अल्लाह ने कुरान में तो यही तयलीम इसलाम के मानने वालों को दी है | उसे आप झुठला सकते हैं क्या ?
 
तो फिर जहाँ तक हिलने हिलाने की बात है यह इस्लाम -और ईसायत इस्लामियत के मानने वालों की समझ में कहाँ आ रही है यह बात ? अगर यह समझ लेते फिर मेरी जान पाकिस्तान किस लिए कहते ?
 
भारत का, दुर्भाग्य यह है की सरकार ने जिस देश द्रोही को बन्दी बनाये उसे छुड़ाने की हिमायत गिलानी -कहीं कोई नानी से लेकर मौलाना लोग उसके समर्थनकारी हैं, जो अपने को |
 
आर्य समाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द जी ने न मालूम कितने राष्ट्र भक्त तैयार कर गये ? श्याम जी कृष्ण वर्मा से लेकर -लाल , बाल पाल, जैसों को तैयार किया आज उसी आर्य समाज का नाम लेकर राष्ट्र विरोधिओं के साथ जनसभा करते नही शर्मा रहे, कई आर्य नेता कहलाने वाले और न तो चीन पन्थी नक्शालियों के समर्थन करते थाकते हैं ? क्या यह लोग नही जानते की नेपाल के हिलने -भारत -के हिलने हिलाने में अल्लाह बचाने को नही आयेंगे ? अथवा भगवान भी नही आ सकते ?
न राम आकर बचाएं गे, और न रहीम आकर बचायेंगे ? यही तो मानवता है जो मानव कहला कर भी उसे ताक पर उठाकर रख दिया | कुरान के मानने वालों ने | क्या दुनिया के लोग इसे नहीं देख रहे और नही सुन रहे हैं ?
 
की भारत में रह कर भारत विरोधी नारा लगा रहे हैं ? यह इस्लाम, और कुरान के मानने वाले ? फिर कुरान की शिक्षा क्या है उसे जानना जरूरी है अथवा नही ?
मानव हम कहला नहीं सकते जब तक इन पाखंड से बाहर नहीं निकालेंगे, अंध विश्वास से जब तक अलग नहीं होंगे तो हम मानव कहलाने के अधिकारी नहीं बन सकते मानव की लिए यह जरूरी है की सभी प्रकार के कु संस्कारों से ऊपर उठें दिमाग से विचार पूर्वक हर काम को करें | महेन्द्रपाल आर्य = 6 /12 /20

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