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समय है राजनीतिक पार्टियों को पहचानने का |

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भारत भर से काले नॉटऔर कालाबाज़ारी पकडे जा रहे हैं, देख कर भी सांसदों का विरोध देश हितमें नहीं, भारतवासियों को चाहिएअपना नेता देशभक्त कौन है और देश विरोधी कौन कौन पार्टी और हैं जानें।
सम्पूर्ण विश्व भर भारतीय दूरदर्शन के माध्यम से दिखाया व सुनाया जा रहा है,नोट के बदलने से कहाँ और किसके पास काला धन जमा था उन जमा खोरों को, पकड़ा जा रहा है | अब तक पकडे गये लोगों ने कैसे कैसे तरीका अपनाते हुए नोटों को व सोना छुपाकर रखे थे, देख कर लोग हैरान हो रहे हैं | लोगों ने अपना दिमागी परिचय कैसा कैसा दिया है ?
 
किन्तु माननीय प्रधान मन्त्री जी ने यह बता दिया उन काला बाजारियों को,की भाई तुम लोग अटकलें जितना भी लगाव कहीं भी छुपा कर रखो कालाधन उसे तो मैं निकाल कर ही रहूँगा | उसका मूल कारण यही है की तुम लोगों का धन काला है जहाँ धन काला होगा डर भी वहीं है | हमारा शास्त्र का कहना भी यही है, भय, लज्जा, शंका, यह हर काला काम करने वालों में ही होना है |
 
अब नोट हो या सोना, स्नानागार में रखो अथवा और कहीं निकालने का काम मेरा है | उसका कारण यही है की मुझे भय नही है और ना भय होना है, कारण मेरा काम धर्म का है धार्मिकता का है | धार्मिक होने के कारण मुझे ना भय है ना लज्जा, और ना तो शंका | मुझे अंदर से प्रेरणा मिल रही है परमात्मा हर नेक कार्य में मददगार हैं |
 
मेरीअपील भारतवासियों से यही है की अब तो आप सभी ने देख लिया है 1947 से अब तक भारतीयों को लुटा गया, अगर नही लुटते तो इन नेताओं के पास इतना धन कहाँ से आता भला ? इतना लुटा की रखने के लिये जगह नही है कहाँ कहाँ छुपा कर रखा गया | अपने नाम से नही तो दुसरे के नाम से रख दिया |
 
अब हम सभी भारतवासियों को चाहिए की सभी राजनीति पार्टी को पहचानें की देश का भला कौन चाह रहा है, काला बाजारी करने वालों को पसंद करेंगे अथवा देश हित में जो पार्टी काम करे उसे चाहेंगे ? हमें इन नेताओं को हाथों हाथ अभी के चुनाव में दिखा देना है | जिससे इन नेताओं के दिमाग भी ठिकाने में हो सके |
महेन्द्रपाल आर्य =वैदिकप्रवक्ता =दिल्ली =11/12/16 =

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