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समाज को अन्धकार में धकेला मिडिया तंत्र ने |

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|| समाज को अधंकार में धकेला मिडिया ने ||

मिडिया तंत्र यह इस आधुनिक विज्ञान का सही उपयोग करने के बजाय इसका गलत इस्तेमाल कर मानव समाज को अधंकार और अंध विश्वास में धकेल दिया है इसपर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है |

बहुतअच्छा साधन है प्रचार का सत्य और असत्य को बताने का मानव समाज को जगाने का मानव समाज को दिशा निर्देश करने का, मानव समाज को सत्य ज्ञान कराने का मानव समाज को धर्म अधर्म बताने का | और मानव कहलाने वालों को धर्म के साथ जोड़कर यह धरती को स्वर्ग बनाने का |

 

किन्तु यह सब ना होने का कारण क्या है जानते हैंआप लोग ? इसका मूल कारण है इन मिडिय तंत्र को चलाने वाले ही उन्ही पाखंडियों में से हैं | इन्हें सत्य असत्य का ज्ञान नहीं है, धर्म अधर्म को वह नहीं जानते और ना उन्हें कोई शिक्षा प्राप्त हुवा है सत्य क्या है और असत्य क्या है, अथवा धर्म क्या है और अधर्म क्या है उसे जानने की अथवा जानकारी करने की कोई ट्रेनिंग उन्हें मिली ही नहीं |

 

इसका मूल कारण है हमारे भारत में अक्सर मिडिया चलाने वाले अथवा टीवी चेनल चलाने वाले भारत विरोधी, धर्म विरोधी, और सत्य विरोधी हैं | यही कारण है की धर्म के बजाय अधर्म का प्रचार हो रहा है | इनका उद्देश्य है भारत की परम्परा को समूल नष्ट करना, वैदिक या ऋषि परम्परा को ख़तम करना ही एक मात्र लक्ष्य है इन मिडिया वालों का | यह सब भारत विरोधी है विदेशी षड्यंत्र ही है |

 

इसका प्रमाण ND,TV, के रविश कुमार को अवार्ड किस बात पर किसलिए और किन लोगों के द्वारा दिया गया ? मूल रूपसे यह चेनल ईसाइयों द्वारा संचालित है | इसमें ज्यादातर भारत विरोधी वैदिक धर्म विरोधी कार्यक्रम दिखाया जाता है |

 

मेरे साथ कई पादरियों ने डिबेट किया है कई पादरी वैदिक धर्म में वापस भी आये, और कई पादरियों ने ND TV में मुझसे डिबेट करेंगे बताया भी है | और किसी चेनल का नाम ना लेकर इसी का ही नाम लेना क्यों पड़ा ? इस से यह स्पष्ट हो गया की यह चेनल ईसाइयों से जुड़ा हुवा है |

प्रायः चेनलों की दशा यही है- एक चेनल है सुदर्शन न्यूज़ चेनल – पर इसका मालिक साईं भक्त है वे भी धर्म को नहीं जानते यह समझें की सभी चेनलों की दशा यही है | इसी का नतीजा यह है की जो कार्य सत्य के लिए धर्म के लिए होना था वह नहीं हो पा रहा है |

 

और सरकार का भी कोई नियंत्रण उनपर नहीं है | और सरकार को खुद को पता ही नहीं की धर्म क्या है धर्म किसे कहते हैं अथवा धर्म मानव मात्र का एक है या,अलग अलग ? इन्ही सत्यता से सरकार भी अनभिज्ञ है | रिपब्लिक भारत वाला थोडा सत्य को उजागर करना चाहता है तो उसपर आपत्ति पर आपत्तियां महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया जा रहा है | खामखा उसपर FIR दर्ज कर उसे प्रेषण किया जा रहा है या किया गया है आदि | भारत सरकार को चाहिए था इसपर न्याय अन्याय को देखना |  मैं इस लिए कह रहा हूँ भारत सरकार जब कंगना रनावत को सुरक्षा दे सकती है तो अर्नव गोस्वामी को क्यों नहीं ?

 

सब मिलाकर सबने मिलकर ही मानव समाज को दिकभ्रमित किया है जो होना था वह नहीं हो रहा है, और जो नहीं होना था वही हो रहा है |

 

सत्य सनातन वैदिक धर्म जो मानव मात्र के लिए है उसका प्रचार प्रसार न होने का मूल कारण यही है | हमें इसे बचाए रखने के लिए सबसे संघर्ष करना पड़ रहा है = सामाजिक =राजनीतिक = और धर्मिक = तीनों जगह काम बिगड़ा हुवा है इसे सुधारने के लिए वैदिक विद्वान वेद के ज्ञाता ही इस उलझे हुए मसले को सुलझा सकते हैं |

राष्ट्र निर्माण का  या वैदिक ऋषि परम्परा की चर्चा कहीं भी नहीं है और न इसे लोग जानने का प्रयास करते, हम सभी भारतियों को विशेष कर इसे जानने की जरूरत है और इसे जाना जा सकता है अथवा जाननेका उपाय तो मिडिया ही है | किन्तु मिडिया चलाने वाले सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्धि में ही लगे हैं उन्हों ने पैसा लगाया है तो उन्हें अपना पैसा उसुल ना है, वह किसी का क्यों सुनें ?

 

आप सभी भारतियों से वैदिक धर्मियों से यही आशा करते हैं आप लोग विशेष कर इस भावना को समझें जानें और इस विचार को जन जन तक पहुंचाएं |  आप सभी देख रहे हैं किसान आन्दोलन के नाम से किस प्रकार भारत विरोधी नारे लग रहे हैं भारत के टुकड़े करने की बात किस प्रकार चिल्ला चिल्ला कर कहे जा रहे हैं | विदेश में बैठ कर किसानों को हवा दे रहे हैं  सिर्फ राहुल गाँधी ही नहीं अनेक लोग इस काम में लगे हैं | इस लिए हमारी एक जुटता ही हमारी शक्ति है |

 

यही नारा JNU जैसे भारत सरका का अन्न खाकर भारत विरोधी नारे लगे, जामे मिल्लिया हो अलिगद विश्व विद्यालय में यही नारे लगे –शाहीन बाग़ में यही सब नारे लगाये गये | किया इसे किसान आन्दोलन कहेंगे सरकारी संपत्ति को नष्ट करना यह क्या है टावर किसका तोड़े गये यह सम्पूर्ण भारत वासियों का नुक्सान किया गया – पंजाब सरकार खामोश और न यह अकाली समर्थक जो किसान बन कर बैठे हैं उन्हों ने कुछ बोला ? इससे नकली किसान होने का प्रमाण मिल गया किस प्रकार वहांका खानपान शराब तक परोसा जा रहा है |

 

यह सारा आन्दोलन भारत विरोधी देश से फंडिं हो रही है, सरकार को चाहिए सख्ती से इनसे निमट ना इन्हें कहीं पर भी बैठने नहीं देना चाहिए था, दिल्ली की मुख्यमंत्री भी इन भारत विरोधी गति विधियों में अपनी सः भागिता दिखा रहे हैं, सब मिलाकर देश को बर्बाद करने की ठान ली है |

 

देश भक्तों को चाहिए योगी आदित्यनाथ जी से कुछ सीखना और भारत सरकार को भी चाहिए था | बिहार में लाल झंडा धारी उपद्रोव मचा रहे हैं,  तो उत्तर प्रदेश में यह काम क्यों नहीं हो पाया इसे सब को जानना और समझना चाहिए इसे ही मैंने 4 दिन पहले बोला था सबके साथ प्रीती पूर्वक धर्मानुसार यथा योग्य बरतना चाहिए तभी इस देश की रक्षा होगी |

धन्यवाद के साथ महेन्द्रपाल आर्य -2 /1 /2 1=

 

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