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सृष्टि उत्पत्ति में बाइबिल और कुरान में थोडा अन्तर |
Mahender Pal Arya
30 Apr 18
[post-views]
|| सृष्टि उत्पी में कुरान और बाइबिल अंतर है देखें || भाग {7}
قَالَ مَا مَنَعَكَ أَلَّا تَسْجُدَ إِذْ أَمَرْتُكَ ۖ قَالَ أَنَا خَيْرٌ مِّنْهُ خَلَقْتَنِي مِن نَّارٍ وَخَلَقْتَهُ مِن طِينٍ [٧:١٢]
ख़ुदा ने (शैतान से) फरमाया जब मैनें तुझे हुक्म दिया कि तू सिजदा कर,फिर तुझे सिजदा करने से किसी ने रोका कहने लगा मैं उससे अफ़ज़ल हूँ (क्योंकि) तूने मुझे आग से पैदा किया |
सूरा 7अयराफ 12
قَالَ فَاهْبِطْ مِنْهَا فَمَا يَكُونُ لَكَ أَن تَتَكَبَّرَ فِيهَا فَاخْرُجْ إِنَّكَ مِنَ الصَّاغِرِينَ [٧:١٣]
और उसको मिट्टी से पैदा किया ख़ुदा ने फरमाया (तुझको ये ग़ुरूर है) तो बेहश्त से नीचे उतर जाओ क्योंकि तेरी ये मजाल नहीं कि तू यहाँ रहकर ग़ुरूर करे तो यहाँ से (बाहर) निकल बेशक तू ज़लील लोगों से है | सूरा 7 अयराफ =13
قَالَ أَنظِرْنِي إِلَىٰ يَوْمِ يُبْعَثُونَ [٧:١٤]
कहने लगा तो (ख़ैर) हमें उस दिन तक की (मौत से) मोहलत दे | सूरा 7 अयराफ 14
قَالَ إِنَّكَ مِنَ الْمُنظَرِينَ [٧:١٥]
जिस दिन सारी ख़ुदाई के लोग दुबारा जिलाकर उठाकर,खड़े किये जाएगें | सूरा 7 अयराफ 15
قَالَ فَبِمَا أَغْوَيْتَنِي لَأَقْعُدَنَّ لَهُمْ صِرَاطَكَ الْمُسْتَقِيمَ [٧:١٦]
फ़रमाया (अच्छा मंजूर) तुझे ज़रूर मोहलत दी गयी कहने लगा चूँकि तूने मेरी राह मारी तो मैं भी तेरी सीधी राह पर बनी आदम को (गुमराह करने के लिए) ताक में बैठूं तो सही – 7 अय्राफ 16
ثُمَّ لَآتِيَنَّهُم مِّن بَيْنِ أَيْدِيهِمْ وَمِنْ خَلْفِهِمْ وَعَنْ أَيْمَانِهِمْ وَعَن شَمَائِلِهِمْ ۖ وَلَا تَجِدُ أَكْثَرَهُمْ شَاكِرِينَ [٧:١٧]
फिर उन लोगों से और उनके पीछे से और उनके दाहिने से और उनके बाएं से (गरज़ हर तरफ से) उन पर आ पडूंगा और (उनको बहकाउंगा) और तू उन में से बहुतेरों की शुक्रग़ुज़ार नहीं पायेगा |
सूरा 7 अयराफ 17
बाइबिल में साँप ने यहोवा या परमेश्वर को चुनौती नहीं दी, किन्तु शैतान ने अल्लाह को चुनौती दे डाली, और कहा, मैं उन्ही लोगों को गुमराह करूँगा जो तेरे रास्ते पर चलने वाले होंगे उसके आगे से पीछे से दाहिने से और बाएँ से भी मैं गुमराह करूंगा | और तू देखेगा की ज्यादा लोग तेरे रास्ते से भटके हुए होंगे, जिन्हें मैं भटकाऊँगा |
قَالَ اخْرُجْ مِنْهَا مَذْءُومًا مَّدْحُورًا ۖ لَّمَن تَبِعَكَ مِنْهُمْ لَأَمْلَأَنَّ جَهَنَّمَ مِنكُمْ أَجْمَعِينَ [٧:١٨]
ख़ुदा ने फरमाया यहाँ से बुरे हाल में (राइन्दा होकर निकल) (दूर) जा उन लोगों से जो तेरा कहा मानेगा तो मैं यक़ीनन तुम (और उन) सबको जहन्नुम में भर दूंगा | सूरा 7 अयराफ -18
अब अल्लाह उसे डरा कर कहा जा यहाँ से जो तेरे कहा मानेगा मैं उन्हीं से जहन्नूम को भरूँगा | यानि जहन्नुम में डालूँगा |
यह शब्द बाइबिल से ज्यादा है } यह शब्द बाइबिल में नहीं है |
وَإِذْ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ كَانَ مِنَ الْجِنِّ فَفَسَقَ عَنْ أَمْرِ رَبِّهِ ۗ أَفَتَتَّخِذُونَهُ وَذُرِّيَّتَهُ أَوْلِيَاءَ مِن دُونِي وَهُمْ لَكُمْ عَدُوٌّ ۚ بِئْسَ لِلظَّالِمِينَ بَدَلًا [١٨:٥٠]
और (वह वक्त याद करो) जब हमने फ़रिश्तों को हुक्म दिया कि आदम को सजदा करो तो इबलीस के सिवा सबने सजदा किया (ये इबलीस) जिन्नात से था तो अपने परवरदिगार के हुक्म से निकल भागा तो (लोगों) क्या मुझे छोड़कर उसको और उसकी औलाद को अपना दोस्त बनाते हो हालॉकि वह तुम्हारा (क़दीमी) दुश्मन हैं ज़ालिमों (ने ख़ुदा के बदले शैतान को अपना दोस्त बनाया ये उन) का क्या बुरा ऐवज़ है | सूरा 18 कहाफ आयत =50
وَلَقَدْ صَدَّقَ عَلَيْهِمْ إِبْلِيسُ ظَنَّهُ فَاتَّبَعُوهُ إِلَّا فَرِيقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِينَ [٣٤:٢٠]
और शैतान ने अपने ख्याल को (जो उनके बारे में किया था) सच कर दिखाया तो उन लोगों ने उसकी पैरवी की मगर ईमानवालों का एक गिरोह (न भटका) सूरा 34 सबा=आयत 20
إِلَّا إِبْلِيسَ أَبَىٰ أَن يَكُونَ مَعَ السَّاجِدِينَ [١٥:٣١]
मगर इबलीस (मलऊन) की उसने सजदा करने वालों के साथ शामिल होने से इन्कार किया |15का31
قَالَ يَا إِبْلِيسُ مَا لَكَ أَلَّا تَكُونَ مَعَ السَّاجِدِينَ [١٥:٣٢]
(इस पर ख़ुदा ने) फरमाया आओ शैतान आख़िर तुझे क्या हुआ कि तू सजदा करने वालों के साथ शामिल न हुआ | सूरा 15 हिजर =आयत 32
قَالَ لَمْ أَكُن لِّأَسْجُدَ لِبَشَرٍ خَلَقْتَهُ مِن صَلْصَالٍ مِّنْ حَمَإٍ مَّسْنُونٍ [١٥:٣٣]
वह (ढिठाई से) कहने लगा मैं ऐसा गया गुज़रा तो हूँ नहीं कि ऐसे आदमी को सजदा कर बैठूँ जिसे तूने सड़ी हुई खन खन बोलने वाली मिट्टी से पैदा किया है | सूरा 15 हिजर 33
قَالَ فَاخْرُجْ مِنْهَا فَإِنَّكَ رَجِيمٌ [١٥:٣٤]
ख़ुदा ने फरमाया (नहीं तू) तो बेहश्त से निकल जा (दूर हो) कि बेशक तू मरदूद है | सूरा 15 -34
قَالَ رَبِّ فَأَنظِرْنِي إِلَىٰ يَوْمِ يُبْعَثُونَ [١٥:٣٦]
शैतान ने कहा ऐ मेरे परवरदिगार ख़ैर तू मुझे उस दिन तक की मोहलत दे जबकि (लोग दोबारा ज़िन्दा करके) उठाए जाएँगें | सूरा 15 का 36
قَالَ رَبِّ بِمَا أَغْوَيْتَنِي لَأُزَيِّنَنَّ لَهُمْ فِي الْأَرْضِ وَلَأُغْوِيَنَّهُمْ أَجْمَعِينَ [١٥:٣٩]
उन शैतान ने कहा ऐ मेरे परवरदिगार चूंकि तूने मुझे रास्ते से अलग किया मैं भी उनके लिए दुनिया में (साज़ व सामान को) उम्दा कर दिखाऊँगा और सबको ज़रुर बहकाऊगा | सूरा 15 का 39
यहाँ शैतान ने आल्लाह पर दोष भी लगा दिया और कहा परवर दिगार तूने मुझे रास्ते से अलग किया, मैं भी तेरे लोगों को बहकाऊँगा |
إِلَّا عِبَادَكَ مِنْهُمُ الْمُخْلَصِينَ [١٥:٤٠]
मगर उनमें से तेरे निरे खुरे ख़ास बन्दे (कि वह मेरे बहकाने में न आएँगें) सूरा 15 का 40
وَإِذْ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ قَالَ أَأَسْجُدُ لِمَنْ خَلَقْتَ طِينًا [١٧:٦١]
और जब हम ने फरिश्तों से कहा कि आदम को सजदा करो तो सबने सजदा किया मगर इबलीस वह (गुरुर से) कहने लगा कि क्या मै ऐसे शख़्श को सजदा करुँ जिसे तूने मिट्टी से पैदा किया है | सूरा 17 =इजराइल =आयत 61
وَإِذْ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ كَانَ مِنَ الْجِنِّ فَفَسَقَ عَنْ أَمْرِ رَبِّهِ ۗ أَفَتَتَّخِذُونَهُ وَذُرِّيَّتَهُ أَوْلِيَاءَ مِن دُونِي وَهُمْ لَكُمْ عَدُوٌّ ۚ بِئْسَ لِلظَّالِمِينَ بَدَلًا [١٨:٥٠]
और (वह वक्त याद करो) जब हमने फ़रिश्तों को हुक्म दिया कि आदम को सजदा करो तो इबलीस के सिवा सबने सजदा किया (ये इबलीस) जिन्नात से था तो अपने परवरदिगार के हुक्म से निकल भागा तो (लोगों) क्या मुझे छोड़कर उसको और उसकी औलाद को अपना दोस्त बनाते हो हालॉकि वह तुम्हारा (क़दीमी) दुश्मन हैं ज़ालिमों (ने ख़ुदा के बदले शैतान को अपना दोस्त बनाया ये उन) का क्या बुरा ऐवज़ है | सूरा 18 कहाफ =आयत 50
وَإِذْ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ أَبَىٰ [٢٠:١١٦]
और हमने उनमें साबित व इस्तक़लाल न पाया और जब हमने फ़रिश्तों से कहा कि आदम को सजदा करो तो सबने सजदा किया मगर शैतान ने इन्कार किया | सूरा 20 ताहा 116
وَلَقَدْ صَدَّقَ عَلَيْهِمْ إِبْلِيسُ ظَنَّهُ فَاتَّبَعُوهُ إِلَّا فَرِيقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِينَ [٣٤:٢٠]
और शैतान ने अपने ख्याल को (जो उनके बारे में किया था) सच कर दिखाया तो उन लोगों ने उसकी पैरवी की मगर ईमानवालों का एक गिरोह (न भटका) | सूरा 34 =सबा =20
قَالَ يَا إِبْلِيسُ مَا مَنَعَكَ أَن تَسْجُدَ لِمَا خَلَقْتُ بِيَدَيَّ ۖ أَسْتَكْبَرْتَ أَمْ كُنتَ مِنَ الْعَالِينَ [٣٨:٧٥]
ख़ुदा ने (इबलीस से) फरमाया कि ऐ इबलीस जिस चीज़ को मैंने अपनी ख़ास कुदरत से पैदा किया (भला) उसको सजदा करने से तुझे किसी ने रोका क्या तूने तक़ब्बुर किया या वाकई तू बड़े दरजे वालें में है | सूरा 38 =साद =75
अब तक दर्शाए गये, यहूदी, ईसाई और इसलाम अनुसार इन तीनों में कुछ समानताएं है | यहूदियों में सप्ताह का दिन शनिवार मानते हैं | बाइबिल अनुसार सातवाँ दिन सप्ताह का है जिसदिन आराम करने की बात है अथवा उपासना के लिए पृथक बताया गया है जो रविवार को मन गया है | इसे इस्लाम में शुक्रुवार को इबादत का दिन मानते हैं इस दिन जुम्मा की विशेष नमाज होती है, इस्लाम ने इन यहूदी और ईसाई दोनों को मतों का अनुकरण किया है | परन्तु कुछ अंतर रखने के विचार से उन्होंने शनिवार और रविवार को छोड़ बीचका शुक्रवार को पवित्र मानने की आज्ञा मुहम्मद साहब ने दी |
कुरान में बाइबिल से बैटन को किया है, फिर भी उससे अलग भी कहा | देखें =महेन्द्रपाल आर्य =वैदिकप्रवक्ता =30 =4 =18 =