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सृष्टि विषय को बैबिलसे देखा था, अब कुरान से भी |

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|| सृष्टि विषय को बाइबिल से देखा, अब कुरान से देखें|| { भाग 6}
|| अब शैतान कौन और क्या है उसे कुरान से देखें ||
 
बाइबिल से साँप रूपी शैतान अथवा दुरात्मा को देखा है, अब कुरान में अल्लाह ने क्या कहा उसे गौर से देखें सुनें और समझें | इसलाम के अनुसार अल्ला ने फरिश्तों को आग से बनाया गया बताया, कुरान से पता लगता है | इन फरिश्तों में से एक का नाम अजाज़िल था, जिसने अल्लाह की बड़ी इबादत की, इस जमीन से ले कर सातवाँ आसमान तक { उपर देख चुके }अल्लाह की बारगाह में उसने सिजदा की जमीं से आसमान तक कोई जगह खाली नहीं छोड़ी उसने इबादत करने में अल्लाह के नाम से हर जगह उसने सिजदा की |
इससे खुश होकर अल्लाह ने उसे कई उपाधी भी प्रदान किया, जैसा आबिद, जाहिद, सालेह, खाशेय और भी कई नाम अल्लाह की दी हुई है | इससे अल्लाह खुश होकर अपना अर्श भी दिखा दिया, जो किसी दुसरे को यह नसीब नहीं था | अल्लाह ने इन सभी फरिश्तों को बुला कर कहा मैं अपना एक नायब प्रतिनिधि बनाना चाहता हूँ | सभी फरिश्तों ने कहा ऐ अल्लाह हम सभी तो आप की उपासना करते हैं, फिर आप मानव किस लिए बनाना चाहते हैं ? अल्लाह ने कहा मैं जो जानता हूँ वह तुम नहीं जानते, उसे कुरान की भाषा में क्या कहा है सुनिए |
وَإِذْ قَالَ رَبُّكَ لِلْمَلَائِكَةِ إِنِّي جَاعِلٌ فِي الْأَرْضِ خَلِيفَةً ۖ قَالُوا أَتَجْعَلُ فِيهَا مَن يُفْسِدُ فِيهَا وَيَسْفِكُ الدِّمَاءَ وَنَحْنُ نُسَبِّحُ بِحَمْدِكَ وَنُقَدِّسُ لَكَ ۖ قَالَ إِنِّي أَعْلَمُ مَا لَا تَعْلَمُونَ [٢:٣٠]
और (ऐ रसूल) उस वक्त क़ो याद करो जब तुम्हारे परवरदिगार ने फ़रिश्तों से कहा कि मैं (अपना) एक नाएब ज़मीन में बनानेवाला हूँ (फरिश्ते ताज्जुब से) कहने लगे क्या तू ज़मीन में ऐसे शख्स को पैदा करेगा जो ज़मीन में फ़साद और खूँरेज़ियाँ करता फिरे हालाँकि (अगर) ख़लीफा बनाना है (तो हमारा ज्यादा हक़ है) क्योंकि हम तेरी तारीफ व तसबीह करते हैं और तेरी पाकीज़गी साबित करते हैं तब खुदा ने फरमाया इसमें तो शक ही नहीं कि जो मैं जानता हूँ तुम नहीं जानते | सूरा 2 बकर आयत 30 =
وَعَلَّمَ آدَمَ الْأَسْمَاءَ كُلَّهَا ثُمَّ عَرَضَهُمْ عَلَى الْمَلَائِكَةِ فَقَالَ أَنبِئُونِي بِأَسْمَاءِ هَٰؤُلَاءِ إِن كُنتُمْ صَادِقِينَ
और (आदम की हक़ीक़म ज़ाहिर करने की ग़रज़ से) आदम को सब चीज़ों के नाम सिखा दिए फिर उनको फरिश्तों के सामने पेश किया और फ़रमाया कि अगर तुम सच्चे हो तो मुझे इन चीज़ों के नाम बताओ | सूरा 2 बकर –आयत 31
قَالُوا سُبْحَانَكَ لَا عِلْمَ لَنَا إِلَّا مَا عَلَّمْتَنَا ۖ إِنَّكَ أَنتَ الْعَلِيمُ الْحَكِيمُ [٢:٣٢]
तब फ़रिश्तों ने (आजिज़ी से) अर्ज़ की तू (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है हम तो जो कुछ तूने बताया है उसके सिवा कुछ नहीं जानते तू बड़ा जानने वाला, मसलहतों का पहचानने वाला है | बकर 32
قَالَ يَا آدَمُ أَنبِئْهُم بِأَسْمَائِهِمْ ۖ فَلَمَّا أَنبَأَهُم بِأَسْمَائِهِمْ قَالَ أَلَمْ أَقُل لَّكُمْ إِنِّي أَعْلَمُ غَيْبَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَأَعْلَمُ مَا تُبْدُونَ وَمَا كُنتُمْ تَكْتُمُونَ [٢:٣٣]
(उस वक्त ख़ुदा ने आदम को) हुक्म दिया कि ऐ आदम तुम इन फ़रिश्तों को उन सब चीज़ों के नाम बता दो बस जब आदम ने फ़रिश्तों को उन चीज़ों के नाम बता दिए तो खुदा ने फरिश्तों की तरफ ख़िताब करके फरमाया क्यों, मैं तुमसे न कहता था कि मैं आसमानों और ज़मीनों के छिपे हुए राज़ को जानता हूँ, और जो कुछ तुम अब ज़ाहिर करते हो और जो कुछ तुम छिपाते थे (वह सब) जानता हूँ | बकर 33
 
बाइबिल में यह नहीं बताया की यहोवा नें आदम को हर वस्तु का नाम बताया, आदम के सामने लाने पर उन सभी का नाम बतादिया था | कुरान में कहा अल्लाह ने हर चीज का नाम आदम को बता कर फरिश्तों से पुछा इन सब का नाम बताव सब ने कहा आप ने हमें जितना सिखाया हम उतना ही जानते है | अल्लाह ने कहा देखो जिसे बनाने को मन किया था उसे पूछते हैं, आदम से पूछने पर उसने सब का नाम बता दिया | किन्तु कुरानी अल्लाह ने फरिश्तों को किसी भी वस्तु का नाम नहीं बताया, फरिश्तों के लिए बताना संभव नहीं था, अब आदम को सभी नाम बता दिया था, और आदम ने सब का नाम बता दिया | यह अल्लाह का पक्ष पात |
 
नोट :- बाइबिल में आदम को सिजदा करने की बात नहो है, किन्तु कुरान में अल्लाह ने सभी फरिश्तों को सिजदा करने को कहा | सभी ने सिजदा की उस अजाज़िल फ़रिश्ते को छोड़ कर | अल्लाह ने उसे कहा तू सिजदा क्यों नहीं करता उसने कहा मैं बड़ा हूँ मैं आग से बना हूँ यह मिटटी से बनी है मैं इससे पहले बना मैं इससे बड़ा हूँ | अल्लाह ने उसी का नाम शैतान कहा, इब्लीस बताया |
وَإِذْ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ أَبَىٰ وَاسْتَكْبَرَ وَكَانَ مِنَ الْكَافِرِينَ [٢:٣٤]
और (उस वक्त क़ो याद करो) जब हमने फ़रिश्तों से कहा कि आदम को सिजदा करो तो सब के सब झुक गए मगर शैतान ने इन्कार किया और ग़ुरूर में आ गया और काफ़िर हो गया | बकर 34
وَقُلْنَا يَا آدَمُ اسْكُنْ أَنتَ وَزَوْجُكَ الْجَنَّةَ وَكُلَا مِنْهَا رَغَدًا حَيْثُ شِئْتُمَا وَلَا تَقْرَبَا هَٰذِهِ الشَّجَرَةَ فَتَكُونَا مِنَ الظَّالِمِينَ
और हमने आदम से कहा ऐ आदम तुम अपनी बीवी समैत बेहिश्त में रहा सहा करो, और जहाँ से तुम्हारा जी चाहे उसमें से खाओ (पियो) मगर उस दरख्त के पास भी न जाना (वरना) फिर तुम अपना आप नुक़सान करोगे | सूरा बकर 2 का 35
فَأَزَلَّهُمَا الشَّيْطَانُ عَنْهَا فَأَخْرَجَهُمَا مِمَّا كَانَا فِيهِ ۖ وَقُلْنَا اهْبِطُوا بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ ۖ وَلَكُمْ فِي الْأَرْضِ مُسْتَقَرٌّ وَمَتَاعٌ إِلَىٰ حِينٍ [٢:٣٦]
तब शैतान ने आदम व हौव्वा को (धोखा देकर) वहाँ से डगमगाया और आख़िर कार उनको जिस (ऐश व राहत) में थे उनसे निकाल फेंका,और हमने कहा (ऐ आदम व हौव्वा) तुम (ज़मीन पर) उतर पड़ो तुममें से एक का एक दुशमन होगा और ज़मीन में तुम्हारे लिए एक ख़ास वक्त (क़यामत) तक ठहराव और ठिकाना है | सूरा बकर =36
فَتَلَقَّىٰ آدَمُ مِن رَّبِّهِ كَلِمَاتٍ فَتَابَ عَلَيْهِ ۚ إِنَّهُ هُوَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ [٢:٣٧]
फिर आदम ने अपने परवरदिगार से (माज़रत के चन्द अल्फाज़) सीखे पस खुदा ने उन अल्फाज़ की बरकत से आदम की तौबा कुबूल कर ली बेशक वह बड़ा माफ़ करने वाला मेहरबान है | बकर 37
وَلَقَدْ خَلَقْنَاكُمْ ثُمَّ صَوَّرْنَاكُمْ ثُمَّ قُلْنَا لِلْمَلَائِكَةِ اسْجُدُوا لِآدَمَ فَسَجَدُوا إِلَّا إِبْلِيسَ لَمْ يَكُن مِّنَ السَّاجِدِينَ [٧:١١]
हालाकि इसमें तो शक ही नहीं कि हमने तुम्हारे बाप आदम को पैदा किया फिर तुम्हारी सूरते बनायीं फिर हमनें फ़रिश्तों से कहा कि तुम सब के सब आदम को सजदा करो तो सब के सब झुक पड़े मगर शैतान कि वह सजदा करने वालों में शामिल न हुआ। सूरा 7 अयराफ 11
महेन्द्रपाल आर्य =वैदिकप्रवक्ता =29 /4 /18 =

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