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हिन्दू मुस्लिम एकता में जुटे संगठन से आग्रह |

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|| हिन्दू मुस्लिम एकता में जुटे संगठनों से आग्रह ||
एक बात दिलमें गांठ बाँध लेना चाहिए,यह शब्द ही गलत है और एक दुसरे के विरोधी भी | इसका मूल कारण क्या है उसपर विचार करें, जब तक यह नाम है, हिन्दू, और मुस्लिम तब तक इनमें एकता सम्भव नहीं है |
कहाँ कहाँ खोखला पण है देखें, जब से दुनिया बनी तब से लेकर आज तक यह द्वन्द है मुसलमानों के या इस्लाम व ईसाइयों के मुताबिक अल्लाह ने दुनिया बनाई सब छोड़ कर लिख रहा हूँ मूल मूल बातें | अल्लाह ने एक पुरुष को बनाया, उसके एकेलेपन को दूर करने के लिए उसी की पसली निकालकर उसकी पत्नी या उसकी जोड़ी को बनाया |
कुरान या इस्लाम के मुताबिक स्त्री पुरुषों में शादी के बाद कोई पति पत्नी बन सकता है – और यही मानवीय परिपाटी है | अगर शादी हुई इन आदम और हव्वा की तो निकाह कौन कराया था ? यानि निकाह करवाने वाले काजी कौन थे ? मेंहर के बिना इस्लाम में शादी नहीं होती – इन दोनों की शादी में मैहर कितना था –और गवाह कौन कौन थे ?
दूसरी बात है की अल्लाह इन पति पत्नी के जोड़ों से दो दो एक बेटा एक बेटी पैदा किया भाई बहनों में शादी हुई लम्बी कहानी है कभी फिर | यहाँ दोनों भाई में कौन किस बहन से शादी करे को लेकर झगडा हुवा एक दुसरे को मार दिया | उसके बाद उसे दफ़नाने के लिए कव्वे आये दो –वह भी आपस में लाडे एक कव्वे ने दुसरे को मार दिया और मिटटी में गाढ़ा यह देख कर आदम संतान ने मरे भाई को गाढ दिया | दुनिया वालों यह बातें जरुर ध्यान में रखना की यह झगडा भाई भाई का हो या क्व्वे का यह झगड़ा करवाने मरवाने वाला अल्लाह ही है |
जिन मुस्लिमों की मान्यता यही है जो दुनिया के बनते ही या बनाते ही अल्लाह मानव को मानव से लड्वाता हो उन मुस्लिमों से एकता क्यों और कैसी ? कतल करना की जन्म से जहाँ बताया सिखाया संझाया और पढाया गया हो वह एकता कहाँ से लायेंगे ?
रही बात इन अक्ल्के अंधे हिन्दुओं की जो हिन्दू मुस्लिमों से एकता करना करवाना चाहते हैं वह निहायत अनभिज्ञ हैं कारण हिन्दुओं में भाई भाई का मेल दिखाया सिखाया बताया पढाया गया है | प्रमाण मर्यादा पुरुषोत्तम राम ही उधारण है राम 14 वर्ष के लिए राज्य को त्याग कर जंगल में विचरण कर रहे हैं | वहां भी संध्या ईश उपासना कर रहे हैं = तुलसी ने लिखा संध्या कारन चले दोऊभाई | कुछ समय बाद भाई भरत राम जी को लौटाने आये, राम ने कहा भाई मैं मातापिता का आदेश का उलंघन नहीं कर सकता | उन्हों ने 14 वर्ष हमें जंगल में रहने का आदेश दिया है, तो उससे पहले जाना मातापिता का अपमान होगा जो मैं नहीं कर सकता | आप जाव राज्य संभालो मैं समय समाप्त करके आता हूँ |
इधर भरत जब मनवा नहीं पाए अपने बड़े भाई को तो राम के खड़व को अपने साथ लेकर लौट आये | राज्य चलाया किन्तु इसे नहीं भुला की यह राज्य हमारा नहीं है भाई का है अपने सिंहासन पर राम के खडंव को रखा | यह है भाई भाई का प्यार यह प्यार जिन हिणुओं के पास हो अगर यही प्यार कहीं और बाँटने के लिए एकता चाहें तो किनके साथ एकता कर रहे हैं वह देखना पड़ेगा या नही ?
जो जन्म से ही भाई को भाई से लड़ने की शिक्षा पायें हो जो अल्लाह को मानने वाले कुरानी शिक्षा पर अमल करने वाले हैं उन्हें कहाँ एकता में कोई बांध सकता है जो जन्मसे बहनों से शादी को लेकर लड़ते आ रहे हैं | और आश्चर्य की बात है की जिन्हें वह अल्लाह कहते हैं दुनिया का बनाने वाला मानते हैं वही भाई से भाई को लड़वा रहे हों जिनके रग, रग, में रोम रोम में लड़ाई की तयलीम दी गई हो वह कहांसे एकता पर अमल करने वाले हो सकते हैं ? जिनकी बुनियाद ही लढाई हो,इन इस्लाम के पैगम्बर भी लड़ते लड़ते एक लड़ाई में अपनी चार दांत भी तुड़वाये | जो इस्लाम आजतक उसे दांत का तोडना नहीं मानते उस दांत का भी शहीद होना मानते हैं | क्यों और कैसे सत्य क्या होना चाहिए जो कौम आज तक सत्य को सत्य नहीं कहा नहीं माना उस कौम के लोगों से एकता क्यों और कैसे ?
एक तरफ आप लोगों ने देखा राम और भरत दोनों भाईयों ने त्यागा राज्य, विसर्जन दोनों ने दिया | दूसरी तरफ यही राज्य गद्दी को पाने के लिए यही इस्लाम वाले जिन्हें मुसलमान कहा जाता है औरंगजेव ने बाप को बंदी बनाया भाई को कतल किया जो अल्लाह ने सिखाया आदम पुत्रों से हबील और काबिल दोनॉ भाई को लड़ाया | तो इन लड़ने लड़वाने वलों से रामके संतानों की एकता क्यों और कैसा संभव है ?
अगर हम अपनी महांनता और उदारता को बांटने के लिए किसी से एकता करना चाहते हों की अपनी खूबी राम के आदर्शों को उन्हें भी बताएं या उन्हें देने के लिए एकता करना चाहते हैं | तो उन्हें यह जानना जरूरी होगा की मुसलमान कुरान को अपना आदर्श मानता है अल्लाह का हुकुम मानता है उसी के अनुसार अपना जीवन चलाना चाहता है | तो क्या कुरान में कहीं हिन्दू मुस्लिम एकता की बात है ? या कुरान में अल्लाह ने कहीं भी बताया है की मुस्लमान हिन्दुओं के साथ भी एकता करो ? नहीं बताया, अल्लाह ने बल्कि अल्लाह ने मुसलमानों को मना किया है की हिन्दुवों के साथ दिली और जुबानी दोस्ती तक ना रखों |
لَّا يَتَّخِذِ الْمُؤْمِنُونَ الْكَافِرِينَ أَوْلِيَاءَ مِن دُونِ الْمُؤْمِنِينَ ۖ وَمَن يَفْعَلْ ذَٰلِكَ فَلَيْسَ مِنَ اللَّهِ فِي شَيْءٍ إِلَّا أَن تَتَّقُوا مِنْهُمْ تُقَاةً ۗ وَيُحَذِّرُكُمُ اللَّهُ نَفْسَهُ ۗ وَإِلَى اللَّهِ الْمَصِيرُ [٣:٢٨]
मोमिनीन मोमिनीन को छोड़ के काफ़िरों को अपना सरपरस्त न बनाऐं और जो ऐसा करेगा तो उससे ख़ुदा से कुछ सरोकार नहीं मगर (इस क़िस्म की तदबीरों से) किसी तरह उन (के शर) से बचना चाहो तो (ख़ैर) और ख़ुदा तुमको अपने ही से डराता है और ख़ुदा ही की तरफ़ लौट कर जाना है |

मैंने मात्र एक प्रमाण दिया है और भी प्रमाण कुरान में मौजुद हैं | जहाँ अल्लाह ने खुद मुसलमानों से कहा गैर मुस्लिम से दोस्ती ना रखो तो क्या मुस्लमान कुरान के विपरीत चलेंगे ?

अगर राष्ट्र में राष्ट्रीयता का परचम लहराना है तो एक मात्र राष्ट्र निर्माण पार्टी ही है जो वेद के अनुसार मानव को मानवता का पाठ सिखाने और बताने के लिए बनी है | जहाँ ना कोई हिन्दू है और ना कोई मुसलमान सिर्फ मानव और मानवता का ही पाठ पढ़ाती है मानव को मानवता का बोध कराती है | मानवों को हिन्दू मुसलमानों की चंगुल से छुड़ा कर सिर्फ और सिर्फ मानव बनाने का उपदेश करता है |

हिन्दू ही हिन्दू से मतभेद रखता है जो हिन्दू आज तक अपनों में एकता नहीं ला सकी, जो हिन्दू अपनों को ही एकता के सूत्र में नहीं पिरो पाया, अगर वह मुसलमानों से एक ता की बात करे तो हास्यस्पद है | ठीक इस्लाम भी जन्मकाल से लेकर आज तक अपनों में एक ता नहीं ला सकी वह हिंदुओं के साथ एक ता की बात करे | तो यह मुर्दों का बोलना प्रतीत होगा | हसन हुसैन को कोई हिन्दुओं ने नहीं मारा था | आज तक मुसलमानों में एक दुसरे से मतभेद है जो लोग आपसमें एकता नहीं ला सकते वह औरों में एक ता कैसे ला सकते हैं ?

एकता का होना तभी संभव है जब कोई सत्य का धारण और असत्य को त्याग दे अपना स्वार्थ को त्याग दे = मानव मात्र का कल्याण संसार का उपकार ही मात्र लक्ष्य हो – जहाँ ना कोई हिन्दू और ना कोई मुसलमान हो मानव और मानवता के लिए इस राष्ट्र को समृद्धि शाली बनाना हो अपनी उन्नति में संतुष्ट न रहकर सब की उन्नति को अपनी उन्नति समझने की बात जहाँ हो उसी में मानवता की रक्षा और राष्ट्र की उन्नति है | इन हिन्दू मुसलमानों की लड़ाई से मानव समाज को मुक्ति दिलाना चाहते हों तो, एक मात्र मानवतावादी पार्टी है राष्ट्र निर्माण पार्टी = इनके विचार को आपलोग भी जानें औरों को भी जानकारी कराएं | धन्यवाद के साथ = महेंद्र पाल आर्य- राष्ट्रिय प्रवक्ता राष्ट्र निर्माण पार्टी =सदस्यता का संपर्क सूत्र =पहलवान धर्मवीर सिंह –दिल्ली 9911500369 =20 /7 /19 =

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