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कुरान कला मुल्ला न होने का प्रमाण कुरान से |

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|| कला मुल्ला नहीं प्रमाण कुरान ही है ||
दुनिया में मानव कहलाने वाले अपने अक्ल के लिए मानव कहलाये, तो क्या अक्लसे काम लेना है अथवा अकल पर ताला डालना है ? अगर हम अक्ल से काम लेते हैं तो हमें अपनी अक्ल को पैने बनाना पड़ेगा, या तेज करनी होगी तभी हम मानव कहला सकते हैं उससे पहले नहीं | कारण हमारा सारा काम अक्ल पर टिकी है, अगर अक्ल हट गया, ख़त्म हो गया, तो सब दुनिया के लोग पागल ही कहेंगे तब हम मानव कहलाने के अधिकारी ही नहीं रहेंगे |
अब उसी अकल का जरा प्रयोग करके देखते हैं, दुनियामें मानव कहलाने वाले अपना हो या फिर परिवार के किसी भी सदस्य के लिए जब रिश्ता देखने को निकलते हैं, तो बेटा हो या बेटी अच्छा से अच्छा चेहरा शकल सूरत वाला को ही पसन्द करते हैं |
अप सभी मानव कहलाने वालों को पता है की, बहु लानी हो तो सुन्दर से भी सुन्दर लड़की खोजते हैं, कारण उनके नस्ल आने वाली संतानें भी सुन्दर हो खुबसूरत हो |
अब जिन्हें दामाद चाहिये होता है वह भी अच्छा से अच्छा वर और स्वस्थ के अधिकारी हों देखने में भी सुन्दर लगे गावं हो शहर हो लोग देख कर कहें उमुक व्यक्ति के दामाद देखने में सुन्दर लगता है, बहु के लिए भी कहा जाता है की बहुत ही सुन्दर बहू लाया है उमुक ने |
इस सुन्दरता को लोग देखते सिर्फ इसी लिए की उस परिवार में आने वाली सन्तानें भी सुन्दर हो | लेकिन कुरनी अल्लाह को यह पसन्द नहीं है, और वह कहते हैं, माँ के पेटमें हम जैसा चाहेंगे वैसा ही बनायेंगे बच्चा | अबसवाल आता है की अगर अल्लाह की यह बात सत्य है ठीक है, तो दुनिया में मानव कहलाने वाले वर + वधु = सुन्दर किस लिए खोजते हैं ? यह दोनों बातें एक दुसरे की विरोधी है, सत्य क्या है अल्लाह ने जो कहा वह सत्य है, अथवा धरती पर मानव कहलाने वाले जो देखते हैं परखते हैं वह सही और सत्य है ?
هُوَ الَّذِي يُصَوِّرُكُمْ فِي الْأَرْحَامِ كَيْفَ يَشَاءُ ۚ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ [٣:٦]
वही तो वह ख़ुदा है जो माँ के पेट में तुम्हारी सूरत जैसी चाहता है बनाता हे उसके सिवा कोई माबूद नहीं | सूरा 3 इमरान =आयात 6
رَبَّنَا إِنَّكَ جَامِعُ النَّاسِ لِيَوْمٍ لَّا رَيْبَ فِيهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ لَا يُخْلِفُ الْمِيعَادَ [٣:٩]
ऐ हमारे परवरदिगार बेशक तू एक न एक दिन जिसके आने में शुबह नहीं लोगों को इक्ट्ठा करेगा (तो हम पर नज़रे इनायत रहे) बेशक ख़ुदा अपने वायदे के ख़िलाफ़ नहीं करता | सूरा 3 इमरान, 9

उपर दिए प्रमाणों से कुरान का कहना सच नहीं हो पाया, की अल्लाह माँ के पेट में जैसा चाहे बच्चा पैदा करे | कारण यहीबना की अच्छा बच्चा पैदा होने के लिए अल्लाह का नहीं माँ बाप को सुन्दर सुशिल होना चाहिए, जो दुनिया के मानव कहलाने वाले ही उसे खोजते हैं और तैय करते हैं |

दूसरी जो आयात 9 को देख रहे हैं इस से पता चला कुरान का कहने वाला अल्लाह है ही नहीं, कारण यहाँ कुरान की आयात यह कह रही है, ऐ हमारे परवरदिगार,यह वाक्य अल्लाह के कैसे हो सकते हैं यहाँ अल्लाह ने ही कहा, ऐ हमारे परवरदिगार, तो यह वाक्य अल्लाह के क्यों और कैसे ?

यही कारण है ऋषि दयानंद जी ने ठीक ही कहा है एक अल्लाह दुसरे अल्लाह के नाम से शुरू किया, अब तक मैंने भी अनेक प्रमाण कुरान से ही दिया है | और आज यह प्रमाण दे रहा हूँ की कुरान कलामुल्ला नहीं है इस का प्रमाण यही कुरान की आयत ही है, जो मेरे परवरदिगार एक अल्लाह दुसरे अल्लाह को ही माना है | मानव होने के कारण शब्दों पर विचार करें और सत्य असत्य का निर्णय स्वयं लें |
धन्यवाद के साथ =महेन्द्रपाल आर्य =30 /3 /19 =

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