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कुरान में मेडिकल साइंस विरुद्ध बातें |

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कुरान में मेडिकल साइंस विरुद्ध बातें ||
नोट :- अल्लाह की एक बात से उसकी पर्दा खुलना सम्भव है देखें इस आयत की तफसीर में यह लिखा गया है की एक अल्लाह को छोड़ कोई नहीं जानता की एक माँ के पेट में पलने वाले बच्चा नर है या मादा उसे एक अल्लाह को छोड़ कोई नहीं जानता | यह बातें कितनी झूठी है देखें आज कल के मेडिकल साइंस इतना जानता है अल्ट्रासाउंड के द्वारा के पेट में बच्चा नर है या मादा ? यह बातें अगर कुरान अनुसार अल्लाह को छोड़ कोई नहीं जानता है तो क्या आज के मेडिकल साइंस वालों को अल्लाह मान लिया जाय ? क्या कहती है दुनिया के लोग अल्लाह का कहना सच है अथवा मेडिकल साइंस वालों का कहना सच है ?
सृष्टि बनने के लिए तीन अनादी तत्व की ज़रूरत होती है,1 ईश्वर 2 प्रकृति 3 जीव इन तीनों के बिना किसी भी चीज का बनना संभव नहीं और इन तीनों का रहना भी जरूरी है जब रहेगा नहीं तो बनाया किस चीज से जायेगी ? तीनों का बराबर से होना जरूरी है | जैसा बनाने वाला जिससे बनाया जाय, और जिसके द्वारा बनाया जाय | दुनिया को चलने और चलाने के लिए भी हर जगह इन तीनों की जरूरत होगी ही, दुकानदार, खरिदार, और सामान – इसके बिना दूकान चलना सम्भव नहीं है – परन्तु कुरान में अल्लाह ने ही तीनों का काम एकेले ही किया करते हैं सब जगह अल्लाह ही सब कुछ करने वाला है किसी और की कोई जरूरत ही नहीं है |
قُل لَّا يَعْلَمُ مَن فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ ٱلْغَيْبَ إِلَّا ٱللَّهُ ۚ وَمَا يَشْعُرُونَ أَيَّانَ يُبْعَثُونَ ٦٥
کہہ دو کہ جو لوگ آسمانوں اور زمین میں ہیں خدا کے سوا غیب کی باتیں نہیں جانتے۔ اور نہ یہ جانتے ہیں کہ کب (زندہ کرکے) اٹھائے جائیں گے
आप कह दें कि नहीं जानता है, जो आकाशों तथा धरती में है, परोक्ष को अल्लाह के सिवा और वे नहीं जानते कि कब फिर जीवित किये जायेंगे।
بَلِ ٱدَّٰرَكَ عِلْمُهُمْ فِى ٱلْـَٔاخِرَةِ ۚ بَلْ هُمْ فِى شَكٍّۢ مِّنْهَا ۖ بَلْ هُم مِّنْهَا عَمُونَ ٦٦
بلکہ آخرت (کے بارے) میں ان کا علم منتہی ہوچکا ہے بلکہ وہ اس سے شک میں ہیں۔ بلکہ اس سے اندھے ہو رہے ہیں
बल्कि समाप्त हो गया है उनका ज्ञान आख़िरत (परलोक) के विषय में, बल्कि वे द्विधा में हैं, बल्कि वे उससे अंधे हैं।
यह सूरा 27 अन नमल आयात 65,66,का अर्थ :- कहदे के आसमानों वालों में से जमीन वालों में से कोई भी सिवाए अल्लाह के गैब को नहीं जानता और उन्हें तो यह भी मालूम नहीं के कब उठा खड़े किये जाएँ गे – बल्कि आखिरत के बारे में उनके इल्म ख़तम हो चुके हैं बल्कि यह इससे शक में हैं बल्कि यह इससे अंधे हैं |
{सन्दर्भ आयात} यह प्रमाण इबने कसीर पेज 513,पारा 20,सूरा 27,अन नमल आयात 65,66,का सन्दर्भ = अल्लाह के सिवा कोई गैब दां नहीं = अल्लाह ताला अपने नबी {स} को हुकुम देता है के वह सारे जाहान को मालूम करादें के सारी मखलूक आसमान की हो या जमीन की गैब के इल्म से खाली है – बजुज अल्लाह ताला {वह्दहू ला शारिका लहू} के कोई और गैबका जाननेवाला नहीं – यहाँ इस तिशना मनकताय है यानि सिवाए अल्लाह के कोई इंसान जिन फ़रिश्ता गैब दां नहीं –जैसे फरमान है {व इन्दाहू मफ़ातीहुल गैबे ला याय लमुहा इल्ला हुआ } यानि गैब की कुंजियाँ उसीके पास है जिन्हें उसके सिवा कोई नहीं जानता- और फरमान है {इनल्लाहा इनदाहू यिला मुस्सायत}
अल्लाह ही के पास क़यामत का इल्म है वही बारिश बरसाता है वही मादा के पेट के बच्चे से वाकिफ है – कोई नहीं जानता की वह कल क्या करेगा – न किसी को खबर के वह कहाँ मरेगा ? इल्म व खबिर सिर्फ अल्लाह ही है – और भी इस मजमून की बहुत सी आयतें है – मखलूक तो यह भी नहीं जानती के कयामत कब आएगी – आसमान और जमीनों के रहने वालों में से एक भी वाकिफ नहीं के कयामत का वक्त कौन सा है ? जैसे फरमान है { सकोलत फिस समावाते }सब पर यह इल्म मुश्किल है और बोझल है – वह तो अचानक आजायेगी |
 
अल्लाह ने कहा माँ के पेट में पलने वाले बच्चे नर है या मादा यह सिर्फ अल्लाह ही जानता है | एक मेडिकल साइंस पढने वाला डॉ0 जाकिर नाईक इसे सच मन रहा है | जबकि अल्ट्रासाउंड से यह पता लग्जता है की माँ के पेट में बच्चा बेटा है या बेटी ? तो डॉ0 जाकिर नाईक अल्इाह की कपोल कल्लित बातों को सच कैसे मान लिया ? महेन्द्र पाल आर्य 28/8 /22
 
 

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