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मानव मात्र के लिए एक ही धर्म है,धर्म होता एक ||

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मानव मात्र के लिए एक ही धर्म है,धर्म होता एक ||
 
मानवों में और जानवरों में भेद यही है धर्म, मानवों के लिए धर्म है और जानवरों के लिए नहीं | जो अपने को मानव बतलाये और धर्म को न माने वह मानव कहलाने के हक़दार नहीं |
 
सृष्टि के प्रथम में परमात्मा द्वारा ही बनाया गया है धर्म, धर्म किसी मनुष्यों के बनाये हुए नहीं होते इस पर मेरा बहुत सारा लेख और बहुत सारा विडिओ लगा है मेरे चेनल में देख सकते हैं |
 
सूर्य, चंद्रमा, जल, आकाश, पृथ्वी, यह किसी मानव के बनाये नहीं है यह परमात्मा ने सृष्टि के आदि से दिया है और प्राणी मात्र के लिए दिया हैं | ऐसे परमात्मा को जो नहीं मानता है वेद उसे मानव कहलाने को मना किया है |
 
वह मानवों के शकल में अ मानव है, इस लिए मानव मात्र को चाहिए सृष्टि कर्ता को जानना उसे पहचानना उसके सानिध्य को प्राप्त करने वाले का नाम मानव है उसपर चलने का नाम मानवता है |
 
आज रात के 8 बजे मेरे लाइव स्ट्रीम में सुनें, इसी धर्म और नास्तिकता को जो पिछले विडिओ में देखा और सुना है मुफ़्ती यासिर नदीम अल वाजदी के डिबेट सच वाला के साथ था | आज उसकी सत्यता को देख सकते हैं विचार पूर्वक सही किस का है इसे जान सकते हैं |
 
सत्य एक ही होता है सत्य कभी दो नहीं हो सकता उस सत्य को जानने वाले का ही नाम मानव है |
अब सत्य किसका है दोनों में किसी एक का सत्य होगा, अथवा दोनों ही झूठ ? इसका लब्बोलुबाब क्या है उसे आज जन मांनस के पटल पर रखेंगे जिसे लोग सुनें समझें और विचार करें सत्य किनका है अथवा दोनों ही असत्य है ?
 
आज 4/9/22 के रत 8 बजें मेरे लाइव स्ट्रीम में जुड़ कर देख सकते हैं और सुन सकते हैं | महेन्द्र पाल आर्य 4 /9 /22 धन्यवाद के साथ ||

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